shivraj singh chauhan interview: राजधानी भोपाल में सतपुड़ा भवन की आग क्या किसी राजनीतिक षडयंत्र का नतीजा थी. क्या मध्यप्रदेश में बीजेपी, कांग्रेस को आगामी चुनाव में मात देने के लिए एक हजार रुपए महीना देने वाली लाड़ली बहना योजना लेकर आई. क्या बीजेपी के मूल कैडर के नेता सिंधिया गुट की वजह से हाशिए पर हैं. ऐसे तमाम सवालों के जवाब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वयं दिए. सीएम शिवराज सिंह चौहान से इंडिया टुडे ग्रुप के द लल्लनटॉप के संपादक सौरभ द्विवेदी ने बात की. MP Tak पर पढ़ें इस इंटरव्यू के संपादित अंश.
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सवाल– सतपुड़ा भवन की आग पर कांग्रेस के आरोप हैं कि यह चुनाव से पूर्व भ्रष्टाचार की फाइले मिटाने लगाई गई?
शिवराज सिंह चौहान- शॉर्टसर्किट के कारण आग लगी थी. क्या रात के अंधेरे में आग लगी. चोरी छिपे लगी. शाम 6 बजे आग लगी जो पूरी तरह से दुर्घटना थी, उसे लेकर थ्योरी गढ़ना गलत है. जिस हिस्से में आग लगी वहां स्थापना से जुड़ी फाइलें थीं न कि किसी भ्रष्टाचार से जुड़ी फाइलें. इसलिए इसे दुर्घटना को षडयंत्र बताने के सभी आरोप गलत हैं.
सवाल- राजधानी भोपाल में ही अग्निशमन के पर्याप्त इंतजाम क्यों नहीं थे?
शिवराज सिंह चौहान- मानता हूं कि कुछ खामियां हैं, उनको दूर करेंगे.
सवाल- लाड़ली बहना योजना का विचार कैसे आया?
शिवराज सिंह चौहान– बचपन से मैंने बहन-बेटी के साथ अन्याय हाेते देखा. बेटा बुढापे का सहारा और बेटी ससुराल चली जाएगी. इस सोच ने बहन-बेटी की हालत खराब की. बेटी को बोझ माना. इसलिए ये योजना का विचार आया. मप्र में 56 प्रतिशत महिलाएं महापौर से लेकर पार्षद तक हैं. 30 प्रतिशत आरक्षण पुलिस में बेटियों को दिया. इसी तरह शिक्षा विभाग में आरक्षण दिया. गांव की बेटी योजना, प्रतिभा किरण योजना और अब 12वीं में प्रथम आने वाली बेटियों को स्कूटी देने की योजना बनाई. बेटी को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के मकसद से ही हमने लाड़ली बहना योजना बनाई और 1 हजार रुपए प्रतिमाह देने की व्यवस्था की है.
सवाल- मध्यप्रदेश में लगभग 78 हजार बच्चे कुपोषित हैं. अंडरवेट बच्चों का औसत राष्ट्रीय औसत से अधिक है. बच्चों के कुपोषण को दूर करने क्या कर रहे हैं?
शिवराज सिंह चौहान— मैं ईमानदारी से स्वीकार करता हूं कि बच्चों का कुपोषण दूर करने कुछ और काम करने की जरूरत है. वे अंडे खाएं या कुछ और ये मां तय करेंगी. इसलिए हमने तय किया कि कुपोषण दूर करने हमने पैसे देना शुरू किए. जो पसंद हो, वे खिलाएं.
सवाल- मप्र में बहनों की मौज है. शिवराज मामा ने 1 हजार, कमलनाथ ने 1500 और अब दोबारा से शिवराज मामा ने 3000 देने की घोषणा की है. ये कहां तक जाएगा?
जवाब- देखिए अत्यंत पिछड़ी जनजाति की महिलाओं को पहले से हम 1000 रुपए देते थे जिसे कमलनाथ की सरकार ने बंद कर दिया था. कमलनाथ ने तो मेरे 1000 देने के ऊपर 1500 रुपए देने वाली योजना की बात कही. बजट को देखते हुए ही हमने इस योजना के बारे में कहा कि अभी 1 हजार देंगे, बाद में वित्तीय स्थिति के हिसाब से महिलाओं को इस योजना में 3 हजार रुपए तक देंगे.
सवाल- कमलनाथ ने 500 रुपए में गैस सिलेंडर देने की बात कर रहे हैं. इस पर आपका क्या कहना है?
शिवराज सिंह चौहान- ये गारंटी नहीं है, उनका चुनावी शिगुफा है. वे सिर्फ चुनाव में वोट चाहते हैं, इसलिए ऐसी घोषणाएं कर रहे हैं लेकिन वे ऐसा करेंगे ही ,इसकी कोई गारंटी नहीं है. लेकिन हमारी योजनाएं गारंटी के साथ लोगों को लाभान्वित कर रही हैं.
सवाल- 100 यूनिट तक बिजली माफ, 200 यूनिट तक हाफ बिल वाली कमलनाथ की इस घोषणा पर क्या कहेंगे?
