Iran-Israel की जंग का भारत पर असर,मिडिल ईस्ट में तनाव से बढ़ जाएंगे इन चीजों के दाम

भारत का व्यापार भले ही ईरान से ज्यादा न हो पर ईरान के जंग में जाने से दुनिया के साथ-साथ भारत पर इसका असर पड़ेगा. तेल की कीमतें तो बढ़ेंगी साथ ही दुनिया का व्यापार भी वैसे ही प्रभावित होगा जैसे हूतियों के आने के बाद लाल सागर में हुआ.

Israel and its allies intercepted the “vast majority” of the 200 drones and missiles fired by Iran
Israel and its allies intercepted the “vast majority” of the 200 drones and missiles fired by Iran

अजीत सिंह

14 Apr 2024 (अपडेटेड: 14 Apr 2024, 05:24 PM)

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Israel-Iran War : इजरायल पर देर रात ईरानी हमले के बाद दुनियाभर में एक और जंग को लेकर टेंशन है पर इसका असर दुनिया के अलावासीधे तौर पर भारत और यहां के लोगों पर पड़ सकता है. इस असर को समझने के लिए आपको ईरान और भारत के संबंधों और दोनों देशों के व्यापार को समझना होगा.भारत-ईरान को चावल से लेकर चीनी तक बेचता है यानि ईरान का हर दूसरा व्यक्ति भारत से निर्यात की गई चीजों का इस्तेमाल कर रहा है और दोनों देशों के बीच अरबों डॉलर का व्यापार हो रहा है. जो जंग की वजह से प्रभावित हो सकता है.

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कितना है दोनों देशों में व्यापार

भारत ईरान का पांचवा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है .सरकारी आंकड़ों के अनुसार साल 2023 में तकरीबन 19480 करोड़ का व्यापार हुआ जिसमें से भारत ने ईरान को 13880 करोड़ का सामान भेजा और ईरान से 5600 करोड़ का सामान मंगाया है. दोनों देशों के बीच वित्तीय वर्ष 2022-23 के बीच व्यापार 21.6 प्रतिशत बढ़ा. ईरान भारत से मुख्यतौर पर चावल, चाय, चीनी, फल और दवाएं निर्यात करता है और साथ ही सॉफ्ट ड्रिंक,केर्नल्स, एचपी एस, मांस और दालें भी लेता है. जबकि भारत ईरान से सेचुरेटेड मेथनॉल, पेट्रोलियम बिटुमेन, सेव, liquified प्रोपेन और ड्राईफ्रूट्स,दाल ऑर्गेनिक/इनऑर्गेनिक केमिकल ,मंगाता है .


तेल की कीमत पर असर

पेट्रोलियम प्रोडक्ट को लेकर भारत की निर्भरता ईरान पर है और दोनों देशों की लड़ाई से पहले ही क्रूड ऑयल की कीमतें बढ़नी तेज हो गई थी जो पिछले छह महीने में सबसे ज्यादा थी. और अब इजरायल-ईरान पर जवाबी हमले की तैयारी में है तो हालात दोनों तरफ से बिगड़ेंगे और तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरेल को पार कर सकती है. भारत दुनिया में तेल का सबसे बड़ा खरीदार और इंपोर्टर है और जैसे ही ये जंग तेज होगी मिडिल ईस्ट से तेल की सप्लाई बाधित होगी जिसका सीधा असर भारत पर होगा.

भारत-ईरान के संबंध


दोनों देशों के संबध की बात करें तो साल 1956 में Shah Mohammad Reza Pahalvi ने भारत का दौरा किया वो साल 1978 में दोबारा भारत आए उनके अलावा ईरान के चार राष्ट्रपति अब तक भारत का दौरा कर चुके हैं.. साल 2003 में ईरान के राष्ट्रपति Mr. Mohammad Khatami नई दिल्ली बतौर गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे. वहीं भारत के बड़े नेता साल 1959 में पहली बार ईरान गए. पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू पहली बार ईरान की यात्रा पर गए उनके बाद भारत के 6 प्रधानमंत्री ईरान का दौरा कर चुके हैं..आखिरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2016 में ईरान का दौरा किया था.


साल 2015 में दोनों देशों ने चाबहार में शाहिद बहिश्ती पोर्ट को लेकर करार किया है और दोनों देश इसपर साथ मिलकर काम कर रहे हैं. जिससे आग आने वाले समय में दुनिया के तमाम देश व्यापार करते हुए दिखाई देंगे.

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