MP News: खंडवा के महाराष्ट्र के अकोला सेक्शन को मीटर गेज से ब्रॉडगेज में परिवर्तित करने का जो कार्य चल रहा है, उसमें बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. इस रेलवे ट्रैक पर पटरियां बिछ चुकी थी और इस पर मालगाड़ी की आवाजाही भी शुरू हो चुकी थी. इसी ट्रैक का करीब 700 मीटर हिस्सा धंसक गया, जबकि यहां अभी बारिश की शुरुआत ही हुई है. गनीमत रही कि रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त होने के दौरान यहां कोई ट्रेन नहीं आयी, वरना बड़ा हादसा हो सकता था. इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है.
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यह हादसा कल शाम खंडवा जिले के ग्राम गुड़ीखेड़ा के पास टाकल और गुड़ीखेड़ा स्टेशन के बीच हुआ, जहां 700 मीटर का रेलवे ट्रैक ध्वस्त हो गया. इस ट्रैक से अभी पैसेंजर ट्रेन की आवाजाही शुरू नहीं हुई है, लेकिन मालगाड़ी का आना-जाना शुरू हो चुका है. कल शाम यहां एक मालगाड़ी के सुरक्षित निकल जाने के बाद रेलवे ट्रैक बुरी तरह धसक गया और इसकी पटरियां भी बैठ गईं. इससे करीब पांच 500 से 700 मीटर लंबा ट्रैक बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, जबकि ढाई किलोमीटर तक का ट्रैक इससे प्रभावित हुआ है.
लंबे समय से आ रही थीं शिकायतें
इस ट्रैक में घटिया निर्माण की शिकायतें लम्बे समय से आ रही थीं, लेकिन रेलवे के उच्च अधिकारियों ने इसे अनसुना ही किया. जानकारी के मुताबिक इस ट्रैक के निर्माण का बड़ा ठेका आंध्रप्रदेश की सूर्यनारायण रेड्डी कंपनी के पास है, जिसके डायरेक्टर भाजपा के बड़े नेता बताये जाते हैं. जानकारी के मुताबिक इस क्षेत्र में काली मिट्टी है, जिसकी प्रकृति समझकर उसके मुताबिक कार्य किया जाना था, लेकिन इस तकनीकी पक्ष पर ध्यान दिए बिना यहां निर्माणकार्य किया गया. जरा सा पानी मिलते ही काली मिटटी फूल गई और ट्रैक धंसक गया.
रेलवे के अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं. एमपी तक ने यहां पदस्थ अधिकारी से बात करनी चाही तो उन्होंने साफ कह दिया कि वे प्रेस से कुछ भी कहने के लिए अधिकृत नहीं है उन्होंने सांसद महोदय को जो आवश्यक जानकारी थी वह दे दी है.
जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई
सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल का कहना है कि इस मामले में अधिकारियों से चर्चा की है. इसके लिए जो भी जबावदार होगा, उसके खिलाफ कार्यवाही के लिए रेलमंत्री को अवगत कराया जायेगा. सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने कहा, ‘यह बहुत बड़ी मिस्टेक है, यह ठीक है कि इस ट्रैक का अभी ट्रायल था, लेकिन पैसेंजर ट्रेन जाना-आना शुरू हो जाती तो बड़ी दुर्घटना में जनहानि की आशंका थी. इस ट्रैक की हाइट को लेकर कुछ मिस्टेक हो सकती है या फिर मिटटी को जिस तरह दबाना था वह ठीक से नहीं हुआ. हालांकि टेक्नीकल टीम की जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी. इसमें जो भी संबंधित अधिकारी या ठेकेदार होगा. उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी. ठेकेदार किसी भी पार्टी से जुड़ा हो उससे कार्यवाही में फर्क नहीं पड़ेगा.’
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