गुरुग्राम को कभी साइबर सिटी कहा जाता है, कभी मिलेनियम सिटी तो कभी हाईटेक हब, लेकिन आपको ये जानकार हैरानी होगी की इतने बड़े-बड़े और टेक्निकल नामों से पहचाना जाने वाले इस शहर की हालत एक बारिश ने खराब कर दी . बीते मंगलवार यानी 8 जुलाई 2024 की रात को कुछ घंटों की बारिश ने शहर की कमर तोड़ दी है. हालात ऐसे हो गए कि जहां-जहां नजर दौड़ाओ, बस पानी ही पानी नजर आ रहा है.
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इतना ही नहीं इस भारी बारिश के बाद ट्रैफिक का हाल बेहाल हो गया और कई जगह लोग घंटों जाम में फंसे रहे. सबसे बड़ा हादसा SPR रोड पर हुआ, जहां सड़क अचानक धंस गई और एक ट्रक उसमें जा गिरा. बताया जा रहा है कि ये हादसा रात करीब 10 से 11 बजे के बीच हुआ. इस जगह पर कुछ दिन पहले ही सीवर लाइन डाली गई थी. लेकिन लगता है कि काम की गुणवत्ता इतनी खराब थी कि कुछ ही दिनों में सड़क धंस गई और हादसा हो गया.
इस स्थिति को देखते हुए जिलाधीश अजय कुमार, जो कि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष भी हैं, उन्होंने एडवाइजरी जारी की है. इसके तहत शहर के सभी निजी और कॉर्पोरेट ऑफिसों से कहा गया है कि वे 10 जुलाई को कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की अनुमति दें, ताकि लोगों को परेशानी से बचाया जा सके.
हर साल की यही कहानी
गुरुग्राम के लोगों के लिए यह नजारा नया नहीं है. यहां हर साल बरसात आते ही शहर की सड़कें पानी में डूब जाती हैं, ट्रैफिक ठप हो जाता है और जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है. सरकारी दावे हर बार किए जाते हैं कि जलभराव की समस्या हल कर ली जाएगी, लेकिन नतीजा हर बार वही निकलता है ढाक के तीन पात.
IT हब की हालत देख लोग हैरान हैं कि जो शहर देश को अरबों की कमाई करवाता है, जो लाखों लोगों को रोजगार देता है, उसकी खुद की बुनियादी व्यवस्थाएं इतनी कमजोर क्यों हैं?
गुरुग्राम की बारिश ने एक बार फिर साबित कर दिया कि सिर्फ नाम बदल देने से शहर की किस्मत नहीं बदलती. असली बदलाव तब होगा जब योजना और जमीन पर काम करने में ईमानदारी दिखाई जाएगी. वरना, अगली बरसात फिर से इसी कहानी को दोहराएगी और गुरुग्राम एक बार फिर से पानी में डूबा मिलेगा.
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