Anil Vij: तीसरी बार हरियाणा की सत्ता पर काबिज हुई भाजपा ने अभी से अगले विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसी क्रम में पार्टी ने हरियाणा की हारी हुई 42 सीटों पर प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं. 42 सीटों पर लगाए प्रभारियों की इस लिस्ट से भाजपा ने एक संकेत ये भी दिया है कि अब 70 पार कर चुके नेताओं को घर बिठाया जाएगा और घर बिठाने का सबसे पहला संकेत मिला है, नायब सैनी कैबिनेट में नंबर-2 की हैसियत रखने वाले परिवहन मंत्री अनिल विज को.
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दरअसल भाजपा ने इन हारी हुई 42 सीटों के लिए जो प्रभारियों की जो लिस्ट जारी की है, उसमें सैनी कैबिनेट से अकेले अनिल विज ही ऐसे हैं. जिन्हें किसी भी सीट का प्रभारी नहीं लगाया गया. उनके अलावा तमाम मंत्रियों को किसी ना किसी सीट की जिम्मेदारी दी गई है.
अनिल विज के साथ स्पीकर का नाम भी लिस्ट से गायब!
अनिल विज के अलावा, स्पीकर हरविंदर कल्याण, विधायक रामुकर गौतम और सतपाल जांबा को भी इस लिस्ट में जगह नहीं दी गई. लेकिन लिस्ट में अनिल विज का नाम नहीं होना चर्चा का विषय बना हुआ है. 2014 से लेकर अब तक, विज हमेशा मुख्यमंत्री के पद पर दावा ठोकते आए हैं, मगर अफसोस की उन्हें हर बार मंत्री पद से ही संतोष करना पड़ा है और इस बार के विधानसभा चुनाव में तो वो हारते-हारते बचे हैं.
चुनाव जीतने के बाद उन्होंने अपनी ही पार्टी के कुछ नेताओं पर उन्हें चुनाव हरवाने और यहां तक कि जान से मारनी की साजिश रचने तक का आरोप लगा दिया था. विज ये आरोप लगाते हुए कहा था कि इसमें स्टेट का एक बड़ा नेता भी शामिल है. अब अनिल विज का पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टा से उनके दोनों कार्यकालों में हुआ विवाद किसी से छिपा नहीं है.
अफसरों की नियुक्ति पर हो चुका विवाद!
एक बार तो विज और खट्टर CID विभाग को लेकर आमने सामने हुए. उस समय मनोहर लाल ने CID विभाग को विज के गृह मंत्रालय से हटाकर अपने आधीन कर लिया था. इसके बाद दूसरे कार्यकाल में विज के स्वास्थ्य मंत्रालय में खट्टर ने DG Health के पद पर अपना चहेता अफसर नियुक्त कर दिया था, जिसके जवाब में विज ने महीनों तक स्वास्थ्य विभाग की फाइलों पर साइन नहीं किए और फिर दिल्ली दरबार में दोनों नेताओं के बीच सुलह करवाई गई.
सीएम बनने का सपना रह गया अधूरा!
खट्टर के विदाई के बाद नायब सैनी को सीएम बनाया गया तब भी अनिल विज नाराज हो गए थे और मीटिंग बीच में ही छोड़कर चंडीगढ़ से अंबाला लौट आए थे. भाजपा की सरकार तीसरी बार बनने के बाद भी अनिल विज ने नायब सैनी के खिलाफ ये कहते हुए मोर्चा खोल दिया था कि सीएम तो उड़नखटोले यानी हेलीकॉप्टर में ही घूमते रहे हैं. उन्हें आम जनता की परेशानियों का कैसे पता चलेगा. हालांकि नायब सैनी ने कभी विज के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया लेकिन तीसरी बार की सरकार में विज को गृह विभाग की बजाय परिवहन मंत्रालय देना, उनके आदेशों पर अफसरों के खिलाफ कार्रवाई ना करना और अब हारी हुई 42 सीटों पर लगाए गए प्रभारियों की लिस्ट में उनका नाम ना होना, ये सब दिखाता है कि अनिल विज को घर बिठाने की पूरी तैयारी है.
विज ने किया ऐलान
हालांकि गब्बर के नाम से मशहूर अनिल विज घर बैठने को तैयार नहीं है, इस लिस्ट में नाम ना आने पर वो पहले दिन तो चुप रहे लेकिन दूसरे दिन अपनी जुबान खोली और फिर सीधा ऐलान कर दिया कि वो पूरे प्रदेश में घूमेंगे और कार्यकर्ताओं से मिलकर उनका हालचाल जानेंगे. विज के इस बयान का साफ सीधा मतलब यही है कि गब्बर को घर बिठाना इतना आसान नहीं है, साथ ही वो पार्टी के अंदर और बाहर दोनों जगहों से मिल रही चुनौतियों से निपटने को पूरे तैयार हैं.
देखिए प्रभारी लिस्ट
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