Kanker Religious Conversion Conflict: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में धर्मांतरण को लेकर शुरू हुआ तनाव अब आसापास के इलाकों में भी फैल गया है. खबर है कि कांकेर के बाद अब इसी जगह से लगभग 15 किलोमीटर दूर स्थित पूसागांव गांव में धर्मांतरण को लेकर हिंसा भड़क गई है. यहां कथित तौर पर ग्रामीणों ने धर्म परिवर्तन कर चुके परिवारों के घरों में तोड़फोड़ की.
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मिली जानकारी के अनुसार गाववालों ने मूल धर्म में वापस लौटने की मांग को लेकर एक बैठक की थी. जब बैठक में कोई समाधान नहीं निकला तो गुस्साए लोगों ने लगभग 10 घरों पर लाठी-डंडों और लोहे की रॉड से हमला कर दिया.
इस हिंसा का वीडियो भी सामने आया है, जिनमें घरों का सामान टूटा हुआ और संपत्तियों को नुकसान पहुंचा हुआ दिखाई दे रहा है. इस बढ़ते तनाव को देखते हुए गांव में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और प्रशासन हालात पर लगातार नजर बनाए हुए है.
कहां से शुरू हुआ ये पूरा मामला
इस पूरे मामले की शुरुआत छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के छोटे से गांव बड़ेतेवड़ा से हुई. दरअसल 15 दिसंबर को गांव के सरपंच राजमन सलाम के पिता चमरा राम सलाम का निधन हुआ. सरपंच कुछ समय पहले ईसाई धर्म अपना चुके थे और उन्होंने अपने पिता का अंतिम संस्कार ईसाई परंपरा के अनुसार अपनी निजी जमीन पर दफनाकर किया. यहीं से गांव में असंतोष फैल गया. गांव वालों का कहना था कि यह तरीका उनकी जनजातीय परंपराओं के खिलाफ है और अंतिम संस्कार गांव की रीतियों के मुताबिक ही होना चाहिए था.
धीरे-धीरे मामला गरमाता चला गया. पंचायत और स्थानीय संगठनों ने इसे अपनी सांस्कृतिक पहचान से जोड़ते हुए विरोध शुरू कर दिया. कुछ ही घंटों में वहां कई लोग इकट्ठा हो गए.
बात सिर्फ बहस तक नहीं रुकी. देखते ही देखते पत्थरबाजी शुरू हो गई, पुलिस पर भी हमले की खबरें आईं. हालात इतने खराब हो गए कि पुलिस और प्रशासन को मोर्चा संभालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. इस दौरान एक प्रार्थना स्थल में आग लगाने और कई घरों में तोड़फोड़ की घटनाएं भी सामने आईं.
आसपास के इलाकों में भी नाराजगी
यह विवाद अब केवल एक अंतिम संस्कार का नहीं रह गया है. गांव और आसपास के इलाकों में धर्मांतरण को लेकर पहले से ही नाराजगी थी. स्थानीय लोगों का आरोप है कि कुछ संगठन आदिवासी समाज को बहला फुसदेकर धर्म बदलने के लिए प्रेरित कर रहे हैं जिससे उनकी परंपराएं और पहचान खतरे में पड़ रही हैं.
कांकेर की इस घटना का असर पूरे राज्य में देखने को मिला है. कांकेर और उसके आसपास के गांव में पुलिस बल तैनात है और हालात काबू में रखने की कोशिश की जा रही है.
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