Haryana Congress: हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने पत्र लिखकर हरियाणा निकाय चुनावों के लिए नेताओं की कमेटियां बनाने का सुझाव दिया है. बाबरिया ने इन कमेटियों में शामिल करने के लिए नेताओं के नाम और पद भी सुझाए हैं. हरियाणा प्रदेश कांग्रेस में लगभग दस साल बाद संगठन को लेकर इस तरह की पहल की गई है. विधानसभा चुनाव हारने के बाद प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व पर लगातार सवाल उठ रहे थे और इसमें सबसे बड़ा सवाल था संगठन बनाने को लेकर. हरियाणा में कांग्रेस के पास दस सालों से संगठन नहीं है. पार्टी हाईकमान ने हरियाणा की हार को लेकर छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल और हरीश चौधरी के नेतृत्व में जो जांच कमेटी बनाई थी उसने भी अपनी रिपोर्ट में संगठन की कमी को हार की बड़ी वजह बताया है.
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दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में निकाय चुनाव कराए जाने की संभावना है. 32 निकायों के लिए ये चुनाव करवाया जाना है. इसमें गुरुग्राम, फरीदाबाद, मानेसर, सोनीपत, रोहतक और पंचकुला जैसे बड़े निगम भी शामिल हैं, जहां मेयर का चुनाव होना है. इन चुनावों को मिनी विधानसभा चुनाव की भी संज्ञा दी जा रही है. लिहाजा कांग्रेस निकाय चुनावों के लिए संगठनात्मक नियुक्तियों के जरिए दमदार तैयारी करने के मूड में है.
दीपक बाबरिया का नया सुझाव
प्रभारी दीपक बाबरिया ने निकाय चुनाव के लिए चार कमेटियों के गठन का सुझाव दिया है. इसमें हरियाणा कांग्रेस के जिला प्रभारी, जिले के शहरी और ग्रामीण संयोजक व सह-संयोजक, नॉर्थ और साउथ जोन के लिए कोऑर्डिनेशन कमेटियां बनाया जाना शामिल है. बाबरिया द्वारा सुझाई गई इस लिस्ट में सैकड़ों कांग्रेस नेताओं के नाम शामिल हैं और तकरीबन सभी गुट के नेताओं को भी जगह दी गई है.प्रदेश कांग्रेस के नेताओं में इस लिस्ट के सामने आने के बाद उत्साह दिखाई दिया. हालांकि अभी ये लिस्ट फाइनल नहीं है क्योंकि दीपक बाबरिया ने कमेटियों को बनाने का महज सुझाव दिया है, इस पर फाइनल मुहर लगना अभी बाकी है.
बाबरिया के सुझाव पर गुटबाजी शुरू
अपनी खुली गुटबाजी के लिए जानी जाने वाली कांग्रेस में इस लिस्ट के बाद कुछ खटपट ना हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता था. दीपक बाबरिया द्वारा ये लिस्ट जारी करते ही अंबाला से कांग्रेस सांसद वरुण चौधरी का एक पत्र सामने आ गया. वरुण चौधरी ने प्रभारी दीपक बाबरिया को पत्र लिखकर कहा कि वो इस तरह की लिस्ट जारी करने की बजाय जिला और ब्लॉक स्तर पर पार्टी का संगठन बनाने में अपनी ऊर्जा लगाएं और साथ ही कांग्रेस विधायकों की इच्छा के मुताबिक जल्द नेता प्रतिपक्ष को लेकर भी फैसला करें.
कांग्रेस सांसद का कड़ा एतराज
वरुण चौधरी ने दीपक बाबरिया की लिस्ट पर एतराज जताते हुए अपने पत्र में ये भी लिखा है कि जो लिस्ट बाबरिया की ओर से सुझाई गई है उसमें कई ऐसे नेताओं के नाम शामिल हैं जो कांग्रेस के सदस्य तक नहीं है, ना ग्राउंड पर एक्टिव हैं और उनमें से कई नेता तो विधानसभा चुनाव में पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं. वरुण के इस पत्र पर दीपक बाबरिया की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.
नेता प्रतिपक्ष का फैसला तय करेगा कांग्रेस का भविष्य
नेता प्रतिपक्ष का फैसला फिलहाल प्रदेश कांग्रेस के गले की हड्डी बना हुआ है. इस फैसले पर पार्टी का बहुत कुछ दांव पर लगा है. साथ ही सबकी नजर पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा पर भी है, यदि उनको नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाया जाता है तो फिर भूपेंद्र हुड्डा पार्टी में रहेंगे या नहीं ये भी सवाल अब पूछा जाने लगा है.
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