राजस्थान की डिप्टी CM दिया कुमारी को ब्लैकमेल करने की कोशिश! पुलिस ने भोपाल से दो पत्रकारों को किया गिरफ्तार

भोपाल से दो पत्रकार आनंद पांडेय और हरीश दिवेकर को गिरफ्तार किया गया है. इन दोनों पर द सूत्र' वेब पोर्टल और यूट्यूब चैनल के जरिए राजस्थान की डिप्टी CM दिया कुमारी की छवि को नुकसान पहुंचाने और अवैध धन उगाही करने का गंभीर आरोप लगा है.

Bhopal News
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आशुतोष शुक्ला

18 Oct 2025 (अपडेटेड: 18 Oct 2025, 06:11 PM)

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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में दाे पत्रकारों को गिरफ्तारी के बाद से सनसनी फैल हुई है. दोनों पत्रकारों को राजस्थान पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इन पर राजस्थान की डिप्टी सीएम दिया कुमारी की छवि को खराब करने के उद्देश्य से कथित तौर पर झूठी और भ्रामक खबरें प्रसारित करने और पैसे की उगाही की कोशिश करने के गंभीर आरोप लगे हैं. बता दें कि पत्रकार आनंद पांडेय और हरीश दिवेकर, 'द सूत्र' नामक एक वेब पोर्टल और यूट्यूब चैनल का संचालन करते हैं. इन दोनों पर राजस्थान की डिप्टी सीएम दिया कुमारी की छवि को धूमिल करने के मकसद से कथित तौर पर झूठी खबरें चलाकर उनसे धन उगाही का प्रयास करने का गंभीर आरोप लगे हैं.

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खबरों को हटाने के एवज में करोड़ों की मांग का दावा

इस मामले में नरेंद्र सिंह तोमर नामक व्यक्ति की तरफ से दर्ज कराई गई FIR में दावा किया गया है कि 'द सूत्र' वेब पोर्टल और यूट्यूब चैनल पर एक सुनियोजित षडयंत्र के तहत दिया कुमारी के विरुद्ध मानहानिकारक खबरें प्रकाशित की गई. आरोप है कि वेब पोर्टल और चैनल से इन खबरों को हटाने के एवज में अवैध रूप से करोड़ों की मांग की गई. ऐसे में मामले में 28 सितंबर 2025 को पुलिस ने BNS की धाराओं के तहत जयपुर के साइबर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया.

राजस्थान पुलिस हिरासत में लेकर कर रही है पूछताछ

इस पूरे घटनाक्रम पर राजस्थान पुलिस ने आधिकारिक बयान जारी किया है. पुलिस के जांच में पाया गया है कि चैनल पर प्रसारित खबरें तथ्यों पर आधारित नहीं थी. जांच में ये भी सामने आया कि 'द सूत्र' चैनल और 'द केपीटल' नामक वेब पेज से झूठी खबरें हटाने और भविष्य में खबरें प्रसारित न करने के लिए अवैध रूप से 5 करोड़ रुपये की मांग की गई. साथ ही यह राशि न दिए जाने पर राजस्थान की उपमुख्यमंत्री के खिलाफ "डिस्ट्रॉय दिया" नामक एक ऑपरेशन चलाने की धमकी भी दी गई थी. साक्ष्यों के आधार पर आनंद पांडेय, हरीश दिवेकर व अन्य के विरुद्ध जुर्म प्रमाणित पाए जाने के बाद, अनुसंधान अधिकारी द्वारा इन आरोपियों को भोपाल से हिरासत में लेकर आगे की जांच के लिए जयपुर लाया जा रहा है ताकि 'द सूत्र' के अन्य पदाधिकारियों से भी पूछताछ करना है.

कार्रवाई पर 'द सूत्र' का बयान आया सामने

दूसरी ओर इस मामले पर 'द सूत्र' की ओर से भी इस पर बयान जारी किया गया है. मीडिया हाउस ने इसे राजस्थान सरकार की कायराना कार्रवाई बताया है. 'द सूत्र' ने अपने बयान में कहा है कि वे अपने पाठकों, आम आदमी की आवाज बने मीडिया हाउसों, स्वतंत्र पत्रकारों और शुभचिंतकों से मिले हौसले के दम पर आगे भी अपनी आवाज को इसी बुलंदी के साथ उठाते रहेंगे. द सूत्र' के अनुसार उन्हें भी ये जानकारी स्पष्ट रूप से नहीं है कि एडिटर-इन-चीफ आनंद पांडे और मैनेजिंग एडिटर हरीश दिवेकर को किस आरोप में हिरासत में लिया गया है. 'द सूत्र' ने अपने समर्थकों को भरोसा दिलाते हुए कहा है कि जैसे ही कोई अपडेट मिलेगा तो उसे जरूर शेयर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि 'द सूत्र' न दबा है न झुका है और जनपक्ष की पत्रकारिता जारी रखेगा.

राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय

फिलहाल, इस पूरे मामले पर राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी की तरफ से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. बावजूद इसके दो राज्यों की पुलिस और पत्रकारों से जुड़ा ये हाई-प्रोफाइल मामला मध्य प्रदेश और राजस्थान के राजनीतिक एवं पत्रकारिता जगत में गहन चर्चा का विषय बन गया है.

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