छत्तीसगढ़ से एक बड़ी खबर सामने आई है. राज्य के बस्तर में आज यानी शुक्रवार को 210 नक्सलियों ने सरेंडर कर अपने हथियार डाल दिए है. यह सरेंडर इसलिए भी खास है क्योंकि इसमें नक्सलियों के बड़े टॉप नेता शामिल है. 'नक्सल उन्मूलन नीति' के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में नक्सलियों ने अपने हथियार डाल दिए और हिंसा का रास्ता छोड़कर संविधान के दायरे में लौटने का संकल्प लिया.
ADVERTISEMENT
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस मौके को ऐतिहासिक और निर्णायक दिन बताते हुए कहा, 'आज का दिन सिर्फ छत्तीसगढ़ के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का क्षण है, जब इतने बड़े पैमाने पर नक्सली हिंसा छोड़कर संविधान और विकास के रास्ते पर लौट रहे हैं.'
भारी संख्या में हथियार बरामद
बस्तर के रिजर्व पुलिस लाइन में आयोजित आत्मसमर्पण समारोह में, सरेंडर करने वाले नक्सलियों के पास से कुल 153 हथियार बरामद किए गए हैं. इन हथियारों में 19 AK-47 राइफल, 17 SLR राइफल, 23 INSAS राइफल, 36 (पॉइंट 303) .303 राइफल, 11 BGL लॉन्चर, 41 सिंगल शॉट गन/12 बोर,, 1 पिस्टल समेत अन्य घातक हथियार शामिल हैं.
सरेंडर करने वालों में इस काडर के इतने नक्सली
सरेंडर करने वालों में 110 महिला नक्सली और 98 पुरुष नक्सली शामिल हैं. काडर प्रोफाइल के हिसाब से, इनमें 1 सीसीएम (Central Committee Member), 4 डीकेएसजेडसी (Divisional Committee Member), 21 डीवीसीएम (Divisional Committee Member) और 61 एसीएम (Area Committee Member) जैसे शीर्ष नेता भी शामिल हैं.
बंदूक छोड़ संविधान की शपथ
आत्मसमर्पण से पहले, अबूझमाड़ इलाके से जगदलपुर पहुंचे इन नक्सलियों ने परेड निकाली और हाथों में भारत का संविधान थामे दिखे. मुख्य समारोह में भी, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के सामने इन नक्सलियों ने संविधान हाथ में लेकर हिंसा त्यागने और मुख्यधारा में लौटने की शपथ ली.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भरोसा दिलाया कि सरकार आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को कौशल विकास प्रशिक्षण और पुनर्वास के अवसर प्रदान करेगी, ताकि वे सम्मानजनक जीवन जी सकें. बीजेपी नेता अमित मालवीय ने भी इसे 'ऐतिहासिक दिन' बताते हुए कहा कि अबूझमाड़ मुक्त हो गया है और उत्तर बस्तर से लाल आतंक का सफाया हो चुका है. यह बस्तर के लिए एक नई सुबह है.
इनपुट- धर्मेन्द्र महापात्र/सुमी राजाप्पन
ADVERTISEMENT