मार्च 31 को पुराना फाइनेंशियल ईयर खत्म होकर 1 अप्रैल से नया शुरू हो गया है. कंपनियों में अप्रेजल फॉर्म सबमिट हो चुके हैं और सैलरी बढ़ने की खुशखबरी से लबरेज अप्रेजल लेटर आने लगे हैं. एरियर भी अकाउंट में क्रेडिट होने लगे हैं, लेकिन बिना प्लान के आपने खर्च करना शुरू किया जो बात वहीं ढाक के तीन पात ही बनकर रह जाएगी.
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महीने की 25 तारीख आते-आते बैंक अकाउंट खाली हो जाएगा. क्रेडिट कार्ड या दोस्तों से उधारी का सिलसिला रुकने का नाम नहीं लेगा. फिर आप खुद कहेंगे...सैलरी बढ़ी लेकिन खर्चे तो कंट्रोल ही नहीं हो रहे. Personal Finance की इस सीरीज में सैलरी इन्क्रीमेंट के बाद स्मार्ट प्लानिंग के बारे में आपको बता रहे हैं जिससे बढ़ी हुई सैलरी आपके भविष्य को सिक्योर ही नहीं करेगी बल्कि आपके भरोसे का साथी भी बनेगी.
रौनक की सैलरी 10 लाख सालाना है. उन्हें अपनी कंपनी में 15 फीसदी का इन्क्रीमेंट मिला है. यानी रौनक की सैलरी हुई 11 लाख 50 हजार. अब रौनक के पास मंथली करीब 11000 रुपए इनहैंड अधिक आएंगे. रौनक को इन पैसों का क्या करना चाहिए. उनके लिए टॉप 5 प्रायोरिटी क्या होगी?
बढ़ी हुई सैलरी को कैसे मैनेज करें?
अगर आपकी सैलरी में हाल ही में इंक्रीमेंट हुआ है तो पहले तो आपको बधाई, लेकिन इंक्रीमेंट के बाद सबसे पहला सवाल आता है कि इस बढ़ी हुई इनकम का क्या करें? अगर इंक्रीमेंट के बाद भी सैलरी सालाना ₹12 लाख से कम है तो टैक्स को लेकर क्या स्मार्ट प्लानिंग होनी चाहिए?
जब सैलरी बढ़ती है तो खर्च भी बढ़ जाते हैं, लेकिन अगर आप चाहते हैं कि यह पैसा आपके भविष्य को मजबूत बना सकता है. ऐसे में इन पांच बातों का जरूर ध्यान रखना होगा.
1- कर्ज चुकाएं
सबसे पहले वे कर्ज चुकाएं जिसपर 10 फीसदी या इससे ज्यादा ब्याज हो. इससे आप भारीभरकम ब्याज की मार से तो बचेंगे ही कर्ज के बोझ से मुक्त हो जाएंगे. हर महीने EMI देने की मजबूरी खत्म हो जाएगी.
2- इमर्जेंसी फंड बढ़ाएं
दूसरी और सबसे महत्पूर्ण बात...इमरजेंसी फंड बनाएं. यदि बना हो तो उसका फंड बढ़ाएं. ये एक एक ऐसा फंड होता है जो आप अचानक आने वाली जरूरत जैसे कि नौकरी जाना, मेडिकल इमरजेंसी या फिर घर की मरम्मत के लिए काम आता है. यह आमतौर पर आपकी 3 से 6 महीने की खर्च की राशि के बराबर होता है.
रौनक अपनी बढ़ी हुई सैलरी के साथ हर महीने 9,000 और जोड़कर 20 हजार रुपए मंथली निवेश का टारगेट बनाते हुए इमर्जेंसी फंड बना सकते हैं. रौनक अगर तीन महीने की सैलरी जुटाते हैं तो उन्हें मंथली टेकहोम 86,000 का तीन गुना 2 लाख 60 के करीब जुटाने होंगे. ये रकम वो अगले इन्क्रीमेंट तक जुटा सकते हैं.इस पैसे को सेविंग अकाउंट में रख सकते हैं ताकि जरूरत पर मिल सके.
3- SIP में निवेश बढ़ाएं
तीसरा प्वाइंट है एसआईपी में निवेश बढ़ाएं या फिर नहीं है तो शुरू करें. म्यूच्यूल फंड में एसआईपी के जरिए निवेश करना सबसे अच्छा रिटर्न दे सकता है. आपको और अगर अभी तक आपने एसआईपी में निवेश शुरू नहीं किया है तो तुरंत कर लें और हर साल इंक्रीमेंट के साथ 10 से 15% तक एसआईपी बढ़ाने से रिटायरमेंट तक बड़ा कॉरपस बना सकते हैं.
4- टैक्स सेविंग प्लान/रिटायरमेंट प्लान
चौथा है टैक्स सेविंग में समझदारी से निवेश करें. सेक्शन 80C के तहत बात करें तो ₹1.5 लाख तक की छूट ले सकते हैं. पीपीएफ, ईएलएसएस, एनपीएस या फिर होम लोन प्रोसेसिंग यह सभी एक अच्छे विकल्प हैं. रिटायरमेंट के लिए भी प्लान कर सकते हैं जिसका टैक्स सेविंग में भी फायदा हो.
5- हेल्थ या टर्म इंश्योरेंस
पांचवा है हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस. अगर आपने यह नहीं ले रखा है तो जरूर ले लें. मेडिकल इमरजेंसी कभी भी आ सकती है और हेल्थ इंश्योरेंस कम प्रीमियम में अच्छी सुरक्षा देता है. आज की इस महंगाई में हॉस्पिटल्स के बिल आपको आर्थिक रूप से तोड़ कर रख देंगे. ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस आपका बड़ा सहारा बनेगा. इसके अलावा टर्म इंश्योरेंस आपके परिवार की वित्त सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है.
लाइफ इन्फ्लेशन से बचें
अक्सर सैलरी बढ़ते ही लोग सुविधाओं में इजाफा कर लेते हैं. लाइफस्टाइल से जुड़े कुछ खर्च बढ़ा लेते हैं. महंगे गजेट्स, कार और लग्जरी आइटम पर खर्च करने लग जाते हैं. इसे ही इसे लाइफस्टाइल इन्फ्लेशन कहते हैं. यदि आप खर्च करना ही चाहते हैं बढ़ी हुई सैलरी का 50 फीसदी ही इन कामों पर खर्च करें. बेहतर होगा लाइफस्टाइल इन्फ्लेशन से बचते हुए आप 50 फीसदी पैसे अपने स्किल्स को डवलप करने पर निवेश करें. इससे आपके तरक्की और रास्ते खुलेंगे.
निष्कर्ष
रौनक ने यदि कर्ज लिया है तो उन्हें पहले ये चुकाना होगा. साथ ही हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस नहीं ले पाए हैं तो लेने होंगे. कर्ज चुकाने के बाद उन्हें अपना इमर्जेंसी फंड बढ़ाना होगा यदि वो कम है तो. यदि नहीं तो SIP करना होगा. SIP है तो उसके निवेश का अमाउंट बढ़ाना होगा. अभी रौनक की सैलरी टैक्सेबल नहीं है. फिर भी वे चाहें तो स्मार्ट टैक्स प्लानिंग के तहत निवेश कर सकते हैं.
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