दिल्ली में प्रदूषण रोकने के लिए नया नियम लागू, 1 नवंबर से पुराने कमर्शियल वाहनों पर पूरी तरह बैन

Delhi BS4 Vehicles Ban: दिल्ली की गंभीर वायु प्रदूषण समस्या से निपटने के लिए 1 नवंबर से गैर-BS-VI मानक वाले बाहरी राज्यों के कॉमर्शियल मालवाहक वाहनों पर रोक लगा दी गई है. यह कदम GRAP के तहत उठाया गया है.

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न्यूज तक डेस्क

01 Nov 2025 (अपडेटेड: 01 Nov 2025, 08:49 AM)

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Delhi BS4 Vehicles Ban: सर्दियों में बढ़ते वायु प्रदूषण से जूझ रही दिल्ली सरकार ने कड़ा फैसला लिया है. आज 1 नवंबर 2025 से राजधानी में केवल BS-VI मानक वाले कमर्शियल गुड्स वाहन ही घुस सकेंगे. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) और दिल्ली परिवहन विभाग के संयुक्त आदेश पर यह बदलाव लागू किया गया है. 

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सीएक्यूएम के निर्देशानुसार, दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड BS-VI से कम मानक वाले वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध लग गया है. इसमें लाइट गुड्स वाहन (LGV), मीडियम गुड्स वाहन (MGV) और हेवी गुड्स वाहन (HGV) शामिल हैं. पुराने BS-IV या BS-III वाले डीजल वाहन अब सड़कों पर नहीं दिखेंगे. 

BS-IV वाहनों को मिली एक साल की मोहलत  

ट्रांसपोर्ट सेक्टर को राहत देते हुए सरकार ने बीएस-आईवी इंजन वाले कमर्शियल वाहनों को 31 अक्टूबर 2026 तक की छूट दी है. यह समय उद्योगों को अपने फ्लीट को अपग्रेड करने के लिए दिया गया है. इससे छोटे ऑपरेटरों को धीरे-धीरे बदलाव अपनाने का मौका मिलेगा.

किन वाहनों को एंट्री की अनुमति  

दिल्ली में आज से सिर्फ इन वाहनों को एंट्री मिलेगी. हालांकि नियम सभी वाहनों के लिए एकसमान नहीं है. कुछ श्रेणियों को छूट मिली है. आइए देखते हैं अनुमति से जुड़े नियम... 

- दिल्ली में रजिस्टर्ड कमर्शियल गुड्स वाहन.  

- BS-VI वाले पेट्रोल या डीजल वाहन.  

- BS-IV कमर्शियल वाहन (सिर्फ 31 अक्टूबर 2026 तक).  

- CNG, LNG और इलेक्ट्रिक कमर्शियल वाहन.  

निजी वाहनों पर कोई असर नहीं  

प्राइवेट कार वालों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. निजी वाहनों पर अभी कोई प्रतिबंध नहीं है. BS-IV से पुराने निजी वाहन दिल्ली में चलते रहेंगे. इसी तरह, टैक्सी, ओला-उबर जैसे कमर्शियल पैसेंजर वाहनों पर भी कोई रोक नहीं लगी है.

दिल्ली की हवा बिगड़ रही, AQI खतरनाक  

दिल्ली में अक्टूबर के अंतिम हफ्ते से ही हवा की गुणवत्ता लगातार गिरती जा रही है. सफर (SAFAR) इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली का AQI (Air Quality Index) कई इलाकों में 400 से 900 के बीच दर्ज किया गया जो ‘गंभीर और अत्यंत खतरनाक श्रेणी’ में आता है.

सबसे अधिक प्रदूषित इलाकों में आनंद विहार, चांदनी चौक, अशोक विहार और आईटीओ शामिल हैं. ऐसे में CAQM ने GRAP (Graded Response Action Plan) के तहत यह सख्त कदम उठाया है, जिसमें वाहनों की आवाजाही, निर्माण गतिविधियों और औद्योगिक इकाइयों पर सख्ती के प्रावधान शामिल हैं.

दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वाहनों से होने वाला प्रदूषण राजधानी के कुल वायु प्रदूषण का लगभग 38 प्रतिशत हिस्सा है. पुराने डीजल ट्रकों और बसों को रोकना प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में निर्णायक कदम साबित होगा.

नियम तोड़ने पर 20,000 रुपये तक जुर्माना

दिल्ली परिवहन विभाग ने एंट्री पॉइंट्स पर आरएफआईडी स्कैनिंग शुरू कर दी है. इससे केवल मानक वाले वाहन ही अंदर आ सकेंगे. नियम तोड़ने पर 20,000 रुपये तक जुर्माना लगेगा. दोबारा उल्लंघन पर परमिट कैंसल हो सकता है.  

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