Exclusive: CM मोहन यादव ने बताए पोहा-जलेबी रेस्टोरेंट के अनकहे किस्से, रेसिपी भी बताई

MP Tak बैठक में CM मोहन यादव ने बताई पोहा-जलेबी की रेसिपी और अपने संघर्ष के दिनों की कहानी, बताया कैसे रेस्टोरेंट से राजनीति तक का सफर तय किया.

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तस्वीर: एमपी तक.

News Tak Desk

09 Jul 2025 (अपडेटेड: 09 Jul 2025, 09:36 AM)

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भोपाल में आयोजित 'MP Tak बैठक' में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने संघर्ष के दिनों के कई किस्से शेयर किए. इनमें से एक पोहा-जलेबी रेस्टोरेंट और होटल के किस्से उन्होंने शेयर किए. 

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इंडिया टुडे ग्रुप के तक चैनल्स के मैनेजिंग एडिटर मिलिंद खांडेकर के सवालों का जवाब देते हुए सीएम मोहन यादव ने बताया-'कभी-कभी जो बात निकलती है कि...हम पढ़ लिख लिए फिर भी काम नहीं मिला. ये बात सही है कि केवल पढ़ाई-लिखाई से काम मिलना मुश्किल है.' 

MP की जनसंख्या करीब 9 करोड़, सरकारी पद 10 लाख से कम 

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा-  'हमारे देश में केवल प्रदेश की बात करें तो उसकी जनसंख्या 9 करोड़ के आसपास रही है, लेकिन सारे सरकारी पद 10 लाख भी नहीं है. बाकी लोग तो स्वयं अपने-अपने ढंग से काम करते ही हैं. खेती करते हैं, दुकान चलाते हैं, व्यापार करते हैं, व्यवसाय करते हैं. इसी प्रकार पुराने समय के माता-पिता भी ऐसे ही सोचते थे.' 

मेरे पिताजी भी दुकान खुलवा देते थे- CM 

मोहन यादव ने बताया- 'जैसे हम हायर सेकेंडरी के आसपास पहुंचे और हायर सेकेंडरी पास की...मेरे पिताजी तो दुकान खुलवा देते थे. हम तीन भाई हैं. वे कहते थे- तुम अब बाकी पढ़ाई करो तो करते रहो, लेकिन अपना आय का साधन स्वयं बनाओ. ऐसे में ये जो आदत डली है ये पुराने समय से है.'

इसके कई फायदे थे- CM मोहन यादव 

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया- 'इसके कई फायदे हैं. एक फायदा ये है कि आदमी को पैसे की कीमत भी मालूम पड़ती है. स्वयं का कॉन्फिडेंस भी होता है और उसको आगे बढ़ना तो उसी में से मार्ग बनाना है. मैं हायर सेकेंडरी पास हुआ तो मेरे लिए रेस्टोरेंट खुलवा दिया गया. अब मैं सुबह 6 बजे पोहे बना रहा हूं. बाद में जलेबी बना रहा हूं. बाकी काम भी कर रहा हूं. सुबह से लेकर शाम तक दुकान चलाना होता था...इसी बीच कॉलेज भी जाना था.'

जब मैं चुनाव लड़ा तब... 

मोहन यादव ने बताया- 'संयोग से मैं चुनाव लड़ लिया. इस कारण समय भी बहुत देना पड़ता था. तो रेस्टोरेंट पर असर पड़ने लगा. मैंने पिताजी और भैया से कहा कि मुश्किल हो रही है. मैं चुनाव जीत गया. मैंने कहा- चाय-पोहे-नाश्ता... ये कराने में करने में मेरा तो सब काम बिगड़ रहा है.'

पिता जी ने होटल खोलने का दिया सुझाव 

पिता जी ने सुझाव दिया. बोले- 'अब तुमको चुनाव लड़ना हो तो लड़ो. हम तुम्हारे लिए होटल खोल देते हैं, लेकिन अपना दुकान तो बंद नहीं करना है वो तो करना पड़ेगा. तुमको सुबह से शाम तक चाय पोहे की दुकान पर दिक्कत है तो तुम होटल में सुबह शाम वक्त दो. दोपहर खाना 11-12 बजे चालू होता है और 2:00 बजे तक चलता है. शाम के समय 7:00 बजे चालू होता है और 11:00 बजे तक चलता है, लेकिन तुमको दुकान तो करना ही है.'

मोहन यादव ने पुराने संस्मरण ताजा करते हुए आगे कहा- 'ये जो एक सीख रहती है. इस सीख के भरोसे से मुझे मालूम है कि मैंने लगभग आठ साल तक दोनों तरह की दुकानें चलाई और उसके साथ-साथ सामाजिक काम करते हुए अपनी पहचान बनाई. '

भाप वाले पोहे की बात ही कुछ और है- CM 

मोहन यादव ने पोहे की रेसिपी साझा करते हुए कहा- 'भाप वाले पोहे के जो मजे आते हैं उसकी बात अलग है. 5 किलोग्राम पोहा में 50 ग्राम भी तेल नहीं लगता है. वो केवल भाप से पकता है. उसमें हल्दी मिलाकर उसे रंग दिया जाता है. वास्तव में स्वास्थ्य के लिए भी ठीक है. ज्यादा तल दो तो वो तला गला सबको कष्ट ही देता है. माननीय प्रधानमंत्री जी ने अभी कुछ समय पहले बोला कि 10 परसेंट अपना तेल कम करना है. तो मुझे लगता है कि खानों का ब्रांड एम्बेसडर बनेगा तो हमारा पोहा बन जाएगा.'

यहां देखें वीडियो 

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