दोस्ती हो तो ऐसी; साथ में पढ़ाई की और साथ में ही कर दिया MP टॉप, जाने पूरी कहानी

Mandla News:  मंडला जिले की दिव्यांशी जैन ने कक्षा बारहवीं बोर्ड परीक्षा में 500 में से 482 अंक हासिल कर वाणिज्य संकाय में प्रदेश की प्रवीण सूची में प्रथम स्थान हासिल किया है. दिव्यांशी के साथ-साथ उनकी सहेली जहान्वी चंदेला ने 500 में से में से 476 अंक हासिल कर प्रवीण सूची में चौथा स्थान […]

Friendship should be like this; Studied together and topped MP at the same time, know the whole story
Friendship should be like this; Studied together and topped MP at the same time, know the whole story

सैयद जावेद अली

• 04:25 AM • 26 May 2023

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Mandla News:  मंडला जिले की दिव्यांशी जैन ने कक्षा बारहवीं बोर्ड परीक्षा में 500 में से 482 अंक हासिल कर वाणिज्य संकाय में प्रदेश की प्रवीण सूची में प्रथम स्थान हासिल किया है. दिव्यांशी के साथ-साथ उनकी सहेली जहान्वी चंदेला ने 500 में से में से 476 अंक हासिल कर प्रवीण सूची में चौथा स्थान हासिल किया है. दिव्यांशी और जहान्वी दोनों ही ज्ञान ज्योति अंग्रेजी माध्यम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नैनपुर की छात्रा है. दोनों टॉपर काफी सामान्य परिवार से है.

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दिव्यांशी के पिता का टेंट का व्यवसाय है जाहन्वी के पिता कृषक है। दोनों साथ में ही पढ़ई करती थी। दिव्यांशी जहां पिंडरई में रहती है तो उसकी सहेली जहान्वी 10 किलो मीटर दूर गोलकुल थाना ग्राम में, दूरी की वजह से दोनों फ़ोन के ज़रिये एक दूसरे के संपर्क में रह कर पढाई करती थी. दिव्यांशी और जहान्वी दोनों ही अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने गुरुजनों, माता – पिता, दोस्तों और यूट्यूब को देती हैं. यूट्यूब के जरिए भी उन्होंने काफी पढ़ाई की है.

दिव्यांशी आगे चलकर आईएएस अधिकारी बनना चाहती है. दिव्यांशी की ही तरह जहान्वी भी सिविल सर्विस में जाना चाहती हैं लेकिन इसके पहले वह लॉ करना चाहती हैं.

सेल्फ रीडिंग बनी टॉपर बनने की वजह
दिव्यांशी बताती हैं कि अब मेरा शेड्यूल अदर टॉपर्स की तरह नहीं था कि डेली 6 – 7 घंटे पढ़ने शेड्यूल नहीं था. उससे बेहतर यह होगा यदि आप बैलेंस स्टडी करें. आप पढ़ाई पर भी फोकस करें और डेली लाइफ को भी एंजॉय करें. मैं डेली एक से दो घंटे घर पर पड़ती थी. टीचर्स जो होम वर्क देते थे वो मैं घर में पढ़ती थी. ज्यादातर मैं अपनी सहेली के साथ पढ़ती थी. सेल्फ रीडिंग इज मोस्ट इम्पोर्टेन्ट थिंग. टीचर्स जो पढ़ाते है यदि हम उसको पढ़ लेते हैं तो सारी चीजें बहुत आसान हो जाती हैं और दिमाग में बैठ जाती हैं. किसी को समझाने से अच्छे से चीजें समझ में आती हैं.

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जहान्वी ने बताया YOUTUBE से मिली मदद
जहान्वी चंदेला ने प्रदेश में चौथा स्थान (कॉमर्स) में प्राप्त किया है. उन्होंने बताया कि उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है. हुत प्राउड फील हो रहा है, हम दोनों पर, हम दोनों साथ में स्टडी करते थे. 5 साल से हमारी आदत है हम साथ में ही पढ़ रहे हैं. हम लोग मस्ती भी करते थे, पढ़ते भी थे. दोनों के घर में 10 किलोमीटर का फासला था, जिस वजह से फोन पर बात करके पढ़ाई करते थे. यूट्यूब से भी हेल्प लेते थे. हमारे टीचर हमारी काफी हेल्प करते थे. जो भी पूंछों सब  बताते थे. हम लोग डेली ही पढ़ाई करते थे. हम दोनों के बीच कभी कोई कॉम्पिटिशन नहीं रहा. दिव्यांशी आईएएस बनना चाहती है, मैं भी सिविल सर्विसेज में जाना चाहती हूं. लेकिन उसके पहले में लॉ करना चाहती हूं.

पिता बेटी को बनाना चाहते हैं IAS
शरद जैन दिव्यांशी जैन के पिता – कह रहे हैं कि मुझे बहुत खुशी हो रही है. गर्व महसूस हो रहा है. पढ़ाई जिस टाइप की करती थी. उस टाइप से उम्मीद तो पूरी थी, लेकिन एमपी में टॉप करेगी इसकी उम्मीद कुछ कम थी. एमपी टॉप करने से मुझे बहुत खुशी है। बेटी को इसके बाद आईएएस की तैयारी के लिए जहां जाना चाहती है वह जा सकती है. पहले वह इंदौर और दिल्ली का सोच रही है. जहां भी जाना चाहिए उसको भेजेंगे.

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