chhindwara news: मध्यप्रदेश की छिंदवाड़ा की 7 विधानसभा सीटों पर बीजेपी की मजबूत नजर है. कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में बीजेपी हर हाल में अपना परचम इस विधानसभा चुनाव में फहराना चाहती है. इसके लिए पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान तक रणनीति बनाने में जुटे हैं. यही वजह है कि छिंदवाड़ा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान की सभाए और रैलियां हो चुकी हैं. इसके अलावा केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह तक यहां 4 दिन तक डेरा डालकर पार्टी को मजबूत बनाने का काम कर चुके हैं. बीजेपी की पूरी ताकत छिंदवाड़ा में लगाता देख कमलनाथ गुट भी अपना गढ़ बचाने की तैयारियों में जुट गया है.
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मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना ने बताया कि छिंदवाडा विधानसभा को लेकर कांग्रेस की रणनीति है कि सत्ता और संगठन सहित हमारे जो पूर्व पदाधिकारी हैं वे सभी बूथ स्तर से लेकर पन्ना प्रभारी के स्तर पर मिलकर तालमेल से काम करेंगे. 9 मई को परासिया में होने वाला सम्मेलन के लिए हम लोग जिले की सारी महिलाओं को आमंत्रित कर रहे हैं. माताओं और बहनों को शिवराज जी की झूठी घोषणाओं के बारे में बताएंगे और कमलनाथ ने जो घोषणा की है, उसे लेकर अपना वादा महिलाओं के सामने रखेंगे. हम हर महिलाओं को 1500 रुपए महीना देंगे और गैस सिलेंडर 500 रुपए में उपलब्ध कराएंगे.
दीपक सक्सेना का कहना है कि प्रधानमंत्री को छिंदवाड़ा के विकास के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है. उन्हें जो लिखकर दे दिया जाता है या बता दिया जाता है, उसे ही वे बोल देते हैं. जहां तक कमलनाथ का मामला है, मैंने पहले ही कहा कि कमलनाथ कांग्रेस के देश के टॉप टेन नेताओं में से एक हैं. इसलिए उन्हें ही बार-बार टारगेट किया जा रहा है.
ऐसा है छिंदवाड़ा में सीटों का गणित
छिंदवाड़ा में 7 विधानसभा सीटें हैं और सभी सीटों पर 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जीत मिली थी. इसके अलावा छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ ही लोकसभा सांसद हैं. पूरे मध्यप्रदेश में सिर्फ छिंदवाड़ा ही वह संसदीय सीट है, जिसे कांग्रेस जीत सकी थी और शेष सीटों पर हार गई थी. यही वजह है कि पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान तक छिंदवाड़ा को हर हाल में जीतना चाहते हैं और कमलनाथ को उनके ही गढ़ में मात देकर कांग्रेस का मनोबल पूरी तरह से तोड़ देना चाहते हैं, जिससे 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस मध्यप्रदेश की लगभग हर सीट पर कमजोर नजर आए.
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