JNU छात्र संघ चुनाव अनिश्चितकाल के लिए टला, चुनाव समिति ने क्यों लिया ये फैसला?

JNU Student Union Elections Postponed: JNU छात्र संघ चुनाव को कैंपस में हुई हिंसा और विरोध प्रदर्शनों के चलते अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया है. चुनाव समिति ने सुरक्षा कारणों से पूरी प्रक्रिया रोक दी है. जानें अब तक क्या हुआ और आगे क्या हो सकता है.

JNU Student Union Elections Postponed
JNU Student Union Elections Postponed

ललित यादव

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JNU Student Union Elections Postponed: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में छात्र संघ चुनाव अब अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिए गए हैं. यह फैसला चुनाव समिति ने परिसर में बढ़ते तनाव और लगातार हो रही हिंसा के चलते लिया है. बीते दो दिनों में चुनाव समिति के दफ्तर में तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आईं, जिसके बाद यह कदम उठाया गया.

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चुनाव समिति ने दी जानकारी

चुनाव समिति की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि लगातार हो रही हिंसा से चुनाव प्रक्रिया बाधित हुई है. जब तक समिति के सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं होती, तब तक उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी करना और बाकी चुनावी कार्यवाही रोक दी गई है.

नाम वापसी की तारीख बढ़ी, माहौल बिगड़ा

मूल रूप से नामांकन वापसी की आखिरी तारीख 17 अप्रैल शाम 4 बजे तक तय थी. लेकिन इसे पहले 4:30 बजे और फिर 18 अप्रैल को दोपहर 2 बजे से 2:30 बजे तक बढ़ाया गया. इस फैसले को लेकर छात्रों के बीच विवाद बढ़ गया. एबीवीपी ने समयसीमा बढ़ाने का विरोध किया और इसे अलोकतांत्रिक बताया. वहीं वामपंथी संगठनों ने इसका जवाबी विरोध किया, जिससे माहौल और तनावपूर्ण हो गया.

हिंसा और तोड़फोड़ के बाद समिति असुरक्षित

प्रदर्शनकारियों ने चुनाव कार्यालय के शीशे तोड़ दिए और बैरिकेड्स हटा दिए. समिति के सदस्यों ने खुद को असुरक्षित महसूस किया और प्रशासन से मांग की कि हिंसा में शामिल छात्रों पर सख्त कार्रवाई की जाए. साथ ही, चुनाव दोबारा शुरू करने से पहले पूरी सुरक्षा देने की मांग की गई है.

ABVP का आरोप: चुनाव समिति वामपंथियों के दबाव में

एबीवीपी ने आरोप लगाया कि चुनाव समिति वामपंथी संगठनों के दबाव में काम कर रही है. उन्होंने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया को रोकने की साजिश बताया और कहा कि समिति ‘लेफ्ट यूनाइटेड’ की कठपुतली बन गई है.

गठबंधन टूटे, चुनाव में नई तस्वीर

इस बार जेएनयू चुनाव में वामपंथी गठबंधन बिखरा नजर आ रहा है. आइसा और डीएसएफ ने अलग गठबंधन बनाया है, जबकि एसएफआई, बाप्सा, एआईएसएफ और पीएसए मिलकर एक नया मोर्चा खड़ा कर रहे हैं. इस बीच एबीवीपी ने अपने चारों उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है.

अध्यक्ष पद: शिखा स्वराज (ABVP) | नीतीश कुमार (AISA)

उपाध्यक्ष: निट्टू गौतम (ABVP) | मनीषा (DSF)

महासचिव/सचिव: कुणाल राय (ABVP) | मुन्तेहा फातिमा (DSF)

संयुक्त सचिव: वैभव मीना (ABVP) | नरेश कुमार (AISA)

अब आगे क्या?

जेएनयूएसयू चुनाव की प्रेसिडेंशियल डिबेट 23 अप्रैल को होनी थी और वोटिंग 25 अप्रैल को तय थी. वोटों की गिनती 28 अप्रैल तक पूरी होनी थी. लेकिन अब प्रक्रिया अनिश्चितकाल के लिए रोक दी गई है. चुनाव का भविष्य क्या होगा, यह फिलहाल साफ नहीं है.

कुल 7,906 छात्र हैं पंजीकृत मतदाता

चुनाव समिति के मुताबिक इस बार कुल 7,906 छात्र वोटर के तौर पर पंजीकृत हैं. इनमें से 57% पुरुष और 43% महिलाएं हैं. चुनाव समिति द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 57 प्रतिशत मतदाता पुरुष हैं और 43 प्रतिशत महिलाएं हैं. 

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