एक ही परिवार पर टूटा कहर: सांप के काटने से पिता-बेटे की मौत, मां लड़ रही जिंदगी की जंग

छत्तीसगढ़ के कोरबा में एक ही परिवार को सांप ने डस लिया, जिसमें पिता और बेटे की मौत हो गई, जबकि मां की हालत गंभीर है. परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही और समय पर इलाज न मिलने का आरोप लगाया है.

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एक ही परिवाप पर टूटा कहर

न्यूज तक

20 Sep 2025 (अपडेटेड: 20 Sep 2025, 08:19 PM)

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छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले से एक बेहद दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां शुक्रवार तड़के सांप के काटने से एक ही परिवार के दो लोगों की मौत हो गई और एक की हालत गंभीर बनी हुई है. यह हादसा कोरबा के दर्री थाना क्षेत्र के इंदिरा नगर में हुआ.

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जानकारी के मुताबिक, चूडामणि भारद्वाज (52), जो कि एक एल्युमिनियम प्लांट में काम करते थे, अपने घर में पत्नी रजनी (41) और 10 साल के बेटे प्रिंस के साथ सो रहे थे. उसी दौरान एक जहरीले सांप कॉमन क्रेट ने तीनों को डस लिया.

पहले चूडामणि को सांप ने काटा, लेकिन उन्होंने इसे सामान्य कीड़े का डंक समझकर नजरअंदाज कर दिया. थोड़ी देर बाद ही सांप ने उनके बेटे और फिर पत्नी को भी काट लिया. जब परिजनों को हालत बिगड़ती दिखी तो तीनों को तुरंत गोपालपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) ले जाया गया.

इलाज से पहले ही जवाब दे गया अस्पताल?

परिजनों का आरोप है कि गोपालपुर PHC में न तो समय पर इलाज मिला और न ही एंटी-स्नेक वेनम उपलब्ध था. उन्होंने बताया कि आधे घंटे तक अस्पताल का दरवाजा खटखटाते रहे, लेकिन ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारी ने बिना ठीक से देखे ही तीनों को रेफर कर दिया.

बाद में सभी को मेडिकल कॉलेज अस्पताल, कोरबा ले जाया गया, लेकिन तब तक चूडामणि और उनके बेटे की मौत हो चुकी थी. रजनी की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है और वह अस्पताल में भर्ती हैं.

CMHO ने दिए जांच के आदेश

घटना के बाद कोरबा के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) एस.एन. केसरी ने मामले का संज्ञान लिया है. उन्होंने बताया कि गोपालपुर PHC में हाल ही में नियुक्त एक कर्मचारी ने मरीजों की हालत देखे बिना ही उन्हें दूसरे अस्पताल भेज दिया. मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और दोषियों पर जल्द कार्रवाई की जाएगी.

स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल

इस दुखद हादसे ने एक बार फिर ग्रामीण इलाकों की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. अगर समय रहते प्राथमिक उपचार मिल जाता और अस्पताल में एंटी-स्नेक वेनम होता तो शायद दो जानें बचाई जा सकती थीं.

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