ममता कुलकर्णी के तो D कंपनी के साथ... महामंडलेश्वर बनने पर किन्नर अखाड़े में ही उठे सवाल

सखी मां का यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. उन्होंने सवाल उठाए कि ममता को महामंडलेश्वर बनाए जाने के पीछे कौन से कारण थे.

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शुभम गुप्ता

• 02:47 PM • 26 Jan 2025

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Mamta Kulkarni: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में किन्नर अखाड़ा को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर हिमांगी सखी मां ने बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े में शामिल किए जाने और उन्हें महामंडलेश्वर बनाए जाने पर तीखी आपत्ति जताई है.  

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किन्नर महामंडलेश्वर सखी मां का कड़ा विरोध  

महामंडलेश्वर हिमांगी सखी मां ने कहा, "किन्नर अखाड़ा किसके लिए बनाया गया था? किन्नर समुदाय के लिए. लेकिन अब, एक महिला को इसमें शामिल किया गया है. यदि यह किन्नर अखाड़ा है और आप महिलाओं को पद देना शुरू कर रहे हैं, तो फिर इसका नाम बदलना चाहिए."  

उन्होंने आगे कहा कि ममता कुलकर्णी जैसी फिल्मी हस्ती, जिनका नाम डी कंपनी से जुड़ा रहा है और जो ड्रग मामलों में आरोपी रह चुकी हैं, उन्हें महामंडलेश्वर का पद देना पूरी तरह गलत है. "उनका अभिषेक बिना किसी 'शिक्षा' के किया गया. क्या यह उचित है कि उनकी पृष्ठभूमि की जांच किए बिना उन्हें यह पद दिया गया? यह पब्लिसिटी स्टंट है या कुछ और? मैं इस कदम की कड़ी निंदा करती हूं."  

ममता कुलकर्णी का विवादित इतिहास  

ममता कुलकर्णी 2001 में आखिरी बार फिल्म 'कभी हम कभी तुम' में नजर आई थीं. इसके बाद उन्होंने अपने बॉयफ्रेंड विक्की गोस्वामी से शादी की और मुंबई छोड़कर कीनिया चली गईं. 2016 में, उनका नाम ड्रग सिंडिकेट में सामने आया, जिसमें उन्हें और उनके पति को अपराधी घोषित किया गया था.  

2024 में, ममता कुलकर्णी भारत लौटीं और सोशल मीडिया पर अपने नए लुक और परिवर्तित जीवन का खुलासा किया. उन्होंने प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान संन्यासिन बनने की घोषणा की, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई.  

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया और जांच की मांग

सखी मां का यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. उन्होंने सवाल उठाए कि ममता को महामंडलेश्वर बनाए जाने के पीछे कौन से कारण थे. "अगर ममता कुलकर्णी को संन्यासिनी बनने का अधिकार दिया गया है, तो इसकी पूरी जांच होनी चाहिए."  

साथ ही, सखी मां ने कहा, "आज के दौर में पब्लिसिटी के लिए अखाड़े कुछ भी कर सकते हैं. लेकिन इस प्रकार के कदम से किन्नर अखाड़े की गरिमा पर सवाल खड़े होते हैं."

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