MP सरकार ने डॉ. आनंद राय को सेवा से किया बर्खास्त, राय बोले- अब लडूंगा चुनाव

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के चर्चित आरटीआई एक्टिविस्ट और व्यापमं घोटाले के व्हिसलब्लोअर डॉ. आनंद राय को सरकार ने नौकरी से निकाल दिया है. डॉक्टर राय इंदौर के हुकुमचंद अस्पताल में नेत्र रोग पीजीएमओ के पद पर कार्यरत थे. नौकरी में कदाचरण को लेकर सरकार ने डॉ. राय पर बड़ी कार्रवाई करते हुए बर्खास्त […]

MP government dismissed Dr Anand Rai from service Rai said - I will challenge in High Court 8 allegations
MP government dismissed Dr Anand Rai from service Rai said - I will challenge in High Court 8 allegations

इज़हार हसन खान

27 Mar 2023 (अपडेटेड: 27 Mar 2023, 02:19 PM)

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Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के चर्चित आरटीआई एक्टिविस्ट और व्यापमं घोटाले के व्हिसलब्लोअर डॉ. आनंद राय को सरकार ने नौकरी से निकाल दिया है. डॉक्टर राय इंदौर के हुकुमचंद अस्पताल में नेत्र रोग पीजीएमओ के पद पर कार्यरत थे. नौकरी में कदाचरण को लेकर सरकार ने डॉ. राय पर बड़ी कार्रवाई करते हुए बर्खास्त कर दिया है. बर्खास्त करने की सबसे बड़ी वजह सरकार के खिलाफ हो रही गतिविधियों में शामिल होना था. जयस के साथ मिलकर वह कई गतिविधियों में थे. कुछ दिनों पहले भोपाल में सरकार के खिलाफ हुई हल्लाबोल रैली में भी जयस के साथ डॉक्टर राय शामिल हुए थे.

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अवर सचिव स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बर्खास्तगी के आदेश में 8 आरोपों के आधार पर कार्रवाई की गई है. इसमें सरकार और सीएम शिवराज के खिलाफ भ्रामक जानकारी देना भी शामिल है. आरोप 5 कहा गया कि सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा मध्य प्रदेश में चलाई जा रही ‘सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना ने बढ़ाया दिव्यांगों का आत्मविश्वास’ इस पर डॉ. आनंद राय ने एफबी पर लिखा कि कहा कि जल्द ही इस योजना की जमीनी हकीकत सबके सामने लाऊंगा.

एक साल पहले किया गया था सस्पेंड
डॉ. आनंद राय पर कार्रवाई की वजह बिना बताए अस्पताल से गायब रहने, सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट, और निलंबन के बाद नियत रीवा मुख्यालय में पदस्थ नहीं होना शामिल है. राय को 7 अप्रैल 2022 को आनंद राय को सस्पेंड कर दिया गया था और उन्हें रीवा अटैच किया गया था, लेकिन उन पर आरोप है कि उन्होंने रीवा ज्वाइन ही नहीं किया.

डॉक्टर आनंद राय इंदौर के हुकुमचंद चिकित्सालय में (पीजीएमओ नेत्ररोग) चिकित्सा अधिकारी के पद पर पदस्थ थे और वर्तमान में निलंबित चल रहे थे. विभाग की तरफ से बर्खास्तगी की कार्रवाई मध्य प्रदेश सिविल सेवा नियम-1966 के तहत कार्रवाई की गई है. स्वास्थ्य विभाग के आदेश के अनुसार राय हुकुमचंद चिकित्सालय के 29 मार्च 2022 को निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित थे, जबकि उनकी रजिस्ट्रर में दर्ज पाई गई. दूसरा, 15 फरवरी से 15 मार्च 2023 के अवधि में डॉ. आनंद राय 18 दिन ही उपस्थित हुए. जबकि 6 दिन का कोई अवकाश का आवेदन भी प्रस्तुत नहीं किया गया. अनुपस्थित रहने पर राय को मेडिकल कराने पेश होने को कहा गया गया, लेकिन वह पेश नहीं हुए.

आनंद राय ने कहा- 2023 में शिवराज सरकार को उखाड़ फेकेंगे
बर्खास्तगी के आदेश पर MP Tak से बातचीत में डॉक्टर आनंद राय ने कहा- “1 हजार से ज्यादा भ्रष्ट अधिकारियों पर, जिन पर एफआईआर है, उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. दूसरी तरफ ऐसे कई डॉक्टर्स हैं, जिनकी लापरवाही की वजह से लोगों की जान जा चुकी है और आंखें फूट चुकी हैं. उन्हें भी कभी बर्खास्त नहीं किया गया है. लेकिन मुझे तीन दिन दिन की अपसेंट के कारण, मेडिकल लीव लगाई थी, इलाज के लिए दिल्ली गया था. इसे छुट्टी को इन्होंने नहीं माना और मुझे बर्खास्त कर दिया गया है. अब मैं चुनाव लडूंगा और 2023 में भाजपा और शिवराज की सरकार को उखाड़ कर इसका जवाब दूंगा. डॉ. आनंद राय ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाने का फैसला किया है.”

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इनपुट- इंदौर से धर्मेंद्र कुमार शर्मा

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