सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला! दिल्ली-NCR में फिलहाल चलती रहेंगी 10 और 15 साल पुरानी गाड़ियां

Delhi NCR Old Vehicle: दिल्ली-NCR के लाखों वाहन मालिकों के लिए एक राहत भरी खबर है. सुप्रीम कोर्ट ने 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर लगे प्रतिबंध को फिलहाल रोक दी है.

सांकेतिक तस्वीर
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न्यूज तक

12 Aug 2025 (अपडेटेड: 12 Aug 2025, 06:31 PM)

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सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-NCR के वाहन मालिकों को बड़ी राहत देते हुए 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर लगे प्रतिबंध के आदेश पर रोक लगा दी है. दरअसल, दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCT) के 2018 के उस आदेश पर पुनर्विचार की मांग की थी, जिसके तहत पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई थी.

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मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति विनोद के. चंद्रन और न्यायमूर्ति एन.वी. अंजारिया की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को नोटिस जारी किया और 4 हफ्तों में जवाब देने को कहा.

कार्रवाई पर फिलहाल लगाई रोक 

सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में स्पष्ट किया कि फिलहाल 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों या उनके मालिकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी. दिल्ली सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि इस मामले पर दोबारा विचार करना जरूरी है. उन्होंने याद दिलाया कि दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 2018 में खुद सुप्रीम कोर्ट ने ही इन वाहनों के इस्तेमाल पर रोक लगाई थी.

'कई वाहन साल में 2000 KM भी नहीं चलते'

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, 'कई लोग अपने वाहनों का उपयोग सीमित रूप से करते हैं, जैसे घर से दफ्तर आने-जाने के लिए. ऐसे वाहन साल में शायद 2000 किलोमीटर भी नहीं चलते. लेकिन मौजूदा नियम के तहत इस तरह के वाहन को भी 10 साल बाद बेचना पड़ेगा. जबकि टैक्सी के रूप में इस्तेमाल होने वाले वाहन एक वर्ष में दो लाख किलोमीटर भी चल सकते हैं, लेकिन फिर भी वह अपनी एज लिमिट तक सड़क पर बने रहते हैं.'

दिल्ली सरकार SC में क्या कहा?

दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर 2018 के एक आदेश पर फिर से विचार करने का आग्रह किया था. सरकार का कहना है कि यह आदेश उन लोगों के लिए मुश्किलें पैदा कर रहा है जो अपने वाहनों का इस्तेमाल बहुत कम करते हैं. सॉलिसिटर जनरल की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने कहा, "हम दूसरे पक्ष को सुने बिना कोई फैसला कैसे ले सकते हैं?"

क्या था पूरा मामला

आपको बता दें कि है कि इस साल जुलाई में CAQM ने 'नो फ्यूल फॉर ओल्ड व्हीकल्स' नीति लागू की थी. इसके तहत 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को ईंधन देने पर पाबंदी लगा दी गई थी. लेकिन जनता के विरोध के बाद दिल्ली सरकार के अनुरोध पर आयोग ने दो दिन के भीतर ही इस आदेश को वापस ले लिया था.

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