हरियाणा के किसान ने साधारण ट्रैक्टर को बनाया हाईटेक, अब बिना ड्राइवर जोत रहा खेत, जानिए कितना आया खर्चा

Haryana Kisan News: हरियाणा के किसान बीर विर्क ने एक हाईटेक ट्रैक्टर बनवाया है, जो ड्राइवरलेस है. उन्होंने बताया कि एक बार ट्रैक्टर को सिर्फ कमांड देनी होती है, इसके बाद वो खुद चलता है.

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करनाल में किसान ने बनाया बिना ड्राइवर वाला ट्रैक्टर (तस्वीर: इंडिया टुडे)

न्यूज तक

07 Jun 2025 (अपडेटेड: 07 Jun 2025, 05:49 PM)

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Haryana Kisan News: हरियाणा के करनाल जिले से एक अनोखा वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में एक ट्रैक्टर खेत में बिना किसी ड्राइवर के खुद ही चलता हुआ नजर आ रहा है. वीडियाे देखेने ये नजारा किसी साइंस फिक्शन मूवी जैसा लगता है. लेकिन ऐसा वाकई हुआ है. 

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ये कारनामा कर दिखाया है जमालपुर गांव के रहने वाले किसान वीर विर्क ने. उन्होंने इस ट्रैक्टर को हाईटेक बनवाया है. विक्रम के अनुसार, उनकी इस तकनीक से समय से लेकर डीजल और लेबर की काफी बचत होती है. 

खेत में दौड़ता ड्राइवरलेस ट्रैक्टर

आपको बता दने कि वीर विक्रम ने एक सामान्य ट्रैक्टर को मॉडिफाई किया है और उसे ही पूरी तरह ऑटोमेटेड बना दिया है.विक्रम बताते हैं कि इस ट्रैक्टर को आईपैड और जीपीएस एंटीना की मदद से नियंत्रित किया जाता है. ट्रैक्टर बिना किसी इंसानी मदद के खेत में तय लाइन पर चलता है और बेहद सटीकता के साथ काम करता है.

अमेरिका से आया आईडिया 

वीर विक्रम ने बताया कि वे 2012 में अमेरिका गए थे और वहीं आधुनिक खेती की तकनीकों से प्रेरित होकर भारत लौटे. उनके मुताबिक वहां एक आदमी हजारों एकड़ जमीन को टेक्नोलॉजी से संभालता है, जिससे उन्होंने सोचा कि यही तकनीक भारत में क्यों न लाई जाए.

हाईटेक बनाने में इतना आया खर्चा

इस ड्राइवरलेस ट्रैक्टर को बनाने में लगभग ₹4 लाख का खर्च आया. इसमें एक मोटर, एक आईपैड और एक एंटीना लगाया गया है. यह एंटीना सैटेलाइट से सिग्नल लेकर ट्रैक्टर को दिशा और गति नियंत्रित करने की कमांड देता है.

स्वीडन की तकनीक का इस्तेमाल

वीर विक्रम ने यह तकनीक स्वीडन की एक कंपनी से मंगवाई, जो पहले डेयरी ऑटोमेशन में काम करती थी. अब वह खेती में भी तकनीकी समाधान देने लगी है. यह ट्रैक्टर 0.01 सेंटीमीटर तक की एक्यूरेसी के साथ काम करता है.

खेती को दी नई दिशा

वीर विक्रम अपने परिवार के साथ लगभग 200 एकड़ भूमि में खेती करते हैं. उन्होंने बताया कि इस तकनीक से समय, डीजल और लेबर की बचत होती है. एक साथ कई ट्रैक्टरों को खेत में चलाया जा सकता है, बस एक बार कमांड देना होता है.

दूसरों के ट्रैक्टरों से ऐसे है अलग 

वीर विक्रम बताते हैं कि सामान्य ट्रैक्टरों में इंसान द्वारा की गई छोटी सी गलती भी बड़ा नुकसान कर सकती है, लेकिन यह ट्रैक्टर कंप्यूटर कमांड से चलता है, जो बिल्कुल सटीक और बिना गलती के काम करता है.

रिपोर्ट : कमलदीप

यहां देखें ट्रैक्टर की वीडियो

 

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