दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट हुई मारपीट के बाद सामने आए वकील राकेश किशोर, बताया क्यों लगाया था "सनातन धर्म की जय हो" का नारा

दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट में वकील राकेश किशोर पर कुछ वकीलों पर हमला करने के आरोप लगा है. बता दें कि राकेश किशोर वो ही वकील हैं जिनपर कुछ महीने पहले तत्कालीन CJI बी. आर. गवई पर जूता फेंकने का आरोप लगा था. अब फिलहाल उनके साथ हुई इस घटना का वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें राकेश खुद को बचाते हुए "सनातन धर्म की जय हो" के नारे लगाते दिख रहे हैं.

वकील राकेश किशोर के साथ कड़कड़डूमा कोर्ट में हुई मारपीट
वकील राकेश किशोर के साथ कड़कड़डूमा कोर्ट में हुई मारपीट

राजू झा

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देश के मुख्य न्यायाधीश रहे जस्टिस बी.आर.गवई पर जूता फेंकने की घटना को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. 6 अक्टूबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट में हुई इस घटना के बाद अब एक नया और चौंकाने वाला मामला सामने आया है. दरअसल, जिस वकील राकेश किशोर ने पर सीजीआई गवई पर जूता फेंकने के आरोप लगे थे उनके साथ दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट परिसर में ही वकीलों के एक समूह ने मारपीट की है. इसके बाद कड़कड़डूमा कोर्ट परिसर में हंगामा मच गया. मामला 9 दिसंबर का बताया जा रहा, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.  

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जानकारी के अनुसार, वकील राकेश किशोर कोर्ट परिसर में मौजूद थे. दावा है कि इस दौरान कुछ अन्य वकीलों ने उन्हें अचानक घेर लिया और देखते ही देखते ये घेराव जल्द ही धक्का-मुक्की में बदल गया. कहा जा रहा है कि इस बीच उन पर कथित तौर पर चप्पलों से भी हमला किया गया. अब इस घटना से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसमें राकेश किशोर खुद का बचाव करते हुए दिखाई दे रहे हैं. वो वीडियो में  "सनातन धर्म की जय हो" के नारे भी लगा रहे हैं.

इसलिए लगाए सनातन धर्म की जय के नरे 

मारपीट के शिकार वकील राकेश किशोर ने बाद में इस घटना पर अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि "लगभग 100-150 आदमियों ने हमें घेर लिया और घेर के चप्पलों से अटैक किया." उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्होंने हमलावरों से मारपीट का कारण पूछा तो उन्हें सीजीआई पर जूता फेंकने की पिछली घटना की वजह बताई गई. राकेश किशोर ने उस घटना को विष्णु भगवान का अपमान बताते हुए अपने कृत्य को उचित ठहराने की कोशिश की. उन्होंने मारपीट के दौरान "सनातन धर्म की जय हो" के नारे भी लगाए, यह सोचकर कि शायद कोई सनातनी बीच-बचाव करेगा.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मारपीट और हंगामे की सूचना मिलते ही मौके पर सुरक्षाकर्मी  पहुंचे और तुरंत बीच-बचाव किया. हालांकि, अभी तक इस मामले में पुलिस के पास कोई भी औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं हुई है. इसलिए वकीलों द्वारा राकेश किशोर पर हमले का सटीक कारण का पता नहीं चल पाया है.

यहां देखें खबर का वीडियो

कौन हैं राकेश किशोर ?

आपको बता दें कि 55 साल के राकेश किशोर ने 2009 में दिल्ली बार काउंसिल में नामांकन कराया था. वो दिल्ली के निवासी हैं. जिस सोसाइटी में वह रहते हैं, उसके निवासियों ने मीडिया को बताया है कि 6 साल पहले वह सोसाइटी के अध्यक्ष बने थे. सदस्यों ने यह भी दावा किया है कि उनके खिलाफ कई शिकायतें दर्ज थीं. जिसमें नवंबर 2021 में एक वरिष्ठ नागरिक पर कथित हमले से संबंधित शिकायत भी शामिल थी. हालांकि, दिल्ली पुलिस के अनुसार राकेश किशोर का कोई आपराधिक रिकॉर्ड सामने नहीं आया है.

क्या है जूता फेंकने वाली घटना?

गौरतलब है कि 6 अक्टूबर 2025 को जब तत्कालीन सीजीआई बी. आर. गवई और जस्टिस चंद्रन मेंशनिंग आवर्स कोर्ट में मौजूद थे. इस दौरान वकील राकेश किशोर ने सीजीआई गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की. घटना के तुरंत बाद राकेश किशोर को हिरासत में लिया गया था. लेकिन बाद में रजिस्ट्रार जनरल के निर्देश पर उन्हें छोड़ दिया गया. इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए सीजीआई गवई ने इसे नजरअंदाज करने की बात कही थी. हालांकि, इस घटना के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया  ने वकील राकेश किशोर का लाइसेंस रद्द कर दिया और आगे की अनुशासनात्मक कार्रवाई तक देश की किसी भी अदालत में वकालत करने पर रोक लगा दी थी.

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