मानेसर डिप्टी मेयर चुनाव से पहले राव इंद्रजीत और राव नरबीर में आर-पार की लड़ाई, क्या फिर मात खाएगी BJP?

Manesar Deputy Mayor Election: हरियाणा के मानेसर नगर निगम में डिप्टी मेयर और सीनियर डिप्टी मेयर के चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार को तीन हफ्तों के भीतर इन पदों पर चुनाव कराने का निर्देश मिला है.

Manesar Deputy Mayor Election
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राहुल यादव

02 Aug 2025 (अपडेटेड: 02 Aug 2025, 10:24 AM)

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Manesar Deputy Mayor Election:हरियाणा के मानेसर नगर निगम में डिप्टी मेयर और सीनियर डिप्टी मेयर के चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार को तीन हफ्तों के भीतर इन पदों पर चुनाव कराने का निर्देश मिला है. इस बीच, भारतीय जनता पार्टी के दो दिग्गज नेताओं, केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह और हरियाणा के कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह के बीच पर्दे के पीछे सियासी जंग छिड़ी हुई है. दोनों नेता अपने-अपने खेमे को मजबूत करने में जुटे हैं, जिससे मानेसर की राजनीति में हलचल मची हुई है.

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मेयर चुनाव में निर्दलीय की जीत ने बदला समीकरण

मानेसर नगर निगम के मेयर पद पर निर्दलीय प्रत्याशी डॉ. इंद्रजीत यादव ने भाजपा के उम्मीदवार सुंदरलाल यादव को 2200 से अधिक वोटों से हराकर सनसनी मचा दी थी. इस जीत में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का समर्थन अहम माना गया. सूत्रों के मुताबिक, राव इंद्रजीत ने न तो सुंदरलाल के लिए प्रचार किया और न ही उनके लिए वोट मांगे. दूसरी ओर, राव नरबीर सिंह ने सुंदरलाल के लिए जमकर प्रचार किया, लेकिन उनकी मेहनत कामयाब नहीं हुई. इस हार ने भाजपा को मानेसर में बड़ा झटका दिया.

निर्दलीयों का दबदबा

मानेसर नगर निगम में कुल 20 पार्षद चुने गए, जिनमें से 13 निर्दलीय और केवल 7 भाजपा के टिकट पर जीते. इस स्थिति ने डिप्टी मेयर और सीनियर डिप्टी मेयर के चुनाव को और आसान नहीं माना जा रहा है. शुरू में माना जा रहा था कि राव इंद्रजीत का पलड़ा भारी रहेगा, क्योंकि कई निर्दलीय पार्षद उनके समर्थक माने जाते हैं. लेकिन राव नरबीर ने सात निर्दलीय पार्षदों को भाजपा में शामिल कराकर खेल पलट दिया.

राव इंद्रजीत ने इस जॉइनिंग पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी गई. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि अगर निर्दलीय पार्षदों को शामिल किया गया है, तो निर्दलीय मेयर डॉ. इंद्रजीत यादव को भी भाजपा में लिया जाना चाहिए. इस बयान से साफ है कि दोनों नेताओं के बीच तनाव चरम पर है.

पार्षदों को काठमांडू भेजने का खेल

चुनाव से पहले पार्षदों को अपने पाले में रखने के लिए दोनों खेमों ने कमर कस ली है. खबर है कि भाजपा ने 12 पार्षदों को नेपाल के काठमांडू भेज दिया है, जिनमें सात उनके अपने और बाकी निर्दलीय हैं. सूत्रों के मुताबिक, दो और निर्दलीय पार्षदों को भी काठमांडू भेजने की तैयारी है. इस रणनीति के पीछे राव नरबीर सिंह का खेमा बताया जा रहा है, जो डिप्टी मेयर और सीनियर डिप्टी मेयर के पद अपने समर्थकों के लिए सुनिश्चित करना चाहता है.

वहीं, राव इंद्रजीत सिंह भी पीछे नहीं हैं. वे चाहते हैं कि इन पदों पर उनकी पसंद के उम्मीदवार चुने जाएं. कुछ पार्षदों के फोन स्विच ऑफ होने और उनके गोवा या काठमांडू में होने की खबरों ने सियासी हलचल को और बढ़ा दिया है.

राव नरबीर पर दबाव का इल्जाम

हाल ही में मेयर डॉ. इंद्रजीत यादव का एक वीडियो सामने आया, जिसमें वे पंचायत में रोते हुए राव नरबीर सिंह पर उनके परिवार और पति को परेशान करने का आरोप लगा रही थीं. उन्होंने दावा किया कि उनके पति के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं. जवाब में राव नरबीर ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है.

हाईकोर्ट का आदेश और आगे की राह

हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को 2 मार्च 2025 को हुए मेयर और पार्षद चुनावों के बाद सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में देरी पर सख्त रुख अपनाया. कोर्ट ने तीन हफ्तों में चुनाव कराने का आदेश दिया है. याचिकाकर्ता हरेंद्र ढींगरा ने मांग की थी कि हरियाणा नगर निगम अधिनियम के तहत ये चुनाव एक महीने के भीतर कराए जाने चाहिए.

क्या होगा नतीजा?

मानेसर नगर निगम में चल रही यह सियासी जंग अब अपने चरम पर है. राव इंद्रजीत सिंह पहले ही मेयर पद पर अपने समर्थक को जिताने में कामयाब हो चुके हैं. अब सवाल यह है कि क्या वे डिप्टी मेयर और सीनियर डिप्टी मेयर के पदों पर भी अपनी पकड़ बनाए रख पाएंगे, या राव नरबीर सिंह अपनी रणनीति से बाजी मार लेंगे?

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