Charchit Chehra Anuparna Roy: पश्चिम बंगाल के एक छोटे से गांव से निकलकर वैश्विक मंच पर भारत का नाम रोशन करने वाली अनुपर्णा रॉय आज हर किसी की प्रेरणा बन गई हैं. 82वें वेनिस फिल्म फेस्टिवल में उनकी फिल्म 'सॉन्ग्स ऑफ फॉरगॉटन ट्रीज' ने Orizzonti श्रेणी में बेस्ट डायरेक्टर का अवॉर्ड जीता है. रॉय यह ऑवर्ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला डायरेक्टर बन गई है. अनुपर्णा सिर्फ अपने अवॉर्ड के लिए ही नहीं बल्कि फिलिस्तीन के मुद्दे पर अपनी बेबाक राय और इंसानियत की बात करने के लिए भी सुर्खियों में हैं. आइए आज के चर्चित चेहरे के जरिए जानते हैं उनकी इस प्रेरणादायक यात्रा और विवादास्पद बयान के बारे में.
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वेनिस फिल्म फेस्टिवल में अनुपर्णा का जादू
अनुपर्णा रॉय की फिल्म 'सॉन्ग्स ऑफ फॉरगॉटन ट्रीज' ने वेनिस फिल्म फेस्टिवल में दर्शकों और जूरी का दिल जीत लिया. यह फिल्म दो प्रवासी महिलाओं की जिंदगी और उनके संघर्ष की कहानी दिखाती है. भारत सरकार के राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (NFDC) की मदद से बनी यह फिल्म Orizzonti श्रेणी में चुनी गई इकलौती भारतीय फिल्म थी. अवॉर्ड लेते समय अनुपर्णा ने इसे भारत और उन महिलाओं को समर्पित किया, जिनकी आवाज को कभी दबाया गया.
फिलिस्तीन पर बोलीं बिना डरे
अवॉर्ड समारोह में अनुपर्णा ने न सिर्फ अपनी फिल्म की बात की बल्कि फिलिस्तीन में बच्चों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ भी आवाज उठाई. उन्होंने कहा, “यह फिल्म हर उस महिला के लिए है, जिसे चुप कराया गया. मैं चाहती हूं कि यह जीत सिनेमा के बाहर भी महिलाओं को ताकत दे.” उनका यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. कुछ लोग उनकी हिम्मत की तारीफ कर रहे हैं, तो कुछ को उनका बयान पसंद नहीं आया. फिर भी, अनुपर्णा ने बिना डर के अपनी बात रखी.
छोटे से गांव से दुनियाभर में कमाया नाम
पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के नारायणपुर गांव में जन्मी अनुपर्णा की कहानी बहुत प्रेरणादायक है. उनके माता-पिता ब्रह्मानंद रॉय और मनीषा रॉय हैं. अनुपर्णा ने रानीपुर कोलियरी हाई स्कूल से पढ़ाई शुरू की और बाद में बर्दवान विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में ग्रेजुएशन किया. फिर मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई के लिए दिल्ली गईं. दिल्ली और मुंबई में नौकरी की लेकिन उनका सपना सिनेमा की दुनिया में कुछ बड़ा करने का था.
सिनेमा की दुनिया में कदम
अनुपर्णा ने अनुपम खेर के एक्टर प्रीपेयर्स इंस्टीट्यूट से एक्टिंग सीखी और कई वर्कशॉप्स में हिस्सा लिया. लेकिन वह सिर्फ एक्टिंग नहीं बल्कि फिल्म डायरेक्शन करना चाहती थीं. 2022 में मुंबई पहुंचकर उन्होंने इस दिशा में कदम रखा. 2023 में उनकी शॉर्ट फिल्म 'रन टू द रिवर' में असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम किया, जिसे बहुत तारीफ मिली. इसके बाद 'सॉन्ग्स ऑफ फॉरगॉटन ट्रीज' उनकी पहली बड़ी फिल्म थी, जिसके लिए उन्होंने खुद फंडिंग और मेकिंग का जिम्मा उठाया.
सोशल मीडिया पर हलचल
अनुपर्णा का फिलिस्तीन पर बयान सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में है. कुछ लोग उनकी हिम्मत को सलाम कर रहे हैं, तो कुछ इसे विवादास्पद मान रहे हैं. वेनिस फिल्म फेस्टिवल में ट्यूनीशियाई फिल्म 'द वॉइस ऑफ हिंद रजब' को भी 20-22 मिनट का स्टैंडिंग ओवेशन मिला, जो गाजा में हो रहे संघर्ष को दिखाती है.
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