नचनारियां करती हैं मां जानकी की पूजा, रंगपंचमी पर लगता है मेला; जानें करीला धाम की अनोखी मान्यताएं

Karila Dham: मध्यप्रदेश में जिन नृत्यांगनाओं को नचनारी और बेड़नी के रूप में पहचाना जाता है, उनके साथ एक गजब की परंपरा जुड़ी हुई है. रायसेन और अशोकनगर में मां जानकी की पूजा इन नचनारियों के हाथों से झंडी- प्रसादी और बधाई के रूप में होती हैं. दोनों ही स्थानों पर  रंगपंचमी के मौके पर […]

karila dham and mini karila dham, Madhya Pradesh, rangpanchmi
karila dham and mini karila dham, Madhya Pradesh, rangpanchmi

राजेश रजक

13 Mar 2023 (अपडेटेड: 13 Mar 2023, 07:27 AM)

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Karila Dham: मध्यप्रदेश में जिन नृत्यांगनाओं को नचनारी और बेड़नी के रूप में पहचाना जाता है, उनके साथ एक गजब की परंपरा जुड़ी हुई है. रायसेन और अशोकनगर में मां जानकी की पूजा इन नचनारियों के हाथों से झंडी- प्रसादी और बधाई के रूप में होती हैं. दोनों ही स्थानों पर  रंगपंचमी के मौके पर मेला लगता है. ये मुख्य रूप से अशोकनगर का करीला धाम और रायसेन जिले का भानपुर गंज है जहां पर हजारों की संख्या में भक्त आते हैं और बेड़निया माता की भक्ति में नाचती हैं.

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मध्यप्रदेश के अशोक नगर में मां जानकी का प्रसिद्ध धाम हैं , मां करीला धाम. करीला धाम में रंगपंचमी के दिन मेला लगता है. यहां हर साल हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं. लोगों की मान्यता है कि दर्शन से मुराद पूरी होती है, इसी खुशी में रंगपंचमी के मौके पर बेड़नी महिलाएं नाचती हैं. खास बात ये है कि एक ओर जहां कई जगहों पर नचनारियों को हेय दृष्टि से देखा जाता है तो वहीं करीला में इन्हें ऊंचा दर्जा दिया गया है. यहां बेड़नियों के हाथों से ही माता को प्रसाद और झंडे चढ़वाए जाते हैं.

करीला धाम की तरह रायसेन का मिनी करीला
करीला की तरह ही रायसेन का भानपुर है. गैरतगंज के भानपुर को मिनी करीला के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि भक्तों की आस्था के कारण मां ने गैरतगंज के भानपुर में पहाड़ी पर प्रकट हुईं और मिनी करीला धाम के रूप में भक्तों की मनोकामनाएं पूरी कर रही हैं. मिनी करीला में भी करीला धाम की तरह ही रंगपंचमी के मौके पर मेला लगता है. यहां हजारों भक्तों का जमावड़ा होता है. श्रद्धालु पहुंचते हैं और नृत्यांगनाएं नचाते हैं.

करीला धाम और मिनी करीला धाम की मान्यता
करीला धाम में मां जानकी और उनके पुत्र लव व कुश की मूर्ति है. मान्यता है कि करीला धाम वही जगह है जहां माता सीता ने लव और कुश को जन्म दिया था. यहां श्रद्धालु पुत्र प्राप्ति समेत मन्नतें मांगने आते हैं. रायसेन के भानपुर के लोगों की मानें तो करीला के बाद रायसेन जिले के भानपुर में मां जानकी ने एक पंडा के स्वप्न में कहा कि जो भक्त करीला धाम नहीं आ सकते, मैं वहीं उनकी मुराद पूर्ण करूंगी. तभी से भानपुर में भी मां जानकी का मंदिर है. करीब 20 वर्षों से लगातार यहां पुत्र, धन सम्पत्ति और यश की प्राप्ति के लिए मां के धाम आते हैं और मुराद पूरी होने पर मां के दरबार में बेड़नी से नृत्य कराकर मां का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.

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