महाकाल की नगरी उज्जैन की तुलना अक्सर काशी और प्रयागराज से की जाती है. कहा जाता है कि यहां पर स्वयं भगवान महाकाल प्रकट हुए हैं. अब ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से उज्जैन के लिए बड़ी खबर निकलकर सामने आई है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने महाकाल की नगरी में अलग धार्मिक सिटी बनाने का ऐलान किया है. इस धार्मिक सिटी का निर्माण 3300 हेक्टेयर एरिया में किया जाएगा.
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ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से मध्यप्रदेश खासकर महाकाल की नगरी उज्जैन के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है. इन्वेस्टर्स समिट में सीएम मोहन यादव ने बड़ा ऐलान करते हुए 3300 हेक्टेयर जमीन पर धार्मिक सिटी का ऐलान किया. इस सिटी में साधु-संतों, महंतों, महामंडलेश्वरों, शंकराचार्य को स्थायी जगह मिलेगी. ये सभी गुरुजन यहां आश्रम बनाएंगे. वे इन जगहों पर अन्न क्षेत्र चला सकेंगे, धर्मशाला बना सकेंगे, स्कूल-कॉलेज-अस्पताल बना सकेंगे.
खास बात यह है कि इस योजना में आम जनता भी शामिल होकर व्यवस्था में हाथ बंटा सकेगी. यानी कुल मिलाकर महाकाल की नगरी और ज्यादा धर्म का प्रचार के साथ-साथ नर सेवा कर सकेगी. यह घोषणा मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भोपाल में की. सीएम ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट-2025 के दूसरे दिन यानी 25 फरवरी को फिल्म एंड टूरिज्म सेशन को संबोधित कर रहे थे. इस सेशन में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और विख्यात अभिनेता पंकज त्रिपाठी भी मौजूद थे.
क्या होगा उज्जैन की धार्मिक सिटी में
सीएम यादव ने कहा कि साल 2028 में उज्जैन में सिंहस्थ होने वाला है. जब कुंभ राशि वृश्चिक राशि में प्रवेश करती है तो कुंभ हो जाता है. हर 12 साल में एक बार ऐसी स्थिति बनती है. उन्होंने कहा कि उज्जैन में लगभग 3300 हेक्टेयर जमीन में धार्मिक सिटी बसाने की योजना है. उसमें बड़े पैमाने पर साधु-संतों, महंतों, महामंडलेश्वरों, शंकराचार्य को स्थायी रूप से जगह दी जाएगी. वे आश्रम में अन्न क्षेत्र चला सकते हैं, धर्मशाला बना सकते हैं, स्कूल-कॉलेज और अस्पताल बना सकते हैं. केवल साधु संत ही नहीं आम लोग भी इस तरह की व्यवस्था में मदद कर सकते हैं.
टूरिज्म को पहले ही विकसित करने की कोशिश: सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार बनने के बाद ही हमने टूरिज्म सेक्टर को सबसे पहले विकसित करने की कोशिश की. इसके मद्देनजर हमने एविएशन पॉलिसी में बदलाव किया है. टूरिज्म को बढ़ाने के लिए हमारी खुद की विमान सेवा भी है. उन्होंने कहा कि विमानों की संख्या बढ़ने पर हम कंपनियों को इंसेंटिव देंगे. आज सिंगरौली, जबलपुर, रीवा की एयर कनेक्टिविटी जबरदस्त हो गई है. हमने एयर एंबुलेंस भी शुरू की. जहां-जहां हवाई पट्टी है वहां विमान से और जहां हेलीपैड है वहां हैलीकॉप्टर से मरीजों को पहुंचाया जाता है. आजकल टूरिज्म में हेल्थ टूरिज्म भी आ रहा है. इसके लिए हम कई तरह के प्रयोग कर रहे हैं.
भोपाल ऐसा शहर, जहां दिन में इंसान तो रात में टाइगर घूमते हैं..CM
सीएम ने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर कोई हार्ट पेशेंट ईश्वर के दर्शन करने उज्जैन आ रहा है और वह आयुष्मान कार्ड धारी है, तो हम कोशिश करेंगे कि उसके हार्ट का ऑपरेशन वहीं हो जाए. हम उसके रहने-खाने की व्यवस्था करेंगे और ऑपरेशन करवाकर वापस भिजवा देंगे. राजधानी भोपाल एक ऐसा शहर है, जहां दिन में इंसान तो रात में टाइगर घूमते हैं. इन दिनों टाइगर ने भी सह अस्तित्व की भावना अपनाकर जीवनशैली बदल ली है. आमतौर पर एक टाइगर को जीने के लिए 45 से 50 किलोमीटर की जरूरत होती है. जबकि, बाघिन को 10-15 किमी इलाके की जरूरत होती है.
लेकिन, अब इनकी संख्या इतनी बढ़ गई है कि बाघ बाघिन के इलाके में ही जीवन पूरा कर रहा है. पूरे देश में सबसे ज्यादा टाइगर हमारे पास हैं. पूरे देश में सबसे ज्यादा लेपर्ड भी हमारे पास हैं. हमारे पास पहले 7 टाइगर रिजर्व थे. इसी साल हमने रातापानी में 8वां टाइगर रिजर्व घोषित किया. इसे डॉ विष्णु वाकणकर का नाम दिया गया है. माधव नेशनल पार्क हमारा 9वां टाइगर रिजर्व है. 10 मार्च को उसका लोकार्पण होगा.
मध्यप्रदेश में लगातार हो रहे नवाचार: शेखावत
इस मौके पर केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि आज पूरा विश्व इस बात को स्वीकार कर रहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था हर सातवें वर्ष में दोगुनी हो जाएगी. देश के सभी राज्यों की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका है और बहुत ही खुशी की बात है कि मध्यप्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में लगातार अधोसंरचना का विस्तार और नवाचार हो रहे हैं.
सीएम यादव ने मजेदार अंदाज में केंद्रीय मंत्री शेखावत से कहा कि मंत्री जी आपके जोधपुर में शायद फर्नीचर अच्छा बनाते हैं. लेकिन, मजेदार बात है कि जोधपुर में लकड़ी नहीं है और फर्नीचर सबसे अच्छा बनता है. हमारे यहां लकड़ी बहुत है, लेकिन फर्नीचर नहीं बना पाते. इसलिए आपका और हमारा एमओयू कर लेते हैं.
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पंकज त्रिपाठी ने की MP की तारीफ
अभिनेता पंकज त्रिपाठी ने कहा कि मध्यप्रदेश अद्भुद है विलक्षण है, यहा अपार संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में जितनी खूबसूरती है, उतनी कहीं और नहीं. यहां आकर वापस जाने का मन नहीं करता. यहां आकर मन को शांति मिलती है. उन्होंने मध्यप्रदेश में फिल्म शूटिंग के दौरान अनुभवों को साझा करते हुए यहां की प्रकृति के बारे में बताया.
GIS में पहले दिन 22 लाख 50 हजार करोड़ के मिले निवेश प्रस्ताव, MoU
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में सोमवार को भोपाल के राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में शुरू हुई दो दिवसीय ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के काफी सुखद परिणाम आये हैं. समिट के पहले दिन बड़ी संख्या में निवेश के प्रस्ताव मिले. इसमें 22 लाख 50 हजार 657 करोड़ के इंटेशन-टू-इन्वेस्ट, एमओयू और निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुये. इससे 13 लाख 43 हजार 468 रोजगार सृजन होगा.
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