IndiGO DCGA withdrawal controversy: देश की सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन इंडिगो इन दिनों बड़े ऑपरेशनल संकट से जूझ रही है. लगातार चौथे दिन शुक्रवार को करीब 400 उड़ानें रद्द हुईं, जिससे देशभर के यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ रही. दिल्ली से उड़ने वाली सभी 200 फ्लाइट्स को भी तत्काल प्रभाव से रद्द करना पड़ा है.
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इस बीच DGCA ने इंडिगो को राहत देते हुए उस क्लॉज को वापस ले लिया है, जिसके तहत एयरलाइंस को साप्ताहिक आराम को छुट्टी के साथ जोड़ने की अनुमति नहीं थी. यह बदलाव तुरंत लागू होगा. माना जा रहा है कि यह कदम संकट को कम करने में मदद कर सकता है.
इंडिगो में अचानक स्टाफ की कमी क्यों?
इंडिगो ने पायलटों की भारी कमी को उड़ान रद्द होने की मुख्य वजह बताया है. एयरलाइन का कहना है कि 1 नवंबर से लागू नए FDTL नियम (फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन) के कारण उसके क्रू रोस्टर पर दबाव बढ़ा है. नए नियमों के अनुसार पायलटों के उड़ान घंटे सीमित किए गए हैं और उन्हें अधिक आराम देना अनिवार्य है.
इंडिगो का कहना है कि इसी वजह से एविएटर्स की उपलब्धता कम हुई और सैकड़ों उड़ानें प्रभावित हुईं. एयरलाइन का दावा है कि परिचालन 10 फरवरी तक पूरी तरह सामान्य हो जाएगा.
नए FDTL नियम क्या कहते हैं?
दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बाद DGCA ने 1 नवंबर से नए नियम लागू किए, इन बदलावों के उद्देश्य का पायलटों की थकान कम करना और उड़ान सुरक्षा को मजबूत करना बताया गया था.
- पायलटों को थकान से उबरने के लिए हर हफ्ते लगातार 48 घंटे का अनिवार्य आराम मिलेगा (पहले यह कम था).
- एक पायलट रात के ऑपरेशन (रात 12 बजे से सुबह 6 बजे के बीच) के दौरान अधिकतम 2 लैंडिंग ही कर सकता है.
- क्रू मेंबर्स को लगातार दो रातों से अधिक के लिए रात की ड्यूटी में नहीं लगाया जा सकता है.
- रात में ड्यूटी घंटे सीमित
DGCA की राहत क्यों जरूरी पड़ी?
नई रोस्टरिंग व्यवस्था के कारण इंडिगो को शेड्यूल फिर से तैयार करना पड़ा. एयरलाइन ने कहा है कि नए नियमों के चलते उसके क्रू की उपलब्धता प्रभावित हुई. इस संकट को देखते हुए DGCA ने साप्ताहिक आराम और छुट्टी संबंधी रोक हटाकर एयरलाइन को कुछ लचीलापन दिया है.
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