MPPEB Teacher Recruitment: पूर्व मंत्री और सीनियर कांग्रेस नेता अरुण यादव ने ट्वीट कर शिक्षक भर्ती (Teacher Recruitment) में गड़बड़ी की आशंका जताई है. उन्होंने आशंका जताते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती में विज्ञापन से जॉइनिंग तक 2 हज़ार पद गायब हो गए. अरुण यादव ने कहा, “विज्ञापन 7500 पद का मगर जॉइनिंग 5500 को ही क्यों ? शिक्षक भर्ती में फिर से गड़बड़ी?”
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इससे पहले अरुण यादव (Arun Yadav) ने ही पटवारी परीक्षा (Patwari Exam Scam) को लेकर पहली बार गड़बड़ी की आशंका जताई थी और इसमें उन्होंने ग्वालियर के एक ही कॉलेज से 7 टॉपर्स निकलने की बात उठाई थी, इसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ा था और जमकर हंगामा हुआ था. शिवराज सरकार को पटवारियों की नियुक्ति पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई थी और रिटायर्ड जज से जांच कराने के आदेश जारी कर दिए थे. बता दें कि अरुण यादव पर हाल में 50 फीसदी कमीशन वाले मामले में कई शहरों में एफआईआर दर्ज कराई गई है.
अरुण यादव ने शिक्षक भर्ती की निर्देशिका ट्वीट की और लिखा, शिक्षक भर्ती में विज्ञापन से जॉइनिंग तक गायब हो गए 2 हज़ार पद. विज्ञापन 7500 पदों का निकाला गया, लेकिन जॉइनिंग केवल 5500 अभ्यर्थियों को ही क्यों दी गई? शिक्षक भर्ती में फिर से गड़बड़ी हुई है? उन्होंने आगे लिखा- सरकार ने मई 2, 2023 को 7500 शिक्षक भर्ती वर्ग 3 का विज्ञापन निकला.
विज्ञापन से लेकर भर्ती तक गायब हो गए 2000 पद
लिखित परीक्षा क्लीयर करने के बाद काउंसिलिंग के लिए 6500 से अधिक चयनित शिक्षकों को बुलाया गया यानी विज्ञापन से 1000 कम. फिर 10 अगस्त को निकाले एक आदेश के अनुसार अभी तक जिलेवार नियुक्ति सिर्फ 5500 शिक्षकों की हुई है. चयनित शिक्षक इस बात से परेशान है कि आखिर सरकार ने 2000 पदों का क्या किया? चयनित शिक्षकों को इसका जवाब देने को कोई तैयार नहीं है. बता दें कि प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के 7,429 व जनजातीय कार्य विभाग के 11,098 पदों पर संयुक्त भर्ती होनी है.
पहले भी शिक्षक पात्रता परीक्षा में लगे थे गड़बड़ी के आरोप
बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं जब शिक्षक भर्ती विवादों में आई है. इससे पहले पिछले साल प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2020 (MP TET) के एग्जाम के दौरान सोशल मीडिया पर पेपर वायरल हो गए थे, जिस पर कांग्रेस ने जमकर हंगामा किया था. पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, पीसी शर्मा सहित कई नेताओं ने ट्वीट कर इस मामले की जांच कराने की मांग की थी. वहीं, अरुण यादव ने भी ट्वीट कर लिखा था कि व्यापम घोटाला जारी है, क्योंकि जब तक शिवराज जी मुख्यमंत्री रहेंगे व्यापमं के माध्यम से होने वाली भर्तियां में भ्रष्टाचार जारी रहेगा.
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