छत्तीसगढ़ के भिलाई में इन दिनों धर्म और अंधविश्वास को लेकर राजनीति गरमा गई है. दरअसल लगभग 6 दिन पहले दुर्ग में एक कार्यक्रम के दौरान भूपेश बघेल ने दो कथावाचकों, प्रदीप महाराज और धीरेंद्र शास्त्री का नाम लेते हुए कहा था,
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'ये लोग भगवान शिव या हनुमान जी की शिक्षाओं की बजाय टोटके और अंधविश्वास फैलाने की बातें करते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि आज समाज पढ़ा-लिखा होने के बावजूद पहले से ज्यादा अंधविश्वास की ओर बढ़ रहा है.'
भूपेश बघेल का कहना था कि लोग इन आयोजनों में भारी रकम चढ़ाते हैं, पूजा-पाठ करते हैं, लेकिन उनकी जिंदगी में कोई ठोस बदलाव आता है या नहीं इसका कोई प्रमाण नहीं मिलता. उल्टा, इन कथावाचकों की स्थिति जरूर पहले से बेहतर हो गई है. उन्होंने अपने बयान में यह भी जोड़ा कि हमारे महापुरुषों ने हमेशा समाज से अंधविश्वास मिटाने की कोशिश की, लेकिन हालात फिर पुराने रास्ते पर लौटते दिख रहे हैं.
भूपेश बघले को धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जवाब
अब इसी बयान पर भिलाई पहुंचे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि वे आम तौर पर राजनीति पर टिप्पणी नहीं करते लेकिन इस मुद्दे पर चुप रहना ठीक नहीं समझा.
धीरेंद्र शास्त्री ने साफ शब्दों में कहा, 'अगर हिंदू समाज को जोड़ना, भक्ति का प्रचार करना और राष्ट्रवाद की भावना जगाना अंधविश्वास है तो जिन्हें ऐसा लगता है, उन्हें इस देश को छोड़ देना चाहिए.' उन्होंने जोर देकर कहा कि हनुमान जी की भक्ति फैलाना और समाज को एकजुट करना किसी भी नजरिए से गलत नहीं है.
बांग्लादेश में हिंदू हो रहा अपराध
इतना ही नहीं उन्होंने बांग्लादेश के हालात पर भी बात करते हुए कहा कि, आज से दो दिन पहले ही पड़ोसी देश में एक व्यक्ति को सिर्फ इसलिए जिंदा जला दिया गया क्योंकि वो था. उस देश में आज हिंदू होना अपराध बन गया है. भारत के सनातनी हिंदुओं से उन्होंने अपील करते हुए कहा कि यह गंभीर और सोचनीय विषय है.
धीरेंद्र शास्त्री ने चेतावनी भी दी कि वह दिन दूर नहीं, जब भारत में भी हिंदू होना अपराध बन सकता है. यही सही समय है हिंदू एकता और हिंदू राष्ट्र की बात करने का.
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