शिवराज सिंह चौहान- उन्होंने कहा कि 10 दिन में किसानों का कर्जा माफ करेंगे. राहुल गांधी ने कहा कि मुख्यमंत्री बदल देंगे. उन्होंने कुछ नहीं किया. इन घोषणाओं का भी कुछ नहीं होगा.
सवाल– 2018 के चुनाव परिणाम के बाद शिवराज सिंह चौहान नहीं चाहते थे कि लंगड़ी सरकार चलाएं और इसलिए इस्तीफा दे दिया लेकिन मार्च 2020 तक आते-आते ह्दय परिवर्तन कैसे हो गया?
शिवराज सिंह चौहान- देखिए बहुमत तो कांग्रेस का भी नहीं था. बसपा, सपा और निर्दलीय 5 विधायक रास्ते में थे, सागर तक आ गए थे. वो मिलना चाहते थे मुझसे आकर. लेकिन मेरे मन ने मुझे अनुमति नहीं दी. क्योंकि मुझे लगा जिसकी अधिक सीट है, सरकार उसे ही बनाना चाहिए. इसलिए अगले दिन इस्तीफा दे दिया. मैंने राष्ट्रीय अध्यक्ष को बता दिया था इस बारे में. लेकिन उस समय जो परिस्थिति सवा साल में बनी तो लगा कि कमलनाथ सरकार अन्याय की अति कर रही है. वल्लभ भवन दलालों का अड्डा बन गया. खुलेआम लूट हो रही थी. सिंधिया को बोल दिया कि सड़क पर आ जाओ. बदले की राजनीति करते हुए होटल, घर संस्थान तोड़ने लगे. ऐसी परिस्थिति में उनके ही लोग टूटे. सिंधिया बार-बार अपमानित हुए. उसके बाद जो परिस्थिति थी तो बीजेपी के पास सरकार बनाने की स्थिति बनी. सभी लोग दोबारा से उप चुनाव में गए और जीतकर आए.
सवाल- इमरती देवी क्यों नहीं जीती, लोगों ने कहा कि आपकी कैबिनेट के कद्दावर नेता ने उनका साथ नहीं दिया?
शिवराज सिंह चौहान- नहीं ये आरोप गलत हैं. प्रभुराम चौधरी हों या तुलसी सिलावट या दूसरे सिंधिया गुट के नेता भारी मतों से उप चुनाव में जीतकर आए. इमरती देवी या कुछ लोग हारे भी हैं तो उसमें बीजेपी के किसी बड़े नेता ने उनको हराने के लिए कुछ किया हो तो ऐसे आरोप निराधार हैं.
सवाल- अब भाजपा का कार्यकर्ता पूछ रहा है आप लोगों से कि कांग्रेसी डीएनए वाले सिंधिया खेमे को जो बीजेपी में ले आए हैं, उससे मूल कैडर वाले नेताओं का क्या होगा?
शिवराज सिंह चौहान- ये पहली बार नहीं है कि बीजेपी में दूसरी पार्टी से कोई आया हो. डॉ शिवप्रसाद समाजवादी पार्टी से आए थे जनता पार्टी में. ऐसे दर्जनों नाम हैं जो दूसरी विचारधारा से बीजेपी में आए और बीजेपीमय हो गए. सिंधिया जी की तारीफ करूंगा कि वे बीजेपी में ऐसे घुल मिल गए जैसे दूध में शक्कत घुल जाती है.
सवाल- क्या बीजेपी में ज्योतिरादित्य सिंधिया वर्सेज वीडी शर्मा जैसा कुछ है. क्या वीडी शर्मा चुनाव तक प्रदेश अध्यक्ष रहेंगे?
शिवराज सिंह चौहान– ऐसी कोई थ्योरी नहीं है. सिंधिया और वीडी शर्मा और बाकी नेता सब साथ हैं. वीडी शर्मा ही प्रदेश अध्यक्ष रहेंगे.
सवाल- आप पहली बार मुख्यमंत्री बने, उसका किस्सा क्या है?
शिवराज सिंह चौहान- मैं कभी मुख्यमंत्री बनूंगा, ऐसा सोचा नहीं था. मैं विदिशा के सांसद के तौर पर दिल्ली में रहता था, तब मेरे पड़ोसी हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा थे. वे मेरे घर आ गए और उन्होंने ही पहली बधाई मुझे मुख्यमंत्री बनने की दी थी. उसके बाद मुझे बीजेपी कार्यालय बुलाया गया और पार्टी के वरिष्ठों ने कहा कि आपको मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनना है. तो पार्टी ने तय करके मुझे सीएम बनाया और तब से लेकर आज तक पार्टी ही फैसला करती है कि मेरी भूमिका क्या रहेगी.
सवाल- क्या आपसे पुराने और बुजुर्ग नेता नाराज हैं. कैलाश विजयवर्गीय और अन्य नेताओं के नाम सामने आते हैं.
शिवराज सिंह चौहान- आज ही कैलाश जी के साथ बैठा था. मेरे से कोई नेता नाराज नहीं है. सभी से अच्छे संबंध हैं.
इनपुट: सीएम शिवराज सिंह चौहान का पूरा इंटरव्यू देखने के लिए देखें द लल्लनटॉप का खास प्रोग्राम जमघट
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