राजधानी दिल्ली से एक बड़ी खबर सामने आई है. दक्षिण पूर्वी जिले की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने बच्चों को चुराकर और उन्हें बेचने वाले एक बड़े गैंग का पर्दाफाश किया है. यह गैंग अलग-अलग जगह जैसे बस अड्डे, रेलवे स्टेशन और भीड़-भाड़ वाली जगहों से छोटे बच्चों को किडनैप कर उन्हें लाखों में बेच देते थे. फिलहाल पुलिस ने इस मामले में 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और 5 बच्चों को बरामद किया गया है. आइए विस्तार से जानते है पूरी कहानी.
ADVERTISEMENT
ऐसे सामने आया मामला
दरअसल 22 अगस्त को उत्तर प्रदेश के बांदा निवासी सुरेश अपनी पत्नी और 4 बच्चों के साथ ISBT सराय काले खां बस अड्डे पर ठहरे हुए थे. रात में करीबन 11 बजे उन्हें अपना 6 महीने का छोटा बेटा अचानक गायब हो गया. पूरा परिवार परेशान हो गया. फिर सुरेश ने इस मामले की शिकायत सनलाइट कॉलोनी थाना में दर्ज कराई. पुलिस ने मामले दर्ज करने के बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए जांच शुरू कर दी.
जांच में सामने आई ये बात
पुलिस ने जांच के दौरान वहां लगे सीसीटीवी खंगाले, जिसमें उन्हें दो लोग बच्चे को उठाकर ले जाते हुए दिखे. फिर पुलिस ने इस मामले का उद्भेदन करने के लिए एक योजना बनाई. योजना के तहत पुलिस ने सारे साक्ष्य जुटाए और फिर गुप्त सूचना के आधार पर पहले यूपी के फतेहाबाद पहुंची. यहां से उन्होंने दोनों आरोपी वीरभान और उसके ससुर कालीचरण को गिरफ्तार कर लिया. सख्ती से पूछताछ के दौरान दोनों ने बताया कि उन्होंने बच्चे को डॉक्टर कमलेश को बेच दिया है.
फिर पुलिस वाले मरीज बनकर डॉक्टर कमलेश के अस्पताल पहुंचे और उसे धर लिया. फिर कमलेश ने बताया कि उसने बच्चे को सुंदर नाम के शख्स को बेच दिया है. पुलिस ने फिर सुंदर का पीछा और उसे यूपी-राजस्थान के बॉर्डर से पकड़ लिया. सुंदर से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने आगरा में छापेमारी की. यहां से पुलिस ने कृष्णा शर्मा और प्रीति शर्मा को गिरफ्तार किया और बच्चा उनके घर से बरामद हुआ.
ये भी पढ़ें: दिल्ली के लाल किले से चोरी हुआ 1 करोड़ का कलश बरामद, पुलिस ने हापुड़ से आरोपी को किया गिरफ्तार
1.5 से 7 लाख तक बेचे जाते थे बच्चे
पुलिस की जांच में सामने आया कि बच्चों की तस्करी का यह गैंग पिछले 3 साल से एक्टिव था और इन्होंने अवैध रूप से कई बच्चे को अभी तक बेच दिया है. ये गैंग बच्चों के मुताबिक उन्हें 1.5 लाख से 7 लाख रुपए तक बेच देते थे. साथ ही गैंग के लोग फेक डॉक्यूमेंट्स बनाकर बच्चों को गोद लेने का नाटक भी करते थे. वहीं कुछ मामले तो ऐसे भी आए जहां आरोपियों ने खुद अपने बच्चे तक बेच दिए है. इस गैंग में शामिल डॉक्टर और दाई बच्चों की डिलीवरी करवाते थे और फिर उन्हें बेचने में मदद करते थे.
पुलिस की गिरफ्त में 10 आरोपी
फिलहाल इस मामले में पुलिस ने 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इनमें डॉक्टर, मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव, बिचौलिये और दंपत्ति सारे शामिल है. पुलिस का यह भी मानना है कि इस गैंग के तार कई राज्यों में फैला हुआ है और इस मामले में कार्रवाई जारी है, जिससे की आगे और कार्रवाई हो सकती है.
ADVERTISEMENT