घर का बजट वर्तमान सैलरी में फिट नहीं बैठ रहा. बच्चों की फीस, मकान का रेंट समेत दूसरे खर्च भारी पड़ रहे हैं. ऐसे में घर का काम-काज देख रही महिलाएं भारतीय जीवन बीमा (LIC) की 'बीमा सखी योजना' से जुड़कर 7000 रुपए महीने की आमदनी कर सकती हैं. ये अमाउंट तो कम से कम है.यदि वो कोशिश करें तो हर महीने 20-30 हजार रुपए घर बैठे कमा सकती हैं.
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प्रदीप और रागिनी टियर वन सिटी में रहते हैं. उनके दो बच्चे हैं. प्रदीप एक निजी कंपनी में काम करते हैं, जबकि रागिनी घर संभालती हैं. प्रदीप की सैलरी से केवल घर का रेंट, बच्चों की फीस और दैनिक जीवन के खर्च ही संभल पाते हैं. दोनों अपने भविष्य और बच्चों के एजुकेशन के लिए पैसे नहीं जोड़ पाते हैं. रागिनी कोई ऐसा रोजगार चाहती हैं जो घर बैठे संभव हो सके, ताकि वे बच्चों की देखभाल अच्छी तरह से कर सकें और मंथली आमदनी भी कर सकें.
ऐसे में रागिनी के लिए LIC की 'बीमा सखी योजना' (Mahila Career Agent) बड़े काम ही है. ये स्कीम केवल महिलाओं के लिए है. इस योजना से जुड़कर रागिनी हर महीने 7000 रुपए स्टाइपेंड पा सकती हैं. साथ ही उन्होंने यदि अपने आसपास, अपने जानकारों से संपर्क करके और अपना सोशल दायरा बढ़ाते हुए बीमा की संख्या बढ़ाने लगीं तो कहना ही क्या है. फिर उनकी आमदनी दिन-दोगुनी रात चौगुनी बढ़ सकती है.
Personal Finance की इस सीरीज में हम बता रहे हैं कि आप इससे कैसे जुड़ें और इससे जुड़कर अपना इनकम कैसे बढ़ाए...यानी इस योजना का A to Z यहां जानें.
योजना का उद्देश्य
12 सितंबर 2024 से LIC ने ग्रामीण और अर्ध‑शहरी इलाकों की महिलाओं के लिए इस नई स्कीम की शुरूआत की है. बीमा सखी योजना (महिला करियर एजेंट स्कीम) का उद्देश्य है महिलाओं को वित्तीय रूप से सशक्त बनाना है. इसके साथ ही स्थानीय स्तर पर बीमा जागरूकता को बढ़ाने के मद्देनजर भी इस स्कीम को लॉन्च किया गया है.
क्या है यह योजना?
- इस वजीफा प्लान की अवधि 3 साल की है.
- इससे जुड़ने पर महिलाओं को पहले वर्ष में मासिक ₹7,000 रुपए मिलते हैं.
- दूसरे वर्ष में ₹6,000 रुपए मंथली दिए जाते हैं.
- तीसरे वर्ष में LIC मंथली ₹5,000 की स्टाइपेंड देती है.
शर्त: दूसरे वर्ष में तभी 6000 का स्टाइपेंड मिलेगा जब पहले वर्ष में की गई पॉलिसीज में से कम‑से‑कम 65% इनफोर्स हों. वहीं तीसरे वर्ष 5000 महीने का स्टाइपेंड तभी मिलेगा जब दूसरे वर्ष में बेची गई पॉलीसीज में से कम से कम 65% इनफोर्स हों. यानी केवल पॉलिसी बेचने भर से काम नहीं चलेगा. इस बात की तस्दीक होनी चाहिए कि सभी पॉलिसी का प्रीमियम समय पर जमा हो रहा हो.
