सरायपाली में चमकेगी जोगी की ‘किस्मत’? कांग्रेस के सामने JCCJ ने खड़ी कर दी चुनौती!

Chhattisgarh Assembly Elections 2023- छत्तीसगढ़ के कांग्रेस विधायक किस्मत लाल नंद (Kismat Lal Nand), जिन्हें सत्तारूढ़ पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं…

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• 02:13 PM • 26 Oct 2023

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Chhattisgarh Assembly Elections 2023- छत्तीसगढ़ के कांग्रेस विधायक किस्मत लाल नंद (Kismat Lal Nand), जिन्हें सत्तारूढ़ पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं दिया अब वे जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) में शामिल हो गए हैं. जेसीसीजे की स्थापना पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत अजीत जोगी ने की थी. इस पार्टी ने अब तक अपने 28 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतार दिए हैं.

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जेसीसी (जे) ने नंद को सरायपाली सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है, जो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. उनका मुकाबला कांग्रेस के चतुरी नंद से होगा.

जेसीसी (जे) के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व विधायक अमित जोगी ने किस्मत लाल नंद की तस्वीरें पोस्ट करते हुए एक्स पर कहा, “सरायपाली से कांग्रेस विधायक किस्मत लाल नंद जी आज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और विधायक डॉ. रेणु जोगी की उपस्थिति में जेसीसी (जे) में शामिल हो गए.”

कांग्रेस को विधानसभा चुनावों से पहले विद्रोह का सामना करना पड़ रहा है, जो 7 और 17 नवंबर को दो चरणों में होंगे. वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी.

 

सरायपाली में होगा त्रिकोणिय मुकाबला?

अमित जोगी के इस नए दांव के बाद सरायपाली में त्रिकोणिय मुकाबला होने के आसार हैं. दरअसल, किस्मत लाल नंद सरायपाली विधानसभा से साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर पहली बार विधायक बने. इस दौरान उन्होंने भाजपा प्रत्याशी श्याम तांडी को भारी मतों से हराया था. भाजपा प्रत्याशी को किस्मत लाल ने 50 हजार से भी अधिक वोटों से मात दी थी. जबकि उनको एक लाख से ज्यादा वोट मिले थे. नंद को साल 2018 के चुनाव में 1,00,302 वोट जबकि भाजपा के श्याम तांडी को 48,014 वोट मिले थे. ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि वे इस बार भी सरायपाली में अच्छा वोट बंटोर सकते हैं. कांग्रेस ने इस बार यहां चतुरी नंद को अपना उम्मीदवार बनाया. वहीं बीजेपी ने इस बार सरला कोसरिया को यहां से टिकट दिया है.

 

कौन है किस्मत लाल?

कांग्रेस विधायक किस्मत लाल एलएलबी की डिग्री लेने के बाद 1985 से 1989 तक कृषि अधिकारी के पद पर नौकरी की. फिर 1990 में सब इंस्पेक्टर चयनित हुए. उन्हें नक्सल क्षेत्र में अदम्य साहस का परिचय देने की वजह से आउट ऑफ टर्न प्रमोशन भी मिला. वहीं उन्हें राष्ट्रपति से वीरता पुरस्कार और गैलेंट्री अवार्ड भी मिला. डीएसपी के पद से सेवानिवृत्त होकर उन्होंने विधायक के लिए चुनाव लड़ा.

 

बगावत से जूझ रही है कांग्रेस, JCCJ को मौका

कांग्रेस भले ही इस बार छत्तीसगढ़ में जीत के लिए आश्वस्त है. लेकिन इस बार पार्टी ने 22 मौजूदा विधायकों का टिकट काट दिया है. पार्टी के इस कदम के बाद कई नेता असंतुष्ट नजर आए. कांग्रेस विधायक अनूप नाग अंतागढ़ सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं, पार्टी की मुंगेली जिला इकाई के अध्यक्ष सागर सिंह बैस और महासमुंद नगर पालिका की अध्यक्ष राशि महिलांग कांग्रेस छोड़ कर जेसीसी (जे) में शामिल हो गए हैं. जेसीसी (जे) ने महासमुंद से महिलांग और लोरमी सीट से बैस को मैदान में उतारा है.

जेसीसी (जे) ने गुरुवार को सामरी, मुंगेली और जांजगीर-चांपा सीटों से क्रमशः प्रभा बेला मरकाम, डॉ. सरिता भारद्वाज और रवींद्र द्विवेदी के नामों की घोषणा की. जेसीसी (जे) ने अब तक राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से 33 के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है.

 

इस बार का चुनाव होगा जेसीसीजे के लिए निर्णायक?

2020 में अपने संस्थापक अमित जोगी की मृत्यु के बाद से संघर्ष कर रही पार्टी 2023 का चुनाव अकेले लड़ रही है. इसने 2018 का चुनाव बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन में लड़ा था, जिसने इस बार गोंगपा के साथ गठबंधन करने का विकल्प चुना है.

2018 के चुनावों में जेसीसी (जे) ने 7.6 प्रतिशत वोट शेयर के साथ पांच सीटें जीतीं थीं. हालांकि, वह अपने विधायकों अजीत जोगी और देवव्रत सिंह की मृत्यु के कारण आवश्यक उपचुनावों में मरवाही और खैरागढ़ हार गई.

इसके विधायक धर्मजीत सिंह और प्रमोद शर्मा को बाद में निष्कासित कर दिया गया था. अब, जेसीसी (जे) के पास केवल एक विधायक रेणु जोगी (अजीत जोगी की पत्नी) है. छत्तीसगढ़ Tak के साथ एक बातचीत में, अमित जोगी ने कहा था कि उनकी पार्टी गठबंधन के लिए छोटे दलों से संपर्क कर रही है. हालांकि, पार्टी ने अब तक किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं किया है. दूसरी ओर इस बार जेसीसीजे नाराज दिग्गज नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कर नया समीकरण बनाती दिख रही है. अब जोगी की पार्टी को अपने इस दांव से कितना फायदा मिलेगा ये तो वक्त ही बताएगा लेकिन कांग्रेस के लिए चुनौती जरूर खड़ी हो गई है.

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