2 साल की नन्ही बच्ची ने हैरत में डाला, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम! जानें

Dhar news: जिस उम्र में बच्चे ठीक से बोल भी नहीं पाते हैं उस उम्र धार जिले की वान्या ने पूरे देश में एक उपलब्धि हासिल की है. महज दो साल की यह नन्हीं जीनियस किसी भी देश के राष्ट्रीय ध्वज को पहचान कर फर्राटे से उसका नाम बताने लगती है. इसके अलावा वान्या को […]

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छाेटू शास्त्री

25 Feb 2023 (अपडेटेड: 25 Feb 2023, 01:34 PM)

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Dhar news: जिस उम्र में बच्चे ठीक से बोल भी नहीं पाते हैं उस उम्र धार जिले की वान्या ने पूरे देश में एक उपलब्धि हासिल की है. महज दो साल की यह नन्हीं जीनियस किसी भी देश के राष्ट्रीय ध्वज को पहचान कर फर्राटे से उसका नाम बताने लगती है. इसके अलावा वान्या को 50 से अधिक देशों के नाम मुंह जुबानी याद हैं.

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जानकारी के मुताबिक धार निवासी उत्कर्ष उपाध्याय की बेटी वान्या इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड के लिए चयनित कर ली गई है. संस्था की ओर से नन्हीं जीनियस के लिए मेडल और सम्मान पत्र भेजा गया है. साथ उसकी इस उपलब्धि को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया है.

50 से अधिक देशों के नाम मुंह जुबानी याद
दो साल की यह नन्हीं जीनियस किसी भी देश के राष्ट्रीय ध्वज को पहचान कर फर्राटे से उसका नाम बताने लगती है. इतना ही नहीं एनीमल, वर्ड, कलर, शैप और एक्शन वर्ड के अलावा 50 से अधिक देशों के नाम वान्या उपाध्याय फटाफट बताती है. दरअसल जिस उम्र में बच्चे ठीक से अपना नाम नहीं ले पाते है, उस उम्र में वान्या उपाध्याय 50 से अधिक राष्ट्रीय ध्वज को पहचानकर उनका नाम ले लेती है.

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बच्चे के माता-पिता सफलता से हैं खुश
बच्चे के माता-पिता को भी उसके ज्ञान पर गर्व है, उन्होंने बताया कि जब बच्ची नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिए चुना गया तो वो इतना खुश हो गए कि पूरे घर में उछलने-कूदने लगे. उन्होंने कहा कि मान्या के जीवन में आगे कई चुनौतियां हैं इसलिए वो आशा करते हैं कि इस सफलता से उसका कॉन्फिडेंस बढ़ेगा.बच्ची ने अपनी इस उपलब्धि से अपने दादा दादी, माता पिता, तथा धार का नाम रोशन किया है.

रतलाम के थाई अमरुद की डिमांड अमेरिका तक
रतलाम जिले के कुछ गांवो के किसान पिछले कुछ समय से मुनाफे की खेती कर रहे हैं. पिछले पांच सालों से जिले के आसपास के गांव के लगभग 200 से अधिक किसान थाई अमरूद की खेती में हाथ आजमा रहे हैं, जो आज इन गांवों को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिला रही है. अमरूदों को अमेरिका, नेपाल आदि देशों में एक्सपोर्ट किया जा रहा है. इस खेती से किसानों को बंपर कमाई भी हो रही है.
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