भिवानी की महिला टीचर मनीषा की मौत अब भी रहस्य बनी हुई है. यह अभी तक नहीं पता चल पाया है कि मनीषा की मौत हत्या थी या आत्महत्या. इस बीच इस मामले में नया मोड़ उस वक्त आ गया जब मनीषा की डेड बॉडी सबसे पहले देखने वाले दो ग्रामीण पहली बार कैमरे के सामने आए और उन्होंने उस दिन की पूरी कहानी बताई.
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कौन हैं ये दो लोग?
ये दोनों हरियाणा के सिंघानी गांव के रहने वाले हैं. इनमें से एक का नाम ईश्वर सिंह और दूसरे का नाम सत्यपाल है. ईश्वर सिंह खेतों में मजदूरी करता है और सत्यपाल बकरियां पालने का काम करता है.
घटना वाले दिन क्या हुआ था?
ईश्वर सिंह ने बताया कि 13 अगस्त की सुबह वो हर रोज की तरह ही घूमने के लिए खेत की तरफ गया था. खेत के पास पहुंचते ही उसने देखा कि वहां 7-8 कुत्ते एक साथ जमा थे. कुत्तों को देखकर ईश्वर को शक हुआ कि शायद कोई मरी हुई बकरी पड़ी है इसलिए कुत्ते वहां हैं.
उसे लगा कि ये बकरी सत्यपाल की हो सकती है, इसलिए वो सीधा सत्यपाल के पास गया और उससे पूछा, लेकिन सत्यपाल ने साफ मना कर दिया कि उसने वहां कोई मरी हुई बकरी नहीं डाली.
जब डेड बॉडी मिली
इसके बाद दोनों वापस खेत की तरफ गए. वहां पहुंचने उन्होंने देखा कि कुत्तों के बीच में कोई बकरी नहीं बल्कि एक महिला की डेड बॉडी पड़ी हुई थी. ईश्वर ने तुरंत अपने खेत मालिक को इसकी सूचना दी, जिसने आगे जाकर सरपंच और फिर पुलिस को फोन किया गया.
क्या देखा दोनों ने?
ईश्वर और सत्यपाल ने बताया कि डेड बॉडी खेत में पड़ी थी, कुत्ते उसके आस-पास घूम रहे थे लेकिन उसे नोच नहीं रहे थे. वहीं शरीर की हालत देखकर दोनों घबरा गए और तुरंत अपने मालिक को सूचना दी. पुलिस और गांव के लोग कुछ ही देर में मौके पर पहुंच गए.
पुलिस को दिए बयान
ईश्वर ने बताया कि उसने और सत्यपाल ने पुलिस को इस बारे में सबकुछ बता दिया है. पुलिस ने उस दिन लगभग आधे घंटे तक दोनों से पूछताछ की. दोनों का कहना है कि उन्होंने जो देखा, वही सच-सच पुलिस को बताया.
अब भी बना हुआ है संशय
मनीषा की मौत की गुत्थी अभी तक सुलझ नहीं पाई है. पुलिस ये पता लगाने में जुटी है कि ये मामला हत्या का है या आत्महत्या का. फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिक जांच का इंतजार किया जा रहा है.
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