CSDS-लोकनीति सर्वे: बेरोजगारी और भ्रष्टाचार वोटर्स के लिए बड़े मुद्दे, बढ़ा सकते हैं BJP की परेशानी!

CSDS-लोकनीति के प्री पोल सर्वे में ये बात सामने आई है कि, देश में नौकरियों की किल्लत यानी बेरोजगारी, बढ़ती महंगाई, भ्रष्टाचार और लोगों की बिगड़ती आर्थिक स्थिति जैसे मुद्दे आगामी लोकसभा चुनाव में मतदाताओं के लिए अहम मुद्दे हैं.

PM Narendra Modi and Tamil Nadu BJP chief K. Annamalai hold a roadshow in Chennai, Apr. 9; (Photo: ANI)

PM Narendra Modi and Tamil Nadu BJP chief K. Annamalai hold a roadshow in Chennai, Apr. 9; (Photo: ANI)

एमपी तक

13 Apr 2024 (अपडेटेड: 13 Apr 2024, 04:38 PM)

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Lok Sabha Elections 2024: CSDS-लोकनीति के प्री पोल सर्वे में ये बात सामने आई है कि, देश में नौकरियों की किल्लत यानी बेरोजगारी, बढ़ती महंगाई, भ्रष्टाचार और लोगों की बिगड़ती आर्थिक स्थिति जैसे मुद्दे आगामी लोकसभा चुनाव में मतदाताओं के लिए अहम मुद्दे हैं और इन्हीं मुद्दों पर जनता मतदान करेगी. ये सर्वे बताता है कि मोदी लहर और राम मंदिर जैसे सनातन धर्म से जुड़े भावनात्मक मुद्दो को खूब हवा देने के बाद भी लोग जब वोट डालने जाएंगे तो उनके लिए अहम मुद्दे बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार रहेंगे. लेकिन यही सर्वे ये भी बताता है कि इन मुद्दो के बाद भी आज भी गरीबों की पहली पसंद यदि कोई पार्टी है तो वह है बीजेपी.

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सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (CSDS) ने चुनाव में प्रभावी रहने वाले मुद्दों को लेकर एक सर्वे किया है. CSDS-लोकनीति ने यह सर्वे इस थीम से किया है कि, देश में वो कौन से मुद्दे है जो चुनाव में वोट देने वाले मतदाताओं को प्रभावित कर सकते है. सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक देश में महंगाई और बेरोजगारी का मुद्दा सबसे प्रभावी है. इसके साथ ही अयोध्या में बने राम मंदिर के मुद्दे पर वोट देने को लेकर जनता में उतना उत्साह नहीं है.

62 फीसदी ने माना कि नौकरी पाना हुआ मुश्किल

CSDS-लोकनीति ने इस बात पर सर्वे किया है कि, पिछले पांच सालों की अपेक्षा वर्तमान में नौकरियां पाना कितना आसान या मुश्किल है. सर्वे में शामिल 62 फीसदी लोगों का ये मानना है कि, पिछले पांच सालों की तुलना में वर्तमान में नौकरियां पाना मुश्किल हो गया है. साथ 18 फीसदी लोगों का मानना है कि, पिछले पांच सालों की तुलना में आज भी नौकरियां पाना उतना ही मुश्किल या आसान है यानी कोई बदलाव नहीं हुआ है.

दिलचस्प बात ये है कि 12 फीसदी लोगों का ये मानना है कि, पहले की तुलना में वर्तमान में नौकरियां पाना आसान हुआ है. मोदी सरकार के पिछले पांच साल के कार्यकाल में नौकरी पाना कठिन हुआ है, अधिकतक लोगों का यही मानना है.

59 फीसदी लोगों ने माना किसानों की मांगें जायज

किसानों के आंदोलन करने के मुद्दे पर लोगों से सवाल किए गए. सर्वे में शामिल 63 फीसदी किसानों का ये मानना है कि, किसानों का अपनी वास्तविक मांगों के लिए विरोध प्रदर्शन करना सही है वहीं 11 फीसदी किसानों के ये मानना है कि केंद्र सरकार के खिलाफ ये एक साजिश थी. 12 फीसदी किसान इस प्रोटेस्ट से वाकिफ ही नहीं है. 

लोकसभा चुनाव 2024 में कौन सा मुद्दा रहेगा हावी

बेरोजगारी- 27%

महंगाई- 23%

विकास- 13%

भ्रष्टाचार- 8%

अयोध्या का राम मंदिर- 8%

हिंदुत्व- 2%

भारत की अंतर्राष्ट्रीय छवि- 2%

आरक्षण- 2%

अन्य मुद्दे - 9%

पता नहीं- 6%

इन मुद्दों के बाद भी कितने प्रतिशत गरीबों की पहली पसंद है बीजेपी

गरीब- 39%

निम्न मध्यमवर्ग- 39%

मध्यम वर्ग- 40%

उच्च वर्ग- 45%

अब जानें, कितने प्रतिशत गरीबों की पहली पसंद है कांग्रेस

गरीब- 22%

निम्न मध्यमवर्ग- 22%

मध्यम वर्ग- 20%

उच्च वर्ग- 20%

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