कमीशन की कमाई: स्टाइपेंड के अलावा जितनी पॉलिसी सेल होंगी उनपर एक बीमा एजेंट की तरह कमीशन भी बनेगा. वो स्टाइपेंड से अलग दिया जाएगा. यानी महिलाएं घर बैठे अच्छी आमदनी कर सकती हैं.
कौन हैं इसके पात्र?
- पहली शर्त- ये वजीफा योजना है जो केवल महिलाओं के लिए है.
- इस योजना के तहत किसी व्यक्ति की नियुक्ति को बीमा निगम के कर्मचारी के रूप में नहीं माना जाएगा.
- इसमें न्यूनतम आयु 18 वर्ष और अधिकतम 70 साल होनी चाहिए.
- आवेदक कम से कम 10वीं पास होना चाहिए.
ऐसी महिलाएं नहीं सकती आवेदन
- वे महिलाएं जो पहले से एजेंट हैं या किसी LIC कर्मचारी के रिश्तेदार हैं वे पात्र नहीं है.
- रिश्तेदार यानी पति या पत्नी, गोद लिए गए और सौतेले बच्चों सहित बच्चे (चाहे आश्रित हों या नहीं), माता-पिता, भाई, बहन या सगे ससुराल वाले.
- निगम के रिटायर्ड कर्मचारी इसके पात्र नहीं हैं.
- फिर से नियुक्ति चाहने वाले पूर्व एजेंट भी इस योजना से नहीं जुड़ सकते.
- मौजूदा एजेंट भी इस योजना में शामिल नहीं हो सकते.
कैसे जुड़ें?
- आवेदन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से कर सकते हैं.
- ऑफलाइन के लिए LIC के नजदीकी ब्रांच पर जाना होगा.
- ऑनलाइन के लिए आवेदन LIC की वेबसाइट पर जाकर अपलोड करना होगा.
- आवेदन पत्र के साथ हाल ही में क्लिक की गई पासपोर्ट आकार की तस्वीर अपलोड होगी.
- आवेदन पत्र के साथ आयु प्रमाण पत्र की स्व-सत्यापित कॉपी अपलोड करनी होगी.
- पते के प्रमाण की सेल्फ अटेस्टेड कॉपी लगेगी.
- एजुकेशनल क्वालिफिकेशन की भी सेल्फ अटेस्टेड कॉपी अपलोड करनी होगी.
- यदि दी गई जानकारी अधूरी है तो आवेदन रिजेक्ट हो जाएगा.
3 साल बाद क्या?
- 3 साल बाद स्टाइपेंड भले ही खत्म कर दिया जाएगा, लेकिन महिला एजेंट एक LIC एजेंड की तरह काम करती रहेंगी.
- महिलाएं नई पॉलिसी कराने, पुराने पॉलिसी के रिन्युअल पर कमीशन पाती रहेंगी.
- इनका रजिस्ट्रेशन आजीवन वैध रहेगा.
- ज्यादा बिजनेस करने पर इन्हें रिवार्ड्स, बोनस के अलावा बिजनेस ट्रिप भी मिल सकता है.
2025-26 में इसके लिए 520 करोड़ का बजट
PIB के मुतबिक एलआईसी ने वित्त वर्ष 2024-25 में बीमा सखियों को 62.36 करोड़ रुपए स्टाइपेंड के रूप में दिए हैं. चालू वित्त वर्ष (2025-26) में, एलआईसी ने इस योजना के लिए 520 करोड़ रुपये का बजट उपलब्ध कराया है, जिसमें से 14 जुलाई 2025 तक 115.13 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. अभी तक देश में 2,05,896 बीमा सखियां हैं.
निष्कर्ष:
महिलाएं यदि बीमा सखी योजना से जुड़ती हैं तो वे अपनी प्रतिभा को तराश सकती है. इस दौरान उन्हें मोटिवेशन के रूप में स्टाइपेंड मिलता रहेगा. मंथली इनकम उन्हें मोटिवेट करेगा और वे अपने लिए कॉरियर की एक नई राह बना सकती हैं.
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