MP News: सतना जिले के टिकुरिया गांव में अंधविश्वास ने 3 जिन्दगियां छीन लीं. 4 दिन में उल्टी-दस्त और बुखार से पीडि़त 3 लोगों की मौत हो गई. मृतको में 10 वर्षीय बच्चे से लेकर 90 वर्षीय बुजुर्ग तक शामिल है. गांववालों का कहना है यह दैवीय प्रकोप है. यही वजह है कि उल्टी-दस्त से पीडि़त होने के बावजूद भी मरीजों को अस्पताल ले जाने में लेट लतीफी की गई. आदिवासियों का मानना है कि गांव की कुल देवी खेर माता नाराज हो गईं और उनका कहर टूटा है.
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मृतकों में 10 वर्ष, 45 वर्ष और 90 वर्ष का एक बुजुर्ग शामिल हैं. राजा को बुखार और उल्टी-दस्त की शिकायत पर 6 सितंबर को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, उसे 7 सितंबर को डिस्चार्ज कर दिया गया. उसी दिन गांव में उसकी मौत हो गई. जबकि मासूम राज कोल ने रविवार को अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया. इसी तरह 90 वर्ष के बुजुर्ग भी चल सके. स्वास्थ्य विभाग ने इन दो अन्य मौतों को स्वभाविक बताया है.
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बीमारी या देवी हुईं नाराज?
डायरिया से हुई मौतों के मामले में आदिवासियों का मानना है कि गांव की कुल देवी खेर माता के स्थान पर गंदगी है, जिसकी वजह से कुल देवी नाराज हो गईं और उनका कहर टूटा है. घटना के बाद से ही खेरमाता के चबूतरे की साफ-सफाई की गई. एक ग्रामीण ने पूरे चबूतरे का रंग रोगन किया. मृतक के परिजन शिवलाल कोल का कहना है कि भौतिक बाधा थी. हॉस्पिटल भी भेजा गया, वहां पर जब नहीं समझ में आया तो हमने यहां पर पूजा-पाठ शुरू किया खेरमाई की. वही एक अन्य ग्रामीण का कहना है कि बीमारी बगैरह कुछ नहीं हुई, देवी-देवताओं को नाराज होना था तो हमारे ऊपर नाराज हों.
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ये है मौत का कारण
मामले के सामने आने पर रामपुर बघेलान और जिला मुख्यालय की मेडिकल टीम टिकुरिया भेजी गई. कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर श्रद्धा कुशवाहा ने बताया कि यहां पर उल्टी और दस्त शुरू हुआ था. जैसे ही इसकी जानकारी लगी वैसे ही सारे अधिकारी पहुंच गए. मेडिकल टीम ने सभी को दवाइयां दीं. सभी को बचाया गया. रेफर किया गया. बीमारी का कारण दूषित पानी, दूषित खाना लगता है. 55 लोगों की स्क्रीनिंग की गई, इन्हें दवाइयां भी दी गई हैं. एहतियात के तौर पर एक मेडिकल टीम गांव में तैनात की गई है.
हैंडपंप का पानी पीने पर रोक
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक लगभग 60 घरों की आदिवासी बस्ती में पेयजल के लिए 9 हैंडपंप हैं. सब एक ही हैंडपंप का पानी पीते हैं. पानी दूषित होने की आशंका पर गांव के 6 हैंडपंप के पानी के उपयोग पर रोक लगा दी गई है. पंप के शुद्धीकरण के लिए पीएचई विभाग को जानकारी दी गई है. गांव में सभी लोगों को क्लोरीन की गोलियां मुहैया कराकर शुद्ध पानी पीने के निर्देश दिए गए हैं.
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