छत्तीसगढ़ का बडेसेट्टी बना राज्य का पहला नक्सलमुक्त गांव, अब सरकार से मिलेंगे 1 करोड़ रुपये

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले से नक्सलवाद के खिलाफ बड़ी कामयाबी मिली है. बडेसेट्टी पंचायत को पूरी तरह नक्सलमुक्त घोषित किया गया है. यह छत्तीसगढ़ की पहली ऐसी पंचायत बनी है जहां अब कोई सक्रिय नक्सली नहीं है.

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News Tak Desk

19 Apr 2025 (अपडेटेड: 19 Apr 2025, 10:03 PM)

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छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले से नक्सलवाद के खिलाफ एक बड़ी कामयाबी की खबर सामने आई है. बडेसेट्टी ग्राम पंचायत को अब पूरी तरह से नक्सलमुक्त घोषित कर दिया गया है. यह राज्य का पहला ऐसा पंचायत बन गया है, जहां नक्सलियों का कोई सक्रिय प्रभाव नहीं रहा.

इस उपलब्धि को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर प्रतिक्रिया दी और लिखा "कोबरा कमांडो और राज्य पुलिस ने 22 कुख्यात नक्सलियों को हथियारों और विस्फोटकों के साथ गिरफ्तार किया है. साथ ही सुकमा के बडेसेट्टी पंचायत में 11 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिससे यह पंचायत पूर्णतः नक्सलमुक्त हो गई है."

गृह मंत्री ने नक्सलियों से आत्मसमर्पण करने की अपील करते हुए कहा, "जो नक्सली अब भी छिपे हुए हैं, उनसे मेरी अपील है कि मोदी सरकार की आत्मसमर्पण नीति को अपनाएं और जल्द से जल्द मुख्यधारा में लौटें. सरकार का लक्ष्य है कि 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त किया जाए."

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11 नक्सलियों ने डाले हथियार

लंबे समय से नक्सल प्रभाव में रहे बडेसेट्टी पंचायत में नियद नेल्लानार योजना के तहत चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत शेष 11 सक्रिय नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया. इसके साथ ही यह पंचायत पूरी तरह नक्सलियों के प्रभाव से मुक्त हो गई.

हर नक्सलमुक्त पंचायत को मिलेगा 1 करोड़ 

सुकमा जिले की एसपी किरण चौहान ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा घोषित नीति के अनुसार, जो भी पंचायत नक्सलमुक्त घोषित होगी, उसे विकास के लिए 1 करोड़ रुपये का विशेष फंड दिया जाएगा. बडेसेट्टी इस मानदंड को पूरा करने वाला पहला पंचायत बना है.

33 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

आज सुकमा जिले में कुल 33 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें 22 नक्सलियों ने एसपी किरण चौहान के समक्ष हथियार डाले. सरेंडर करने वालों में एक ऐसा नक्सली भी शामिल था, जिस पर 40 लाख रुपये का इनाम घोषित था.

गृह मंत्रालय की योजना है कि 'नियद नेल्लानार योजना' के जरिए  सुकमा जिले की 40 ग्राम पंचायतों को नक्सलमुक्त घोषित किया जाए. इन इलाकों को अब तक नक्सलियों का गढ़ माना जाता रहा है, लेकिन अब सरकार इन क्षेत्रों में विकास की गति तेज करने की दिशा में जुटी हुई है.

(इनपुट: धर्मेंद्र सिंह)

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