Chhattisgarh News: पखांजूर नगर पंचायत में अविश्वास प्रस्ताव पर हुई वोटिंग, कांग्रेस पार्षदों ने कर दिया बड़ा खेला!

Kanker News: पखांजूर नगर पंचायत बीते कुछ दिनों से भाजपा नेता असीम राय (Asim Rai) की हत्या की वजह से सुर्खियों में था. नगर पंचायत…

NewsTak

ChhattisgarhTak

follow google news

Kanker News: पखांजूर नगर पंचायत बीते कुछ दिनों से भाजपा नेता असीम राय (Asim Rai) की हत्या की वजह से सुर्खियों में था. नगर पंचायत में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, जिसकी वोटिंग 9 जनवरी (2024) को होनी थी, लेकिन उससे ठीक दो दिन पहले यानी 7 जनवरी (2024) को बीजेपी पार्षद और पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष असीम राय की हत्या हो गई. इस हत्याकांड के पीछे कोई और नहीं बल्कि खुद नगर पंचायत अध्यक्ष बप्पा गांगूली था, जिसने कुर्सी जाने की डर की वजह से असीम राय की हत्या करवा दी. अब मामला सुलझने के बाद नगर पंचायत पखांजूर (Pakhanjur) में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर वोटिंग हुई, जिसमें सारा वोट बीजेपी के पक्ष में आया.

Read more!

पखांजूर नगर पंचायत में 15 पार्षदों में से दो जेल में हैं और एक पार्षद की मौत हो चुकी है. जेल में बंद पार्षदों ने वोट डालने के लिए न्यायालय में आवेदन नहीं दिया था. इसके चलते जेल में बंद दोनों पार्षद वोट डालने की प्रकिया में शामिल नहीं हो पाए. ऐसे में वोटिंग प्रक्रिया में 12 पार्षदों को हिस्सा लेना था, लेकिन एक पार्षद नही पहुंची. बता दें, जेल में बंद पार्षद वोटिंग करने के लिए न्यायालय में आवेदन देते, तब उनको चुनाव में भाग लेने का मौका मिल सकता था.

मोनिका साहा बन सकती हैं अध्यक्ष

वोटिंग के लिए 11 पार्षद शामिल हुए थे और सभी ने बीजेपी के पक्ष में वोट दिया. यहां तक की कांग्रेस के पार्षदों ने भी बीजेपी के पक्ष में वोट किया. ऐसे में अब नगर पंचायत में बीजेपी की सरकार बनना तय है. वहीं अध्यक्ष पद की रेस में मोनिका साहा सबसे आगे चल रही हैं. माना जा रहा है कि मोनिका साहा अध्यक्ष बन सकती हैं. वहीं अध्यक्ष बनने के सवाल पर मोनिका साहा ने कहा, ‘ये संगठन का फैसला होगा. सभी पार्षद मिलकर जनता के हित में काम करेंगे.’

पहले भी भाजपा को मिला था पूर्ण बहुमत

बता दें, नगर पंचायत पखांजूर में 15 वार्ड हैं, जिसमें भाजपा के 9 पार्षद और कांग्रेस के 6 पार्षद जीतकर आए थे. भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला था लेकिन बीजेपी के दो पार्षद कांग्रेस में शामिल हो गए. ऐसे में कांग्रेस के बप्पा गांगुली को समर्थन मिल गया और वो अध्यक्ष बन गए. लेकिन जैसे ही छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार वापस आई तो कुछ नाराज कांग्रेस पार्षदों ने बीजेपी के असीम राय से मुलाकात की और प्रशासन को अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए आवेदन सौंप दिया. इसके बाद से उठापटक चल रही थी और अंतत: असीम राय को भारी पड़ता देख बप्पा गांगुली ने उनकी हत्या करवा दी. अब नगर पंचायत में बीजेपी की वापसी के बाद समर्थकों ने असीम राय के लिए नारे लगाए और कहा कि अब उन्हें न्याय मिला है.

कांकेर से गौरव श्रीवास्तव की रिपोर्ट

ये भी पढ़ें- Chhattisgarh Mahtari Vandan Yojana: स्कीम के नाम पर चल रहा था स्कैम, हो गई कार्रवाई

    follow google news