कमलनाथ कंट्रोवर्सी खत्म होते ही जीतू पटवारी कांफिडेंस में, MP को बताया “कर्ज और क्राइम की राजधानी”

कमलनाथ के बीजेपी में शामिल होने की कंट्रोवर्सी के समाप्त होने के बाद कांग्रेसी नेता फिर से आत्मविश्वास दिखाने लगे हैं. इसमें सबसे आगे हैं पीसीसी चीफ जीतू पटवारी. जीतू पटवारी ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस कर मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार पर ताबड़तोड़ हमले किए.

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एमपी तक

21 Feb 2024 (अपडेटेड: 21 Feb 2024, 10:43 AM)

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Jitu Patwari: कमलनाथ के बीजेपी में शामिल होने की कंट्रोवर्सी के समाप्त होने के बाद कांग्रेसी नेता फिर से आत्मविश्वास दिखाने लगे हैं. इसमें सबसे आगे हैं पीसीसी चीफ जीतू पटवारी. जीतू पटवारी ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस कर मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार पर ताबड़तोड़ हमले किए. जीतू पटवारी ने मध्यप्रदेश की सरकार को कर्ज और क्राइम की सरकार तक बता डाला. जीतू पटवारी ने कहा कि मध्यप्रदेश में पहले हमने देखा था, झूठ और बेरोजगारी के मामा को. अब हम कर्ज और क्राइम के काका को देख रहे हैं.

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जीतू पटवारी ने कहा कि मामा आए, 30 हजार रजिस्टर्ड झूठ बोल गए! हर एग्जाम में धांधली हुई! लाड़ली बहनों के साथ धोखा हुआ! मतलब झूठ और बेरोजगारी के मामा आए! जनता से झूठा रिश्ता बनाया और जनता को ही “मामू” बनकर चले गए. झूठी बातें, झूठे दावे, झूठे वादे करते हुए “मीठा” बोलना, यह शिवराज के शासन का पर्याय था.

अब आए हैं क्राइम और कर्ज के काका. रोजाना गंभीर किस्म के अपराध होते हैं. पुलिस वालों पर ही गोलियां चलती हैं. गैंगरेप होते रहते हैं! भाजपा के अनुषांगिक संगठनों से जुड़े लोग आदिवासियों को पीटते हैं. सच्चाई है कि मोहन यादव सरकार के दो महीना में क्राइम का ग्राफ सबसे ज्यादा हो गया है. यह स्थिति तब है जब हमारे मुख्यमंत्री जी प्रदेश के गृहमंत्री भी हैं.

अधिकारी ही सीएम को दे रहे चुनौती- जीतू पटवारी

जीतू पटवारी ने आरोप लगाते हुए कहा है कि अराजक हो चुकी व्यवस्था को संभालने के लिए मुख्यमंत्री जी एक अधिकारी का तबादला करते हैं, तो दूसरी जगह कोई दूसरा फिर वही गलती करता है, सीधे मुख्यमंत्री को चुनौती देता है. सरकार ने फिर से पांच हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है! मोहन सरकार ने सत्ता संभालते ही 1 महीने के अंदर में ही 23 जनवरी 2024 को 2500 करोड़ का कर्ज ले लिया.

इसके 15 दिन बाद फिर 7 फरवरी 2024 को 3000 करोड़ रुपए का कर्ज ले लिया. इस तरह देखा जाए तो नई सरकार गठित होने के बाद सरकार ने 15 दिन के अंदर में ही 5500 करोड़ का कर्ज ले लिया है. कर्ज लेकर मंत्रियों के बंगले सजाना है. सरकार की सुख सुविधाओं पर खर्च करना है. लेकिन लाडली बहनों को ₹3000 प्रतिमाह नहीं देना है. गेहूं का समर्थन मूल्य 2700 रुपए प्रति क्विंटल भी नहीं देना है! धान के लिए वादा करने के बावजूद 3100 रुपए प्रति क्विंटल का मूल्य नहीं देना है.

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