वाई. पूरन कुमार सुसाइड केस पर DGP का बड़ा बयान, बोले: पुलिस की सिर्फ एक जात है- 'खाकी'

हरियाणा के IPS वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या पर DGP ओ.पी. सिंह ने पहली बार कहा कि पुलिस बल की एक ही जात है- खाकी. उन्होंने जांच को निष्पक्ष बताकर कहा कि विभाग इस घटना से सीख लेगा.

 Y Puran Kumar
Y Puran Kumar

न्यूज तक डेस्क

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Haryana DGP statement: हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या को एक महीना हो चुका है. 7 अक्टूबर को उन्होंने चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित घर में खुद को गोली मार ली थी. उनकी आठ पेज की सुसाइड नोट में कई बड़े आईएएस और आईपीएस अधिकारियों पर अपमान, जातिगत भेदभाव और परेशान करने के आरोप लगाए गए थे. इस घटना के बाद पुलिस विभाग काफी हलचल है.

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घटना के बाद हरियाणा सरकार ने तुरंत कार्रवाई की. आईजी रैंक के अधिकारी की अगुवाई में एसआईटी बनाई गई. टीम ने परिवार के सदस्यों और संबंधित अफसरों के बयान लिए. लैपटॉप और डिजिटल सबूत भी जब्त किए गए. जांच अभी चल रही है.

घटना के समय वाई. पूरन कुमार की पत्नी आईएएस अमनीत कौर उस समय जापान में थीं. वे जल्दी भारत लौटीं. उन्होंने पूर्व डीजीपी शत्रुजीत कपूर, रोहतक के एसपी और अन्य अधिकारियों के खिलाफ आत्महत्या भड़काने की शिकायत दर्ज कराई. मामला और गंभीर हो गया.

जातिगत भेदभाव के आरोपों के बाद इस मामले में राजनीतिक बयानों की भी एंट्री हो गई. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमनीत कौर से मिलकर उनको सहयोग का आश्वासन दिया और न्याय की मांग की. उन्होंने कहा कि सरकार तमाशा बंद करे. कुछ दिन बाद रोहतक के पुलिसकर्मी संदीप लाठर की आत्महत्या के बाद के बाद मामला और उलझ गया. 

DGP का बयान आया!

अब नए डीजीपी ओ.पी. सिंह ने इस मामले पर चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने कहा कि विभाग इस दर्दनाक घटना से सबक लेगा. "हमें गहरा दुख है. लेकिन अपराध से लड़ना हमारा कर्तव्य है. अपराधी रुकते नहीं, हम भी नहीं रुकेंगे."

सुसाइड नोट में DGP ने जातिगत भेदभाव के आरोपों पर डीजीपी ने कहा, "पुलिस की नौकरी सुबह 9 से शाम 5 तक की नहीं है. जो यहां आते हैं, उन्हें समझना चाहिए कि वे समाज की लड़ाई लड़ रहे हैं. अगर यह जिम्मेदारी न निभा सकें तो 15 मिनट में बाहर चले जाएं."

जाति के मुद्दे पर डीजीपी ओ.पी. सिंह ने स्पष्ट कहा, "हमारी फोर्स में सिर्फ एक जाति है- खाकी. हम सब एकजुट होकर काम करते हैं. हमें साथी की जाति या धर्म की परवाह नहीं होती. हमें यह तक नहीं पता होता कि हमारे साथ काम करने वाले का धर्म या जाति क्या है."

संदीप लाठर की आत्महत्या पर क्या कहा

संदीप लाठर की आत्महत्या पर भी डीजीपी ने बात की. उन्होंने बताया विभाग ने उनके परिवार को "मानवीय आधार पर मदद दी है", क्योंकि आत्महत्या के मामलों में बीमा का प्रावधान नहीं होता. उन्होंने यह भी बताया कि इस मामले की जांच के लिए एक नई SIT का गठन किया गया है, जो सीधे अदालत को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.

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