आमतौर पर हमें रुपये रखने के लिए सबसे ज्यादा सुरक्षित जगह बैंक ही लगता है. लेकिन, क्या हो जब इन जगहों पर भी फ्रॉड होने का डर सताने लगे. दरअसल छत्तीसगढ़ के राजनंदगांव के एक बैंक में एक ऐसा ही मामला सामने आया है. जहां बैंक के क्रमचारी ने 43 उपभोक्ताओं के बैक खातों से ढाई करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की है.
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इस मामले पुलिस ने फिलहाल बैंक कर्मी उमेश गोरले सहित उनकी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है. आरोप है कि उमेश अपने ही बैंक से फर्जी लोन लेता था और ग्राहकों के बैंक खाते से भी पैसे का अनुचित तरीके से आहरण करता था. पुलिस से जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार उमेश ने अब तक 43 कसटमर्स के बैक खातों से ढाई करोड़ रुपये से ज्यादा ठगी की है.
क्या है पूरा मामला
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राहुल देव शर्मा कहते हैं कि 26 जुलाई को एक्सिस बैक प्रबंधन व्दारा डोगरगढ़ थाने एक एफआईआर दर्ज कराई गई थी. इस एफआईआर में बैंक कर्मी उमेश गोरले के बारे में कहा गया था कि इस कर्मचारी ने साल 2022 से 2025 के बीच इसी बैंक में काम करते हुए 06 उपभोक्ताओं से एक करोड़ 06 लाख की धोखाधड़ी की है.
शिकायत के बाद जब पुलिस उमेश से पूछताछ करने पहुंची तो पता चला कि वो फरार है. जिसके बाद पुलिस ने उसे ढ़ूंढ़ा और आरोपी उमेश सहित अपराध में शामिल उसकी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है.
पूछताछ मे आरोपी ने स्वीकार किया कि उसने 3 सालों में 43 ग्राहकों से करीब ढाई करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है. आरोपी उमेश गोरले ने पुलिस को बताया कि वह अलग-अलग अकाउंट होल्डर्स का आईडी पासवर्ड बनाता था और नेट बैकिंग या चेक के जरिये से एफडी अकाउंट से ओवर ड्राफ्ट के माध्यम से मन्नापूरम गोल्ड लोन एकाउंट में ट्रांसफर करता था.
पत्नी को थी जानकारी
इसके बाद वह उस रकम को मां और पत्नि के बैंक अकाउन्ट मे ट्रांफसर कर देता था. उन्होंने बताया कि उसकी पत्नी को इस ट्रांजैक्शन की जानकारी रहती थी. इस ठग से पास पुलिस ने हुडंई क्रेटा कार, लेपटॉप, मोबाइल फोन, बैंक पासबुक और एटीएम कार्ड को जब्त कर लिया है और आगे की कार्यवाही के लिए कोर्ट में प्रस्तुत किया है.
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