ग्वालियर दक्षिण सीट पर BJP मुसीबत में, पूर्व PM के भांजे अनूप मिश्रा के समर्थकों ने कर दिया हंगामा

MP Election 2023: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों के लिए अब कुछ ही दिनों का समय शेष है. ऐसे में प्रदेश की दोनों ही प्रमुख पार्टियों ने लगभग सभी सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नामो की घोषणा कर दी है. लेकिन बीजेपी की मुसीबतें ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पहले […]

Gwalior South Narayan Singh Kushwaha Anup Mishra Sameeksha Gupta Madhya Pradesh elections Gwalior Chambal region Madhya Pradesh elections
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हेमंत शर्मा

22 Oct 2023 (अपडेटेड: 22 Oct 2023, 10:11 AM)

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MP Election 2023: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों के लिए अब कुछ ही दिनों का समय शेष है. ऐसे में प्रदेश की दोनों ही प्रमुख पार्टियों ने लगभग सभी सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नामो की घोषणा कर दी है. लेकिन बीजेपी की मुसीबतें ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पहले से ही लगभग हर ओपिनियन पोल और सर्वे में इस क्षेत्र में बीजेपी स्थिति खासी खराब बताई जा रही है. तो वहीं BJP की पांचवी लिस्ट के सामने आने के बाद से ही इसकी हकीकत अब ग्रांउण्ड पर दिखने लगी है.

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क्योंकि बीजेपी ने जिन उम्मीवारों के नामों की घोषणा की है, उनके समर्थकों द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा है. ग्वालियर दक्षिण विधानसभा से पार्टी ने नारायण सिंह कुशवाहा को टिकट दिया है. पार्टी के इस फैसले का जमकर विरोध हो रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी बाजपेयी के भांजे अनूप मिश्रा के समर्थकों द्वारा लगातार हंगामा किया जा रहा है.

दरअसल भारतीय जनता पार्टी ने ग्वालियर दक्षिण विधानसभा सीट से पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा को टिकट दिया है. जबकि इसी सीट पर देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी बाजपेयी के भांजे अनूप मिश्रा भी दावेदारी कर रहे थे. इसके अलावा ग्वालियर की पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता और लंबे समय से पार्षद सतीश बोहरे भी टिकट की मांग कर रहे थे, लेकिन पार्टी ने सबकी दावेदारी को किनारे करके नारायण सिंह कुशवाहा को मौका दिया है. 

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BJP को मिश्रा से ज्यादा कुशवाहा की बगावत का डर

ग्वालियर दक्षिण विधानसभा सीट पर दावेदारों की लंबी लिस्ट थी, लेकिन पार्टी को अनूप मिश्रा की बगावत से ज्यादा पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा की बगावत से खतरा था, क्योंकि इस सीट पर कुशवाहा समाज निर्णायक भूमिका में है. यही कारण है कि पार्टी ने अनूप मिश्रा की जगह नारायण कुशवाहा को टिकट दिया है,

अगर दूसरी ओर बात करें समीक्षा गुप्ता की तो नारायण कुशवाहा ने साफ तौर पर कहा था कि ‘अगर पार्टी समीक्षा गुप्ता को टिकट देती है तो वे पार्टी के लिए किसी भी तरह का काम नहीं करेंगे’. इसके पीछे का कारण पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान समीक्षा गुप्ता का निर्दलीय चुनाव लड़ना और बीजेपी की मूल वोटों में सेंध लगाना माना जा रहा है. क्योंकि उस समय कांग्रेस के प्रवीण पाठक से नारायण कुशवाहा महज 121 वोटों से चुनाव हार गए थे. उसी चुनाव में समीक्षा गुप्ता को 50000 वोट मिले थे. कुशवाहा का मानना था कि समीक्षा गुप्ता के कारण ही उनकी हार हुई है. नारायण सिंह कुशवाहा के ये बयान मीडिया की सुर्खियां बने और पार्टी ने एक बार फिर उन्हें चुनाव में उतारने का फैसला लिया है.

अटल बिहारी बाजपेयी के भांजे को लेकर उड़ी थी अफवाह

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के भांजे पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा को लेकर ऐसा माना जा रहा है, कि उनका ये आखिरी चुनाव हो सकता है. जिसके लिए वे लंबे समय से मेहनत कर रहे हैं. पिछले दिनों एक अफवाह उड़ी की अनूप मिश्रा कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर सकते हैं, और कांग्रेस उन्हें ग्वालियर दक्षिण विधानसभा सीट से प्रत्याशी बना सकती है. लेकिन ये बातें केवल और केवल अफवाह साबित हुई. जिसका खुद अनूप मिश्रा द्वारा खंडन किया गया. उस दौरान मिश्रा ने कहा था कि पार्टी उन्हें जरूर टिकट देगी. अब टिकट न मिलने के बाद अगर हम सूत्रों की माने तो अनूप मिश्रा निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं.

क्या है ग्वालियर विधानसभा सीट का जातिगत तानाबाना

बीजेपी की परेशानी इसलिए भी बड़ी हो जाती है, क्योंकि ग्वालियर दक्षिण विधानसभा में जो निर्णायक वोटर हैं, उनमें पहले नंबर पर कुशवाहा जाति के वोटर हैं. इनकी कुल वोटिंग यहां पर 50 हजार है. दूसरे नंबर पर एससी वर्ग के वोटर हैं, जिनकी संख्या यहां पर 25 हजार है. 20 हजार मुसलमान वोटर, 12 हजार ब्राह्मण वोटर और 15-15 हजार वोटर वैश्य व बघेल समाज से आते हैं. इस सीट पर कुल वोटिंग लगभग 2 लाख 49 हजार की है

यही वजह है कि बीजेपी ने 2003 से लेकर अब तक इस सीट पर कुशवाहा समाज के उम्मीदवार को प्राथमिकता दी. अभी तक नारायण सिंह कुशवाहा ही इस समाज के प्रमुख नेता थे तो बीजेपी इनको टिकट देती थी.

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