स्ट्रीट डॉग्स पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, Dog लवर्स को लगाई कड़ी फटकार, जानें पूरा मामला

दिल्ली-NCR में डॉग बाइट के बढ़ते मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है. अदालत ने दिल्ली NCR में स्ट्रे डॉग्स को पकड़कर उनका पुनर्वास करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही 5000 डॉग शेल्टर बनाने भी कहा है.

दिल्ली में 5000 शेल्टर बनाने का निर्देश
दिल्ली में 5000 शेल्टर बनाने का निर्देश

News Tak Desk

11 Aug 2025 (अपडेटेड: 11 Aug 2025, 11:45 PM)

follow google news

दिल्ली-NCR में लगातार बढ़ रहे कुत्तों के काटने की घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है. सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार, MCD और NDMC को तत्काल सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को पकड़ने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि पकड़े गए इन कुत्तों का पुनर्वास किया जाएगा. अदालत ने ये भी कहना है कि इस मामले में किसी भी तरह की भावनाओं को जगह नहीं दी जाएगी.

Read more!

कोर्ट ने कहा कि बच्चों और बुजुर्गों बिना किसी डर के पार्कों और सड़कों पर घूम सकें इसलिए ये कदम उनकी सुरक्षा के लिए जरूरी है. कोर्ट ने ये भी साफ किया है कि एक बार पकड़े गए कुत्तों को किसी भी हाल में वापस उन्हीं इलाकों में नहीं छोड़ा जाएगा. बताया जा रहा है इस आदेश का मुख्य मकसद देश की राजधानी को आवारा कुत्तों से पूरी तरह मुक्त करना है.

जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ ने पशु प्रेमियों को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा- 'क्या वे रेबिज के शिकार बच्चों को वापस ला पाएंगे ?'

5000 डॉग शेल्टर बनाने का निर्देश

कोर्ट ने दिल्ली सरकार, MCD और NDMC कोआदेश दिया कि 8 हफ्तों के अंदर करीब 5000 कुत्तों के लिए शेल्टर होम बनाए जाएं. इन शेल्टर्स में नसबंदी और टीकाकरण के लिए पर्याप्त स्टाफ होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहना है कि ये कार्रवाई इसलिए भी जरूरी है जब तक ये शेल्टर बनकर तैयार होंगे तब तक नए पीड़ित सामने आ सकते हैं.  इसलिए तेजी से कार्रवाई होनी चाहिए.

किसी व्यक्ति या संगठन की बाधा को माना जाएगा अवमानना

सुप्रीम कोर्ट ने एक हफ्ते के भीतर डॉग बाइट से जुड़ी शिकायतों के लिए हेल्पलाइन जारी करने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि शिकायत मिलने के 4 घंटे के भीतर संबंधित कुत्ते को पकड़ लिया जाए. यदि कोई व्यक्ति या संगठन इस आदेश में बाधा डालता है तो उसे कोर्ट की अवमानना माना जाएगा.

NCR के शहरों में भी लागू होंगे आदेश

सुप्रीम कोर्ट का ये आदेश केवल दिल्ली तक सीमित नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम प्रशासन को भी यही निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने सभी स्थानों पर स्ट्रे डॉग्स को पकड़ने, शेल्टर बनाने और हेल्पलाइन शुरू करने के लिए कहा है. कोर्ट ने चेतावनी दी कि किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

दिल्ली के विकास मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि दिल्ली सरकार कोर्ट के आदेश को समय पर लागू करेगी. उनका कहना है कि यह कदम दिल्ली को रेबीज और आवारा पशुओं के डर से मुक्त करने की दिशा में अहम साबित होगा.

राजधानी में नसबंदी केंद्र की स्थिति

इस बीच आज तक की पड़ताल में सामने आया है कि कि दिल्ली में आवारा कुत्तों को रखने के लिए एक भी डॉग शेल्टर नहीं है. एमसीडी सूत्रों के मुताबिक, राजधानी में सिर्फ 20 नसबंदी केंद्र (स्टेरलाइजेशन सेंटर) हैं. इनकी 2,500 कुत्तों की नसबंदी करने की क्षमता है. वहीं, दिल्ली में इस समय करीब 6 लाख स्ट्रे डॉग्स हैं. ऐसे में इनकी संख्या को कम के लिए हर साल कम से कम 4.5 लाख कुत्तों की नसबंदी करनी होगी.

अकेले नोएडा से आए हैरान करने वाले आंकड़े

वहीं, नोएडा में कुत्तों के काटने के आंकड़े हैरान करने वाले हैं.  गौतमबुद्ध नगर के डिप्टी सीएमओ डॉ. टीकम सिंह के मुताबिक, जनवरी से जुलाई 2025 के बीच करीब 1 लाख 8 हजार डॉग बाइट केस दर्ज किए गए. यानी हर महीने औसतन लगभग 14 हजार लोग कुत्तों के हमले का शिकार बने. केवल जुलाई में ही ये संख्या 18 हजार से अधिक रही. इस दौरान जिले के अस्पतालों में रोजाना 500 से ज्यादा लोग रेबीज का टीका लगवाने पहुंचे, जिनमें से 95% मामले कुत्तों के काटने से जुड़े होते हैं.

इनपुट: कुमार कुणाल / अनीषा माथुर

ये भी पढ़ें: RTI से खुलासा, डिसिल्टिंग में हुए भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए दस्तावेज नष्ट कर रही भाजपा सरकार- सौरभ भारद्वाज

    follow google news