अपनी पसंद के स्कूल में जाने का मौका, हरियाणा में शिक्षक ट्रांसफर पॉलिसी में बदलाव की तैयारी, सीएम सैनी ले सकते हैं फैसला!

Haryana Teacher Transfer Policy: हरियाणा में शिक्षकों के लिए बहुप्रतीक्षित ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी (OTP) में बड़े बदलाव होने की संभावना है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में एक संशोधित प्रस्ताव मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) को भेजा है.

nayab singh saini
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NewsTak

• 12:53 PM • 16 Aug 2025

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Haryana Teacher Transfer Policy: हरियाणा में शिक्षकों के लिए बहुप्रतीक्षित ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी (OTP) में बड़े बदलाव होने की संभावना है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में एक संशोधित प्रस्ताव मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) को भेजा है. इस नए प्रस्ताव में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार किया गया है, जिसका सीधा असर शिक्षकों के तबादलों पर पड़ेगा.

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कपल केस पर CM करेंगे फैसला

जानकारी के अनुसार, सबसे बड़ा बदलाव 'कपल केस' को लेकर हो सकता है. पिछली पॉलिसी में कपल (पति-पत्नी) होने पर मिलने वाले अतिरिक्त अंकों को लेकर काफी विवाद हुआ था, जिसके चलते कई शिक्षक कोर्ट भी गए थे.

अब यह मुद्दा सीधे मुख्यमंत्री के पास पहुंचा है. सूत्रों के अनुसार, शिक्षा विभाग ने यह निर्णय मुख्यमंत्री के विवेक पर छोड़ दिया है कि क्या कपल केस के अतिरिक्त अंकों को पूरे देश के लिए लागू किया जाए या नहीं.

पेनल्टी से कटेंगे नंबर

संशोधित पॉलिसी में एक और अहम बदलाव यह है कि जिन शिक्षकों को उनकी सर्विस के दौरान कोई बड़ी या छोटी पेनल्टी मिली है. उनके अंकों में कटौती की जाएगी. इसका मतलब है कि ऐसे शिक्षकों को ट्रांसफर में प्राथमिकता नहीं मिल पाएगी.

स्कूलों की चॉइस भरने की तैयारी

पहले शिक्षकों से जोन या ब्लॉक की चॉइस भरवाई जाती थी लेकिन अब शिक्षा विभाग सीधे स्कूलों की चॉइस भरवाने पर विचार कर रहा है. जिससे शिक्षकों को अपनी पसंद के स्कूल में जाने का मौका मिलेगा. हालांकि, जो शिक्षक 15 साल से एक ही ब्लॉक में हैं, उनके लिए ट्रांसफर ड्राइव में भाग लेना अनिवार्य होगा.

जेबीटी शिक्षकों लंबा हुआ इंतजार

गौरतलब है कि साल 2016 के बाद से जेबीटी (जूनियर बेसिक टीचर) शिक्षकों के तबादले नहीं हुए हैं. वे लंबे समय से ट्रांसफर का इंतजार कर रहे हैं. हालांकि नियमों के अनुसार शिक्षकों के तबादले हर साल होने चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो पाता. अब सबकी निगाहें मुख्यमंत्री की मंजूरी पर टिकी हैं. एक बार मंजूरी मिलने के बाद ही नई ट्रांसफर प्रक्रिया शुरू हो पाएगी, जिससे हजारों शिक्षकों को राहत मिल सकेगी.

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