Exclusive: '45 साल की दोस्ती, कोई मतभेद नहीं', कमलनाथ के साथ रिश्तों पर दिग्विजय सिंह ने तोड़ी चुप्पी

दिग्विजय सिंह ने साफ किया कि कमलनाथ के साथ उनकी 45 साल पुरानी गहरी दोस्ती है और उनके बीच कोई मतभेद नहीं हैं. टिकट बंटवारे और “कपड़े फाड़ने” जैसी बातें सिर्फ आपसी मजाक का हिस्सा थीं.

दिग्विजय सिंह के खुलासे के बाद से एमपी में गरमाई सियासत
दिग्विजय सिंह के खुलासे के बाद से एमपी में गरमाई सियासत

न्यूज तक

24 Aug 2025 (अपडेटेड: 24 Aug 2025, 11:06 PM)

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मध्य प्रदेश की राजनीति में जब भी बड़े नेताओं की बात आती है, तो नाम- कमलनाथ और दिग्विजय सिंह का जरूर लिया जाता है. ये दोनों ही कांग्रेस के मजबूत स्तंभ माने जाते हैं और कई दशकों से राजनीति में साथ काम भी कर रहे हैं. लेकिन 2020 में जब प्रदेश में कमलनाथ की सरकार और मात्र 15 महीने में गिर गई, तो चर्चाएं तेज होने लगी कि क्या इन दो बड़े नेताओं के बीच कोई खटास तो नहीं आ गई थी?

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हाल ही में इंडिया टुडे ग्रुप के Tak चैनल्स के मैनेजिंग एडिटर मिलिंद खांडेकर के साथ पॉडकास्ट में दिग्विजय सिंह ने पहली बार इस मुद्दे पर खुलकर बात की. उन्होंने साफ कर दिया कि उनके और कमलनाथ के रिश्ते हमेशा अच्छे रहे हैं.

कैसे हैं दिग्विजय और कमलनाथ के बीच के रिश्ते 

पॉडकास्ट में दिग्विजय सिंह बताते हैं कि,

"कमलनाथ जी और मेरी मित्रता लगभग 40-45 साल पुरानी है. साल 1993 में जब मैं मुख्यमंत्री बना था, उस वक्त उन्होंने मेरा बड़ा सहयोग किया था. मैं तो उनसे बहुत ओब्लाइज्ड रहा हूं. हमारे संबंध हमेशा बहुत अच्छे रहे हैं. "

जब उनसे पूछा गया कि कमलनाथ पर आरोप लगे कि उन्होंने टिकट बांटने में किसी की नहीं सुनी और यहां तक कि सार्वजनिक मंच से कहा गया कि “जाकर इनके कपड़े फाड़ लो”, तो इस पर दिग्विजय सिंह ने हंसते हुए कहा कि ये सब आपसी मजाक था. उन्होंने बताया, "वो कपड़े फाड़ने वाली बात मजाक थी. हमारे बीच इस तरह की बातें आपस में चलती रहती हैं."

टिकट किसने बांटे जैसे सवाल मजाक 

पॉडकास्ट में दिग्विजय सिंह ने यह भी कहा कि "टिकट किसने बांटे" जैसे सवालों पर उन्होंने मजाक में कहा था कि भाई बताओ बी फॉर्म पर दस्तखत किसके होते हैं? मेरे होंगे या पीसीसी प्रेसिडेंट के? मतलब, टिकट तो मिलकर ही बांटे गए थे.

उन्होंने ये भी जोड़ा कि जब सरकार गिरी तो कई लोग जिम्मेदारी लेने से बचते रहे. लेकिन उन्होंने खुद जिम्मेदारी ली, क्योंकि "यही फर्क होता है जिम्मेदारी लेने वालों और नहीं लेने वालों में."

इस पूरे बातचीत से साफ है कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के रिश्तों में कोई दरार नहीं है. दोनों के बीच पुरानी दोस्ती और राजनीतिक समझदारी अब भी बरकरार है. जो बातें बाहर से विवाद जैसी लगती हैं, वो असल में आपसी मजाक और तंज के रूप में कही गई थीं.

राजनीति में मतभेद होना सामान्य है, लेकिन दिग्विजय सिंह की बातों से साफ है कि कमलनाथ के साथ उनका रिश्ता आज भी मजबूत है. जो बातें लोगों को दूरी लगती हैं, वो दरअसल दशकों पुरानी दोस्ती का हिस्सा हैं.

इस पॉडकास्ट में दिग्विजय सिंह ने और भी खुलासे किए हैं...पूरा  PODCAST देखने के  लिए यहां क्लिक करें...

 

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