दिव्यांग पति को गोद में उठाकर कलेक्ट्रेट पहुंची पत्नी, कहा- ‘मैं ज्योति मौर्य नहीं, जो पति को छोड़ दूं’

Chhatarpur News:  देश में पिछले एक महीने से यूपी की ज्योति मौर्य और उनके पति आलोक मौर्य की चर्चा हो रही है. ज्योति के पति ने जैसे-तैसे मजदूरी करके पत्नी को पढ़ाया, लिखाया एसडीएम बनाया उसका नतीजा यह निकला कि ऑफिसर बनते ही पत्नी ने पति को छोड़ने के लिए कोर्ट में अर्जी दायर की […]

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लोकेश चौरसिया

19 Jul 2023 (अपडेटेड: 19 Jul 2023, 11:17 AM)

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Chhatarpur News:  देश में पिछले एक महीने से यूपी की ज्योति मौर्य और उनके पति आलोक मौर्य की चर्चा हो रही है. ज्योति के पति ने जैसे-तैसे मजदूरी करके पत्नी को पढ़ाया, लिखाया एसडीएम बनाया उसका नतीजा यह निकला कि ऑफिसर बनते ही पत्नी ने पति को छोड़ने के लिए कोर्ट में अर्जी दायर की है. तो वहीं इसके उलट एक तस्वीर छतरपुर जिले से सामने आई है. यहां 23 साल की प्रियंका गौड़ और उनके पति अंशुल गौड़ की है. जो कलेक्ट्रेट ऑफिस में अनुकंपा नियुक्ति के अपने दिव्यांग पति को गोद में उठाकर यहां से वहां हो रही है.

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जानकारी के मुताबिक प्रियंका गोड़ अनुकंपा नियुक्ति के लिए पिछले पांच साल से अपने दिव्यांग पति को पीठ पर लादे दर-दर चक्कर लगा रही है, लेकिन उसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है. छतरपुर जिला पंचायत में जनसुनवाई के दौरान एक महिला रोती हुए अपने दिव्यांग पति को गोद में उठाकर पहुंची. और पति के लिए अनुकंपा नियक्ति मांगने लगी, और बोली मैं ज्योति मौर्या नहीं जो इस हालत में पति को छोड़ दूं. 

सालों पति को कंधे पर ऑफिस के चक्कर लगा रही पत्नि
छतरपुर जिला पंचायत में जनसुनवाई के दौरान एक महिला रोती हुए अपने बिकलांग पति को गोद में उठाकर पहुँची और पति के लिए अनुकंपा नियक्ति मांगने लगी। जिले के लवकुशनगर क्षेत्र के परसनिया गांव में रहने बाली महिला प्रियंका गोंड का कहना है कि 2019 से अनुकंपा नियुक्ति के लिए में अपने पति अंशुल गोंड को लेकर दरदर को ठोकर खा रही हूं मगर मेरी कोई नही सुनता.

ज्योति मौर्य नहीं जो पति को छोड़ दूं
प्रियंका गोंड ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं ज्योति मौर्य जैसी नहीं हूं. जो बुरे समय मे अपने पति को छोड़ दूं. मेरी शादी 2017 में हुई थी, और शादी के एक साल बाद ही सड़क हादसे में पति पैरों से विकलांग हो गए थे. तभी से में उन्हें गोद मे लेकर आती जाती हूं. मेरी ऐसी परिस्थिति को देखकर अधिकारी का दिल नही पसीजता, जिसकी वजह से आजतक अनुकंपा नियुक्ति नही मिल पाई है.

अनुकंपा नियुक्ति के लिए कलेक्ट्रेट के चक्कर लगा रहा जोड़ा
दिव्यांग पति अंशुल ने बताया कि मेरी मां कमलेश गोंड गौरिहार विकासखंड के ग्राम कितपुरा के शासकीय हाईस्कूल में अध्यापक के पद पर कार्यरत थी, और उनकी 2015 में एक सड़क हादसे में अचानक मौत हो गई थी. उसी की अनुकंपा नियुक्ति की में लगातार मांग कर रहा हूं. जो अभी तक पूरी नही हो पा रही है. वही कलेक्टर का कहना है कि नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी और जो शासन द्वारा नियम निर्धारित किए गए हैं. उसी के अनुसार नियुक्ति की जाती है.

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