Next-Generation GST Reform: प्रधानमंत्री मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में नेक्स्ट-जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म की बात कहकर एक बड़े बदलाव का संकेत दिया है. सरकार अब 12% के GST स्लैब को खत्म करने और उसमें आने वाले सामानों को 5% और 18% के स्लैब में फिर से बांटने पर विचार कर रही है. अगर यह प्रस्ताव लागू होता है तो यह 2017 में GST लागू होने के बाद सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म होगा. इससे आम जनता और कारोबारियों दोनों पर असर पड़ेगा.
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पीएम मोदी ने लाल किले से क्या कहा?
पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा, "इस दिवाली मैं आपके लिए डबल दिवाली का काम करने वाला हूं. पिछले 8 वर्षों में हमने GST में बड़ा सुधार किया है. हम नेक्स्ट जनरेशन GST सुधार लेकर आ रहे हैं. सामान्य मानवी की जरूरतों के टैक्स भारी मात्रा में कम कर दिए जाएंगे."
क्या है मौजूदा GST स्ट्रक्चर?
देश में वर्तमान में, GST के 5 मुख्य स्लैब हैं, इनमें 0%, 5%, 12%, 18% और 28% शामिल है. इनके अलावा, सोने और चांदी जैसी कीमती धातुओं पर 0.25% और 3% की विशेष दरें भी लागू होती हैं.
मौजूदा दरों के तहत वस्तुओं का विभाजन कुछ इस तरह है:
- 5% स्लैब में लगभग 21% वस्तुएं शामिल हैं.
- 12% स्लैब में 19% वस्तुएं आती हैं.
- 18% स्लैब में सबसे ज्यादा, यानी 44% वस्तुएं शामिल हैं.
- सबसे ऊंचे 28% स्लैब में केवल 3% वस्तुएं आती हैं.
क्यों हो रहा है यह बदलाव?
इस टैक्स रिफॉर्म के पीछे का मकसद GST सिस्टम को सरल और आसान बनाना है. 12% के स्लैब को हटाने से केवल तीन मुख्य दरें (5%, 18% और 28%) रह जाएंगी, जिससे टैक्स सिस्टम (compliance) आसान हो जाएगा. सरकार का यह स्टेप 'ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस' को बढ़ावा देगा और टैक्स कलेक्शन को और अधिक कुशल बनाएगा.
जेब पर क्या होगा असर?
GST टैक्स रिफॉर्म में बदलाव सीधे तौर पर आम उपभोक्ता की जेब पर असर पड़ेगा. 12% स्लैब के तहत आने वाली कई रोजमर्रा की चीजें जैसे मक्खन, घी, नमकीन और जूस को 5% स्लैब में ले जाया जा सकता है, जिससे वे सस्ती हो जाएंगी.
वहीं, कुछ गैर-जरूरी या लक्जरी वस्तुएं 18% स्लैब में जा सकती हैं, जिससे उनकी कीमतें बढ़ सकती हैं. जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा, जिसमें यह तय होगा कि कौन-सी वस्तुएं किस स्लैब में डाली जाएंगी.
भारत रुकना नहीं चाहता: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अब रुकना नहीं चाहता है और हर पल का उपयोग आगे बढ़ने के लिए करना चाहता है. यह सुधार देश के लिए बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने का एक नया अवसर है. इस ऐलान को देश की आर्थिक दिशा में एक महत्वपूर्ण मोड़ के तौर पर देखा जा रहा है.
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