India US Trade Deal: भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंधों में जल्द ही सुधार देखने को मिल सकता है. सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने संकेत दिए हैं कि अमेरिका जल्द ही भारतीय प्रोडेक्ट्स पर लगाए गए 25% पेनल्टी टैरिफ को हटा सकता है. इसके अलावा, अमेरिका रेसिप्रोकल टैरिफ को भी 25% से घटाकर 10-15% कर सकता है.
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बातचीत जारी, 8-10 वीक में समाधान संभव
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर बातचीत जारी है. नागेश्वरन ने बताया कि दोनों देशों के अधिकारी लगातार संपर्क में हैं और उम्मीद है कि शुल्क संबंधी यह समस्या अगले 8 से 10 सप्ताह में सुलझ जाएगी.
हाल ही में, दिल्ली में अमेरिकी और भारतीय प्रतिनिधियों के बीच लगभग 7 घंटे की अनौपचारिक बैठक हुई थी. इस बैठक को काफी सकारात्मक बताया गया है, जिससे दोनों देशों के बीच जल्द ही व्यापार समझौते की उम्मीद जगी है.
इन सेक्टर्स को मिलेगा फायदा
वर्तमान में अमेरिका को भारत के कुल निर्यात का लगभग 55% हिस्सा हाई टैरिफ के दायरे में आता है. इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले सेक्टर्स में कपड़ा, रसायन, समुद्री भोजन, रत्न और आभूषण तथा मशीनरी शामिल हैं.
अगस्त में अमेरिका को भारत का निर्यात घटकर 6.87 अरब डॉलर रह गया था, जो पिछले 10 महीनों का सबसे निचला स्तर था. पेनल्टी टैरिफ हटने से इन सभी सेक्टर्स को फिर से मजबूती मिलेगी.
भारत-अमेरिका व्यापार संबंध
अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार बना हुआ है, जहां भारत के कुल निर्यात का 20% हिस्सा जाता है. वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने अमेरिका को 86.51 अरब डॉलर का सामान निर्यात किया था और व्यापार अधिशेष 40.82 अरब डॉलर रहा था. टैरिफ हटने से द्विपक्षीय व्यापार संबंधों में और अधिक सुधार होगा.
ट्रंप ने बताया टैरिफ लगाने का कारण
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत पर टैरिफ लगाने की वजह बताई. उन्होंने कहा कि यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए उन्होंने भारत पर टैरिफ लगाए थे, ताकि रूस पर दबाव बनाया जा सके. उन्होंने यह भी कहा कि अगर वैश्विक तेल की कीमतें गिरती हैं तो रूस समझौता कर लेगा. हालांकि, ट्रंप ने यह भी कहा कि वह भारत और प्रधानमंत्री मोदी के बहुत करीब हैं और उनके संबंध बहुत अच्छे हैं.
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