हाल ही में सोशल मीडिया पर एमपी के लीला साहू का वीडियो जमकर वायरल हो रहा था जिसमें वो सरकार से अपने इलाके की सड़क बनवाने की गुहार लगा रही थी. अब भले ही लीला का मामला वायरल हो गया और उसके पास मदद के लिए प्रशासन पहुंच गई लेकिन ऐसा ही लाखों महिला हैं जिसे सड़क के आभाव में अस्पताल तक जाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है.
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छत्तीसगढ़ से आया ऐसा ही मामला
दरअसल छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले से स्वास्थ्य व्यवस्था की एक ऐसी तस्वीर सामने आई जिसे देखकर आप ये सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि विकास के बड़े-बड़े दावे करने के बावजूद आज भी आम जनता को न्यूनतम जरूरत के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.
इस जिले में पण्डो जनजाति की गर्भवती महिला को पैदल अस्पताल जाते समय रास्ते में ही प्रसव हो गया , इसके बाद परिजन प्रसूता को 15 किमी बाइक पर बिठा कर अस्पताल लेकर गए , फिलहाल महिला व नवजात शिशु दोनों रघुनाथनगर सिविल अस्पताल में भर्ती हैं. इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.
विकासखण्ड के सोनहत गांव का मामला
मामला वाड्रफनगर विकासखण्ड के सोनहत गांव का है. पंडों जनजाति की महिला नवजात के साथ पैदल नदी पार कर अस्पताल पहुंची. इस गांव में पुल और सड़क नहीं होने के जिसके कारण एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाती है. यहां तक बरसात में अक्सर नाले में पानी बढ़ जाता है और पुल के अभाव में लोगों को मुसीबत झेलनी पड़ती है.
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