छत्तीसगढ़: बीजापुर और गरियाबंद में पुलिस नक्सल मुठभेड़ में एक करोड़ के ईनामी समेत 12 माओवादी ढेर

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद और बीजापुर में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में एक करोड़ के इनामी मोडेम बालकृष्ण समेत 12 नक्सलियों को मार गिराया. यह कार्रवाई नक्सलवाद के खिलाफ बड़ी सफलता मानी जा रही है.

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जितेंद्र बहादुर सिंह

12 Sep 2025 (अपडेटेड: 12 Sep 2025, 05:54 PM)

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छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों को एक बार फिर बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. दरअसल 11 सिंतबर को बीजापुर और गरियाबंद जिलों में हुई अलग-अलग मुठभेड़ों में पुलिस और केंद्रीय बलों ने 12 नक्सलियों को ढेर कर दिया है. 

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खास बात ये है कि मारे गए नक्सलियों में एक करोड़ रुपये का इनामी नक्सली मोडेम बालकृष्ण उर्फ मनोज भी शामिल है जो ओडिशा स्टेट कमेटी (OSC) का एक बड़ा नेता था.

खुफिया जानकारी पर शुरू हुआ ऑपरेशन

मिली जानकारी के अनुसार, गरियाबंद में नक्सलियों की मौजूदगी की पक्की सूचना मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने बुधवार को एक बड़ा ऑपरेशन शुरू किया. इस अभियान में छत्तीसगढ़ पुलिस, CRPF और कोबरा बटालियन की टीमें शामिल थीं. गरियाबंद के एक दूरदराज इलाके में नक्सलियों को घेरकर मुठभेड़ की गई, जिसमें 10 नक्सली मारे गए. वहीं बीजापुर में भी अलग ऑपरेशन में 2 नक्सली ढेर किए गए.

कौन था मोडेम बालकृष्ण?

छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों को एक बार फिर बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. दरअसल 11 सिंतबर को बीजापुर और गरियाबंद जिलों में हुई अलग-अलग मुठभेड़ों में पुलिस और केंद्रीय बलों ने 12 नक्सलियों को ढेर कर दिया है. 

खास बात ये है कि मारे गए नक्सलियों में एक करोड़ रुपये का इनामी नक्सली मोडेम बालकृष्ण उर्फ मनोज भी शामिल है जो ओडिशा स्टेट कमेटी (OSC) का एक बड़ा नेता था.

खुफिया जानकारी पर शुरू हुआ ऑपरेशन

मिली जानकारी के अनुसार, गरियाबंद में नक्सलियों की मौजूदगी की पक्की सूचना मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने बुधवार को एक बड़ा ऑपरेशन शुरू किया. इस अभियान में छत्तीसगढ़ पुलिस, CRPF और कोबरा बटालियन की टीमें शामिल थीं. गरियाबंद के एक दूरदराज इलाके में नक्सलियों को घेरकर मुठभेड़ की गई, जिसमें 10 नक्सली मारे गए. वहीं बीजापुर में भी अलग ऑपरेशन में 2 नक्सली ढेर किए गए.

कौन था मोडेम बालकृष्ण?

मोडेम बालकृष्ण उर्फ मनोज नक्सली संगठन में बेहद अहम पद पर था. उस पर हत्या, पुलिस पर हमले और कई हिंसक वारदातों का आरोप था. सरकार ने उस पर 1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया हुआ था. उसकी मौत को सुरक्षाबलों ने नक्सली नेटवर्क के लिए बहुत बड़ा झटका बताया है. माना जा रहा है कि वह कई बड़े नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड था.

नक्सलियों का पुराना अड्डा है गरियाबंद

गरियाबंद जिला पहले से ही नक्सली गतिविधियों के लिए कुख्यात रहा है. यहां कई बार सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो चुकी हैं, लेकिन हाल के वर्षों में लगातार चल रहे ऑपरेशनों के चलते नक्सलियों की ताकत कमजोर हुई है. इस बार मारे गए नक्सली संगठन की कमर तोड़ने में अहम साबित हो सकते हैं.

गृह मंत्री अमित शाह का बयान

इस बड़ी सफलता पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षाबलों की तारीफ की है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा,

"छत्तीसगढ़ में CRPF की कोबरा कमांडो, छत्तीसगढ़ पुलिस और DRG ने जॉइंट ऑपरेशन चलाकर 1 करोड़ रुपये के इनामी सीसीएम मोडेम बालकृष्णा उर्फ मनोज सहित 10 कुख्यात नक्सलियों को मारा गिराया है. बचे-खुचे नक्सली अब समय रहते आत्मसमर्पण कर दें. 31 मार्च से पहले लाल आतंक का समूल नाश निश्चित है. "

इस साल अब तक 243 नक्सली ढेर

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2025 में अब तक छत्तीसगढ़ में कुल 243 नक्सली मारे जा चुके हैं. इनमें से 214 बस्तर संभाग में, 27 गरियाबंद में और 2 मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी (दुर्ग संभाग) में ढेर हुए हैं. लगातार हो रही इन कार्रवाइयों से आम लोगों का भरोसा सुरक्षा बलों पर बढ़ा है.

सुरक्षाबलों की यह ताजा कार्रवाई नक्सल विरोधी अभियान में एक और बड़ा कदम है. मोडेम बालकृष्ण जैसे बड़े नेता की मौत से नक्सल संगठन को बड़ा झटका लगा है. अब यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में नक्सली आत्मसमर्पण का रास्ता अपनाते हैं या फिर सुरक्षा बलों से टकराव जारी रखते हैं. फिलहाल, राज्य में नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में यह एक मजबूत कदम माना जा रहा है.

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