जिला अस्पताल की बिल्डिंग को जीएसआईटीएस की रिपोर्ट बता चुकी है जर्जर, उसके रंग रोगन में खर्च किए करोड़ों

Dewas News: देवास के लोगों को इलाज का भरोसा दिलाने वाला जिला अस्पताल (Mahatma Gandhi District Hospital) खुद जर्जर और बीमारी की हालत में है. अगर आप इसकी इमारत की तस्वीर देख लें तो शायद विश्वास नहीं होगा कि ये किसी जिला अस्पताल की बिल्डिंग है. जिला अस्पताल की इमारत जर्जर हालत में है. अस्पताल […]

Dewas, MY Hospital, MP News, Mahatma Gandhi Hospital, Dewas
Dewas, MY Hospital, MP News, Mahatma Gandhi Hospital, Dewas

शकील खान

10 Feb 2023 (अपडेटेड: 10 Feb 2023, 04:21 PM)

follow google news

Dewas News: देवास के लोगों को इलाज का भरोसा दिलाने वाला जिला अस्पताल (Mahatma Gandhi District Hospital) खुद जर्जर और बीमारी की हालत में है. अगर आप इसकी इमारत की तस्वीर देख लें तो शायद विश्वास नहीं होगा कि ये किसी जिला अस्पताल की बिल्डिंग है. जिला अस्पताल की इमारत जर्जर हालत में है. अस्पताल के बीम और कॉलम से लेकर छत तक सब बुरी हालत में है. इसकी बिल्डिंग एकदम कमजोर हो चुकी है. हैरानी की बात तो ये है कि अस्पताल के मेंटेनेंस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जबकि ऊपरी साज-सजावट पर करोड़ों रुपये खर्च कर दिए हैं.

Read more!

अस्पताल की इमारत की हालत को लेकर इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट (SGSITS) 2020 में अपनी रिपोर्ट में खुलासा कर चुका है. इस रिपोर्ट में बिल्डिंग की हालत को नाजुक बताते हुए मेंटेनेंस कराने की सलाह दी गई थी. इसके बावजूद भी इसमें कोई सुधार नहीं किया गया. बताया जा रहा है कि औद्योगिक क्षेत्र की कंपनियों के सीएसआर मद से अस्पताल की बिल्डिंग को बाहर से चमकाया गया, जिसमें करोड़ों रुपये खर्च कर दिए गए. कुछ महीने पहले ही देवास कलेक्टर बने ऋषव गुप्ता का कहना है कि सीएसआर मद से कितना खर्च किया गया, इसके आंकड़े जुटाए जा रहे, अभी मेरे पास नहीं है. 

रिपोर्ट के बाद भी नहीं हुआ सुधार
2020 में देवास विकास प्राधिकरण ने इंदौर के इस इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट को पत्र लिखकर इस बिल्डिंग की स्थिति जानने के लिए कहा था. इसके ऊपर 2 लाख 71 हजार रुपये खर्च किये थे. इंजीनियर्स की टीम ने इस बिल्डिंग की बारीकी से जांच कर अपनी रिपोर्ट देवास विकास प्राधिकरण को सौंप दी थी. इसमें बिल्डिंग का मेंटेनेंस कराने की सलाह दी गई थी. इसके बावजूद भी स्थिति पर ध्यान नहीं दिया गया और बिल्डिंग की हालत में अब तक कोई सुधार नहीं किया गया.

Indore: देश के पहले ग्रीन बॉन्ड में निवेशकों ने दिखाई दिलचस्पी, 3 घंटे में ही 300 करोड़ का आंकड़ा हुआ पार

मेंटेनेंस नहीं होने से जर्जर हुई इमारत
SGSITS की रिपोर्ट के मुताबिक अस्पताल की बिल्डिंग की रिपेयरिंग और रूटीन मेंटेनेंस नहीं होने की वजह से अस्पताल की बिल्डिंग की हालत खराब हो रही है. रिपोर्ट में बताया गया कि दीवार में नमी और स्लेब में सीपेज की समस्या है. कुछ जगहों पर क्रेक भी आने की बात रिपोर्ट में कही गई थी.

इंदौर रचेगा नया इतिहास; ग्रीन बॉन्ड के जरिए सोलर प्लांट के लिए 244 करोड़ जुटाने की तैयारी

कलेक्टर ने किया मेंटेनेंस का दावा
देवास कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने इस मामले पर बातचीत करते हुए बताया कि अस्पताल बिल्डिंग का GSITS की रिपोर्ट आने के बाद थोड़ा मेंटेनेंस हो चुका है और अभी बाकी है. PWD की जांच के बाद बिल्डिंग को लेकर आगे का फैसला लिया जाएगा कि मेंटेनेंस के लिए और कितने फंड की जरूरत है.

    follow google news